क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) पर की गई स्टडी का ऐसा रहा रिजल्ट
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले रोगियों में से, 44% में मेटाबोलिक सिंड्रोम था। इंसुलिन संवदेनशीलता, एंड्रोजन (Androgen) और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के लेवल में काफी कमी आई थी। वहीं टोटल मास, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, सीआरपी (CRP), लेप्टिन (Leptin) और फ्रुक्टोसामाइन (Fructosamine) का स्तर अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम रोगियों में काफी बढ़ गया था। इलाज किए गए क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के रोगियों में, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एडिपोनेक्टिन (Adiponectin) में काफी कमी आई थी, जबकि अनुपचारित क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम रोगियों की तुलना में शरीर की संरचना में कोई अंतर नहीं पाया गया था। बहुभिन्नरूपी विश्लेषण से पता चला है कि ट्रंकल फैट (Truncal fat) मेटाबॉलिक सिंड्रोम और इंसुलिन संवेदनशीलता का प्रमुख निर्धारक था।
इस स्टडी के जरिए क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम और डायबिटीज (Klinefelter Syndrome and Diabetes) या अन्य मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कनेक्शन को समझा जा सकता है। जिसमें क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में डायबिटीज होने का कारण ट्रंकल फैट डिपॉजिट को माना गया है। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के कॉम्प्लिकेशन में सिर्फ टाइप 2 डायबिटीज ही शामिल नहीं है। इसके अलावा क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम निम्न का रिस्क बढ़ा सकता है।
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क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के अन्य कॉम्प्लिकेशन (Other Complications of Klinefelter Syndrome)
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम से निम्न का खतरा बढ़ सकता है।
यदि आप या आपके बेटे को क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम का निदान किया गया है, तो आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की मदद लेनी पड़ सकती है, लेकिन ये बात तो जान लें कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के कारण होने वाले लिंग गुणसूत्र परिवर्तनों को ठीक करने का कोई तरीका नहीं है, उपचार इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। जितनी जल्दी निदान किया जाता है और उपचार शुरू किया जाता है, उतना ही अधिक लाभ होता है।
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