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थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या क्या बन सकती है परेशानी का सबब?

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Toshini Rathod


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/01/2022

    थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या क्या बन सकती है परेशानी का सबब?

    डायबिटीज की समस्या किसी भी हेल्दी व्यक्ति के लिए तकलीफ दे साबित हो सकती है। यह लाइफस्टाइल डिजीज मानी जाती है, जिसके कारण अन्य तरह की समस्याएं भी व्यक्ति को हो सकती हैं। डायबिटीज के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं, जिसमें डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) का नाम शामिल है। डायबिटीज की समस्या कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी होती है और इन्हीं स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है थैलेसीमिया मेजर। थैलेसीमिया मेजर एक ऐसी समस्या है, जो व्यक्ति के लिए कई चुनौतियों का कारण बनती है। लेकिन एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया है कि थैलेसीमिया मेजर से ग्रसित लोगों में आमतौर पर डायबिटीज मेलेटस की समस्या देखी गई है। थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की तकलीफ क्यों होती है और थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) किस तरह जोखिम का सबब बनता है, इसके बारे में अधिक जानकारी लेने से पहले आइए जानते हैं डायबिटीज के बारे में। 

    डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।

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    यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज (Diabetes) अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में।

    ये हो सकते हैं डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)

    यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज (Pancreas) इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –

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    ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:

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    जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज की समस्या आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, लेकिन इससे जुड़े कॉम्प्लिकेशन के बारे में भी आपको सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) की तकलीफ के बारे में जानने से पहले जानते हैं डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन के बारे में। 

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    कौन से हैं डायबिटीज से जुड़े कॉम्प्लिकेशन? (Diabetes complications) 

    डायबिटीज (Diabetes) की समस्या एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ कई तरह की बीमारियों को न्यौता देती है। यह धीरे-धीरे आपके शरीर में घर करती जाती है, लेकिन इससे जुड़ी सही जानकारी होने पर आप इसके लक्षणों पर ध्यान देकर इसका इलाज जल्द से जल्द करवा सकते हैं। डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन के रूप में आपको यह तकलीफें दिखाई दे सकती हैं –

  • आंखों की समस्या
  • इंफेक्शन
  • ब्लड प्रेशर
  • कोलेस्ट्रॉल
  • नर्व डैमेज
  • पाचन संबंधी समस्याएं
  • किडनी डैमेज
  • हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
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    यह सभी समस्याएं आपको डायबिटीज के चलते हो सकती हैं, इसलिए इन समस्याओं को डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन (Diabetes complications) के रूप में देखा जाता है। दरअसल डायबिटीज से जुड़ी यह सभी समस्याएं किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकती हैं, इसलिए डायबिटीज को सामान्य बनाकर इन कॉम्प्लिकेशन को दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। जैसा कि आपने जाना डायबिटीज की समस्या किसी भी व्यक्ति के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, लेकिन जब हम बात कर रहे हैं थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) के बारे में, तो डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) से जुड़ी यह जानकारी भी आपके लिए जरूरी है।

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    क्या है डायबिटीज मेलेटस? (Diabetes mellitus)

    थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major)

    डायबिटीज मेलेटस की समस्या होने पर व्यक्ति की पेनक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाती, जिसकी वजह से शरीर में मौजूद कोशिकाओं में इंसुलिन ठीक ढंग से नहीं पहुंच पाता और व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता चला जाता है। जिससे आम तौर पर शरीर के अलग-अलग अंग प्रभावित होने लगते हैं। डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) टाइप वन डायबिटीज और टाइप टू डायबिटीज दोनों में ही दिखाई दे सकता है। आइए अब जानते हैं थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) की समस्या किस तरह आप को प्रभावित कर सकती है।

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    थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या के बारे में क्या कहती है रिसर्च? (Diabetes mellitus in thalassemia major) 

    नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) की समस्या कई परेशानियां खड़ी कर सकती हैं। इस संबंध में हुई एक रिसर्च में रिसर्चर ने पाया कि थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या आम तौर पर देखी गई। जिसने व्यक्ति के लिए अब्नॉर्मल ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म का रिस्क खड़ा किया। वहीं इस रिसर्च में पाया गया कि थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या पर नजर बनाए रखना डॉक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण है, जिसकी वजह से थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) से ग्रसित व्यक्ति की सेहत को सामान्य बनाए रखना मुश्किल भरा साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज मैनेजमेंट के जरिए थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस की समस्या को सामान्य बनाए रखने की कोशिश की जा सकती है। खासतौर पर न्यूट्रिशनल डायट के जरिए इन दोनों ही स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकता है। 

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    थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus in thalassemia major) की समस्या को सही इलाज और सही खानपान के जरिए बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेकर ही अपने खानपान में बदलाव किए जाने चाहिए। साथ ही अपनी स्थिति के अनुसार डायबिटीज मैनेजमेंट से जुड़ी जानकारी लेनी चाहिए। रेगुलर चेकअप और डॉक्टर से कंसल्ट करके सही दवाओं के जरिए भी थैलेसीमिया मेजर में डायबिटीज मेलेटस (Diabetes mellitus) की समस्या को सामान्य बनाया जा सकता है।

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