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ड्राई आई सिंड्रोम : जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


indirabharti द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    ड्राई आई सिंड्रोम : जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में आंखों को सबसे ज्यादा अहम् माना जाता है। इस खूबसूरत दुनिया को देखने का काम इन्हीं आंखों से होता है। आंखें जितनी जरूरी हैं उतनी ही कॉम्प्लिकेटेड बॉडी पार्ट भी है। इसका ख्याल आपको काफी ध्यान से रखना होता है। आंखों को अगर जरा भी इग्नोर किया जाए तो इससे आपको कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आंखों में होने वाली आम समस्याओं में से एक समस्या है ड्राई आई सिंड्रोम। इस आर्टिकल में हम आपको खासतौर से ड्राई आई सिंड्रोम किसे कहते हैं, इसके होने के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं।

    ड्राई आई सिंड्रोम क्या है

    ड्राई आई सिंड्रोम यानि कि आंखों में सूखापन की शिकायत होना। ये समस्या आमतौर पर तब उत्पन्न होती है जब आंखों में आंसू नहीं बन आते हैं इस वजह से आंखों की चिकनाहट चली जाती है। अमूमन ड्राई आई सिंड्रोम दो कारणों से होता है, एक अगर आंखों से बिल्कुल ही आंसू न निकले और दूसरा जब आपकी आंखों से खराब क्वालिटी के आंसू निकलते हों। ये दोनों ही स्थितियां ड्राई आई सिंड्रोम का कारण बन सकती है। इस कारण से आंखों में जलन , आंखें लाल और खुजली हो सकती है। कई बार ड्राई आई सिंड्रोम की ये स्थिति ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करने, एयर कंडीशन में ज्यादा देर रहने, बाइक पर घूमने और हवाई यात्रा के दौरान उत्पन्न हो सकती है।

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    ड्राई आई सिंड्रोम के कारण

    आंसू को यूं ही कीमती नहीं माना जाता है, ये वास्तव में काफी कीमती हैं। अब ड्राई आई सिंड्रोम को ही ले लीजिये इसका भी प्रमुख कारण आंखों से आंसू ना निकल पाना या खराब क्वालिटी का आंसू निकलना है। बता दें कि, आंखों से निकलने वाला आंसू असल में पानी और फैटी ऑयल का मिक्सचर होता है, यह आंखों की चिकनाहट को बरकरार रखने का काम करते हैं। ये आंखों की सतह को चिकनी और साफ रखने के साथ ही बहुत प्रकार के इंफेक्शन से भी आंखों को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। कुछ लोगों में ड्राई आई सिंड्रोम का कारण पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनना होता है तो कुछ में इसके कारण निम्नलिखित हो सकते हैं।

  • उम्र बढ़ने के साथ भी लोग ड्राई आई सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं।
  • पहले कभी अगर व्यक्ति लेजर आई सर्जरी से गुजरा हो तो उसे भी ये समस्या हो सकती है।
  • गठिया, डायबिटीज, विटामिन ए की कमी और थायरॉइड आदि बीमारी भी इस आई सिंड्रोम के कारण बन सकते हैं।
  • रेडिएशन या इंफ्लामेशन की वजह से टियर ग्लैंड का डैमेज होना भी ड्राई आई सिंड्रोम का एक कारण हो सकता है।
  • कुछ लोगों में ब्लड प्रेशर, मुहांसे, गर्भनिरोधक गोलियां या फिर अन्य किसी बीमारी में हैवी डोज मेडिसिन का सेवन करना भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
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    ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या किन लोगों में ज्यादा होने का खतरा रहता है

    • ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या आमतौर पर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में होना सबसे आम है। उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों में आंसू का बनना भी कम हो जाता है।
    • महिलाओं में ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या होना सबसे आम है। महिलाओं में विशेष रूप से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाला हॉर्मोनल चेंज, गर्भ निरोधक गोलियां और मेनोपॉज की वजह से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    • जिन लोगों की डायट में विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी होती है उनलोगों में भी ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    • इसके अलावा आंखों में सूखेपन की समस्या कई लोगों में आमतौर पर कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से भी हो सकता है।

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    ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण क्या हो सकते हैं

    • यदि आपको अक्सर देखने में चीजें धुंधली नजर आती है, तो ये ड्राई आई सिंड्रोम का एक लक्षण हो सकता है।
    • आंखों में जलन, खुजली और चुभन होना भी आंखों की इस समस्या का एक मुख्य लक्षण हो सकता है।
    • अक्सर आंखों का लाल होना भी ड्राई आई सिंड्रोम का एक लक्षण हो सकता है।
    • अगर कांटेक्ट लेंस पहनने में दिक्कत हो रही हो।
    • तेज रोशनी में देखने में दिक्कत होना या आंखों में जलन होना इस सिंड्रोम का एक लक्षण हो सकता है।
    • आंखों से सामान्य से ज्यादा म्यूकस का निकलना भी इस बीमारी का एक लक्षण हो सकता है।
    • रात के समय गाड़ी चलाने में दिक्कत होना।

    अगर आपको भी आंखों में ये सभी लक्षण आमतौर पर नजर आते हैं तो आपको तत्काल ही किसी आई स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए। आंखों के मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

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    ड्राई आई सिंड्रोम से कैसे करें बचाव

  • ड्राई आई सिंड्रोम से आंखों को बचाने के लिए इसे बहुत ज्यादा गर्म और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचाएं। विशेष रूप से हेयर ड्रायर, एयर कंडीशनर और हीटर आदि से निकलने हवा से आंखों को बचाना चाहिए।
  • कंप्यूटर पर काम करते वक्त या ज्यादा देर तक किताब पढ़ते समय बीच-बीच में कुक मिनटों के लिए आंखों को आराम दें और उसके बाद फिर काम शुरू करने।
  • धूप में बाहर निकलते समय आंखों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्टिव सनग्लास जो आंखों को धूप की रोशनी और तेज हवा से बचाने का काम करते हैं।
  • एक शोध के अनुसार आंखों में सूखेपन की समस्या उन लोगों को भी हो सकती है जो ज्यादा सिगरेट पीते हैं। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए सिगरेट पीने ली लत को छोड़ दें।
  • जब भी ऐसा लगे की आंखों में ड्राईनेस हो रही है तो उस समय आंखों में डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप लेना ना भूलें।
  • जब भी काफी ज्यादा हाई विंड वाली जगह पर जाना हो या आप हवाई यात्रा कर रहे हों तो उस समय कुछ मिनटों पर पलकों को झपकना ना भूलें। ऐसा करने से आंखों में लुब्रिकेशन बना रहता है।
  • अपनी डायट में विटामिन ए और ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा से ज्यादा रखें।
  • डिस्क्लेमर

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