के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
कॉन्टैक्ट लैंस (Contact lenses) आंखों के लिए एक ऐसा विकल्प है जिससे देखने की क्षमता को ठीक किया जा सकता है। जिस तरह हम चश्मे का इस्तेमाल करते हैं ठीक वैसे ही इसे आंखों की कॉर्निया पर लगाया जाता है या पहना जाता है। जिन्हें चश्मा पहनना पसंद नहीं या किसी कारण चश्मा इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, वे कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल करते हैं या कर सकते हैं। कॉन्टैक्ट लैंस छोटी सी कटोरी जैसा होता है, जिसे आंखों की कॉर्निया पर लगाया जाता है। हालांकि आंखों के इस लैंस को बेहद ही सावधानी पूर्वक लगाया जाता है। कॉन्टैक्ट लैंस कई तरह के होते हैं।
सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस सॉफ्ट और फ्लेक्सिबल प्लास्टिक के बने होते हैं। सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस में इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक से ऑक्सिजन का आसानी से आदान प्रदान होता है। सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस को आसानी से एडजस्ट भी किया जा सकता है। आजकल सिलिकॉन-हाइड्रोजेल सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस भी काफी ट्रेंड में हैं और सामान्य सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस की तुलना में ज्यादा बेहतर माने जाते हैं। क्योंकि सिलिकॉन-हाइड्रोजेल सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस आंखों को सामान्य सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस से ज्यादा ऑक्सिजन प्रदान करते हैं।
रिजिड गैस परमिएबल लैंस अन्य आंखों के लैंस की तुलना में अब उपयोग कम किए जाते हैं। रिजिड गैस परमिएबल कॉन्टैक्ट लैंस अन्य आंखों के लैंस की तुलना में किफायती माने जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस लैंस का इस्तेमाल करना ज्यादा आसान होता है और यह जल्दी टूटते भी नहीं हैं। रिजिड गैस परमियबल कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल करना शुरुआत में थोड़ा कठिन हो सकता है। ये धीरे-धीरे अन्य लैंस की तरह सॉफ्ट भी नहीं होते हैं, लेकिन कुछ सप्ताह लगातार इस्तेमाल करने से यह भी आरामदायक हो जाते हैं।
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एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस इसलिए बेहतर माने जाते हैं क्योंकि इस लैंस को सोने के दौरान भी पहना जा सकता है। ऐसे लैंस का इस्तेमाल एक हफ्ते से 30 दिनों तक लगातार भी किया जा सकता है। एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस काफी सॉफ्ट माने जाते हैं। इसलिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। फ्लेक्सिबल प्लास्टिक से बने एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस से भी ऑक्सिजन का आदान-प्रदान बेहतर तरीके से होता है। हालांकि अगर लैंस को लगातार पहनना है, तो यह लैंस की क्वॉलिटी पर भी निर्भर करता है, लेकिन रिसर्च के अनुसार आंखों को बिना लैंस के आराम करना भी जरूरी होता है। इसलिए कुछ घंटे पहनने के बाद कोशिश करें कि सोने के पहले इसे निकाल दें।
डिस्पोजेबल एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस यूज एंड थ्रो होते हैं। डिस्पोजेबल एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस का चयन अपनी आवश्यकतानुसार नहीं करना चाहिए। डिस्पोजेबल एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस जब तक ऑप्थल्मोलॉजिस्ट सलाह न दें तब तक इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डिस्पोजेबल एक्सटेंडेड वियर कॉन्टैक्ट लैंस को रिप्लेसमेंट शेडूअल भी कहा जाता है क्योंकि इसका इस्तेमाल एक बार करने के बाद फिर से नहीं किया जाता है।
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कॉन्टैक्ट लैंस से निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं। जैसे-
इन परेशानियों से बचने के लिए कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल अगर ठीक से न किया जाए तो आंखों से संबंधित परेशानियां हो सकती है। इसलिए आंखों के लैंस का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए। कोई परेशानी न हो इसलिए निम्नलिखित तरह से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे:-
कॉन्टैक्ट लैंस आंखों में लगाने से पहले सबसे पहले हाथों की अच्छी तरह से सफाई करें। हाथ को साबुन से क्लीन करें। अब अपने दोनों हाथों को अच्छी तरह से टॉवेल की मदद से पोछ लें। बेहतर होगा की हाथ को सुखाने के लिए पोछते वक्त टॉवेल या एयर ड्रायर का इस्तेमाल करें। इस दौरान टिशू पेपर के इस्तेमाल से बचें क्योंकि यह हाथों में चिपक सकता है और कई बार हम इसे देख भी नहीं पाते।
अगर आपके दोनों आंखों के लैंस का नंबर एक समान है, तो फिर कोई परेशानी की बात नहीं है, लेकिन अगर आपके दोनों आंखों की पावर अलग-अलग है तो आंखों में लैंस लगाने से पहले लैंस को ठीक तरह से चेक कर लें।
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कॉन्टैक्ट लैंस आंखों में लगाने से पहले उसे अपनी उस उंगली की टिप पर रखें जिससे आप आसानी से कॉन्टैक्ट लैंस आंखों में लगा सकें। इस दौरान यह ध्यान रखें कि लैंस आपके नाखून पर नहीं होनी चाहिए। बेहतर होगा कि आप इस दौरान अपनी उंगली पर लैंस सल्यूशन को लगाएं। अगर आपका लैंस सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लैंस है, तो यह हमेशा ध्यान रखें कि लैंस आपने अपनी उंगली पर सीधा या उल्टा रखा है। जिस उंगली से लैंस पहन रही हैं या पहन रहें हैं वह कटी या फटी हुई नहीं होनी चाहिए।
एक हाथ की उंगली पर लैंस और दूसरे हाथ से अपनी पलकों को ऊपर की ओर उठाएं और आसानी से लैंस लगा लें।
कॉन्टैक्ट लैंस जब आप अपनी आंखों पर लगा रहें होंगे तब आंखे बार-बार न झपकाएं। आंखें बार-बार झपकाने से लैंस ठीक से नहीं लग पाएगा और आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है।
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जब आप कॉन्टैक्ट लैंस लगा रहें हो तो उस उंगली से कॉर्निया पर तेज प्रेशर न डालें। यह आसानी से लग जाता है।
जब आप लैंस लगा चुके होते हैं तो तुरंत उसी वक्त आंखों को तेजी से झपकाने से बचें। हमेशा लैंस लगाने के बाद आंखों को धीरे से झपकाएं। ऐसा करने से आपको भी परेशानी महसूस नहीं होगी।
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कॉन्टैक्ट लैंस आंखों से निकालते वक्त जल्दबाजी न करें और सबसे पहले ऐसे आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें जिससे आंखें नम होती हों। इस आईड्रॉप को डालने के बाद ही लैंस को निकालें। इस दौरान आंखों को ऊपर की ओर देखें और फिर उंगली की सहायता से कॉन्टैक्ट लैंस को आराम से बिना प्रेशर के निकाल लें।
कॉन्टैक्ट लैंस को हमेशा ही उसके बॉक्स में रखें। अगर आप डिस्पोजेबल कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे एक बार यूज करके फिर से यूज न करें। वैसे कुछ कॉन्टैक्ट लैंस को सिर्फ एक हफ्ते या सिर्फ एक महीने ही लगाने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी ऐसे ही कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल करते हैं, समय-समय पर इसे बदलते रहें। कॉन्टैक्ट लैंस को जब ही निकाल कर रखें तो उस वक्त आप उसे लैंस सल्यूशन में ही रखें। ऐसे करने से कॉन्टैक्ट लैंस की क्वॉलिटी बनी रहेगी और इसमें इंफेक्शन का खतरा भी नहीं हो सकता है।
कॉन्टैक्ट लैंस को इन ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो कर आसानी पहना जा सकता है, लेकिन लैंस पहनने के पहले आपके पास क्या-क्या होना आवश्यक है?
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कॉन्टैक्ट लैंस पहनने वाले लोगों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन बातों में शामिल हैं-
इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही कॉन्टैक्ट लैंस का इस्तेमाल करें। अगर आप कॉन्टैक्ट लैंस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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