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हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) : जानिए क्यों अलग होता है दोनों आंखो का रंग?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Priyanka Srivastava द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/02/2020

    हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) : जानिए क्यों अलग होता है दोनों आंखो का रंग?

    हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) क्या होता है?

    हेट्रो का मतलब है (अलग) – क्रोमिया का (रंग) । यानि की अलग रंग।  हेट्रोक्रोमिया ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें एक व्यक्ति की दोनों आंखे अलग -अलग रंग की होती हैं। उदाहरण के तौर पर एक आंख नीली तो दूसरी हरी। जरूरी नहीं कि इस स्थिति में हमेशा दोनों आंखों का रंग अलग हो। कभी -कभी एक ही आंख में दूसरे रंग का पैच आ जाता है। आंखों के रंग का उल्लेख करने के लिए हेटरोक्रोमिया इरिडिस और हेटेरोक्रोमिया इरिडम शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। इरिडिस और इरिडम का मतलब आंखों  की आईरिस से है। यह पतली गोल संरचना है जो कि पुतली को घेरे रहती है जिसमें मिलेनिन होता है। मिलेनिन की मात्रा पर ही आंखों का रंग निर्भर करता है। आपने देखा या सुना होगा कि कुछ लोगों की आंखों का रंग अलग अलग होता है। लेकिन क्या आपने इस स्थिति के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश की है? क्या आप इस स्थिति के बारे में कुछ जानते हैं? अगर नहीं, तो हैलो हेल्थ का ये आर्टिकल आज हम आपके लिए लेकर आए हैं।

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    क्या हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) कोई बीमारी है?

    हेट्रोक्रोमिया का सीधा संबंध आंखों के रंग से है। यह एक नॉर्मल मेडिकल कंडीशन है जो कोई बीमारी नहीं है। जिससे आंखों की रोशनी पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह ज्यादातर अनुवांशिक होता है यानी की माता पिता से ही बच्चों में आती है। कभी -कभी यह अनुवांशिक न हो कर किसी चोट के कारण भी हो सकती है।

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    हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) कितने प्रकार का होता है?

    आंखों के अलग अलग रंग होने वाली इस स्थिति के कई प्रकार होते हैं। नीचे हम आपको इसके कुछ प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं। हेट्रोक्रोमिया को उसके प्रभाव और आइरिस के आधार पर तीन प्रकार से बांटा जा सकता है।

    पूरा हेट्रोक्रोमिया

    यह वह स्थिति है जिसमें एक आंख की तुलना में दूसरी आंख का आइरिस पूरी तरह से अलग होता है और दोनों आंखे एक- दूसरे से रंग में बिल्कुल अलग होती हैं।

    आंशिक हेट्रोक्रोमिया

    इसे सेक्टोरल हेट्रोक्रोमिया भी कहते हैं। इस स्थिति में आंख के आइरिस का कुछ हिस्सा अलग रंग का होता है। यह एक या दोनों आंखो में हो सकता है।  

    केंद्रीय हेट्रोक्रोमिया

    हेट्रोक्रोमिया की इस स्थिति में आइरिस का रंग के पुतली के पास बॉर्डर पर अलग होता है, बाकि पूरी आइरिस का रंग अलग होता है। क्योंकि इसका प्रभाव पुतली के करीब और आंख के बीच में दिखता है इसलिए इसे केंद्रीय हेट्रोक्रोमिया कहते हैं।

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    हेट्रोक्रोमिया (Heterochromia) के कारण

    जैसे पहले ही स्पष्ट किया गया है कि यह कोई बीमारी नहीं है और इसके अधिकांश मामले सामान्य (जिनका कोई नुकसान नहीं) हैं। बच्चा सामान्य हेट्रोक्रोमिया के साथ पैदा हो सकता है जिसका पता बचपन के शुरुआती दिनों में चल जाता है। जब आइरिस अपने पूरे मिलेनिन को प्राप्त करता है। यह जन्मजात हेट्रोक्रोमिया है जो कि अनुवांशिक है।   

    कभी -कभी हेट्रोक्रोमिया जन्म के कुछ समय बाद विकसित हो जाता है जिसे अधिग्रहित हेट्रोक्रोमिया कहते हैं। जिसका कारण आंख में चोट लगना हो सकता है।  कभी- कभी यह कुछ दवाओं के कारण भी हो सकता है।

    लैटिस एक रिप्रस्पोज्ड ग्लूकोमा दवा है जो मुख्य रूप से पलकों को घना करने के लिए एक कॉस्मेटिक एजेंट के रूप में इस्तेमाल की जाती है। यह भी आइरिस को रंग बदलने का कारण बन सकती है।

    अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि क्यों कुछ लोगों की आंखें दो अलग -अलग रंग की होती हैं और हेट्रोक्रोमिया क्या है। लोगों में इसे लेकर एक अलग ही उत्सुकता होती है कि ऐसा क्यों होता है। साथ ही कुछ लोग इसके प्रति नकारात्मक नजरिया भी रखते हैं जिसकी कोई जरूरत नहीं है क्यों​कि यह कोई बीमारी नहीं है।

    आपको बता दें कि ऐसे कई सेलिब्रिटी हैं, जिनकी आंखों का रंग अलग-अलग है। नीचे हम कुछ ऐसे ही सेलेब्स के बारे में बता रहे है, जिनकी आंखों का रंग अलग-अलग है :

    • केट बोसवोर्थ हॉलीवुड की जानीं मानीं अदाकारा है और वो काफी खूबसूरत भी हैं। उनकी भी दोनों आंखों का अलग-अलग रंग है। उनकी एक आंख का रंग ब्लू है और दूसरी आंख का रंग डार्क हेजल है।
    • मिला कुनीस एक अमेरिकी एक्ट्रेस हैं। उनकी भी आंखों का रंग अलग अलग है, लेकिन ये तभी पता चलता है जब उनकी आंखों को गौर से देखा जाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुनीस एक समय पर क्रोनिक इंफ्लमेशन से पीड़ित थीं। उन्होंने एक बार कहा भी था कि वो कई सालों तक एक आंख से देख नहीं सकती थीं। उन्होंने ये भी  लिखा था कि उनकी इस समस्या को कोई जानता भी नहीं था। लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी आंखों की सर्जरी कराई, जिस कारण उनकी आंखों का रंग अलग-अलग हो गया।
    • डोमिनिक शेरवुड भी जाने माने सेलेब्रिटी हैं। उनको हमेशा अपनी आधी नीली-आधी भूरी बाईं आंख से प्यार नहीं था। अप्रैल में, उन्होंने एक बच्चे को एक संदेश ट्वीट किया जो उसकी आंख की स्थिति के लिए परेशान था: “आपकी आंखें सुंदर से परे हैं,’ उन्होंने लिखा। “मुझे मेरे बारे में यह महसूस करने में काफी समय लगा।’
    • किफर सदरलैंड की आंखों का रंग भी अलग अलग है। हालांकि उनकी आंखों के रंगों में अंतर सूक्ष्म हो सकता है। अभिनेता की तत्कालीन मंगेतर जूलिया रॉबर्ट्स ने 1990 में अपने गोल्डन ग्लोब स्वीकृति भाषण के दौरान अपने हेट्रोक्रोमिया के बारे में कहा। हालांकि, उन्होंने विशेष रूप से अपना नाम नहीं बताया, रॉबर्ट्स ने उन्हें “सुंदर नीली आंखों’ के लिए धन्यवाद दिया।’

    तो ये थे अलग अलग रंगों की आंखों वाले कुछ लोग, जिन्हें काफी लोग प्यार करते हैं। अगर आपकी नजर में ऐसे कोई लोग हों, तो हमारे साथ जरूर शेयर करें। उम्मीद करते हैं, आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको पता चल गया होगा कि आखिर क्यों कुछ लोंगों की आंखों का रंग अलग अलग होता है। अगर आपको इसके बारे में और भी कोई सवाल करने हैं, तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं, अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ जरूर शेयर करें।

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