सामान्य ब्लड प्रेशर हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आर्टरी पर पड़ने वाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। डॉक्टर ब्लड प्रेशर को मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे स्फिग्नोमैनोमीटर कहते हैं। यह ब्लड प्रेशर की रीडिंग हमे दो संख्याओं में मिलती है जिसे सिस्टोलिक और डायस्टोलिक प्रेशर कहा जाता है। सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ही प्रेशर महत्वपूर्ण होते हैं। जहां तक हाइपरटेंशन के लक्षण की बात की जाए तो वैसे तो इसके कई लक्षण माने जाते हैं लेकिन निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वह हाइपरटेंशन के लक्षण ही हैं। हां यह जरूर है कि सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि यदि महसूस हो तो यह हाई ब्लड प्रेशर के दौरान खतरे की घंटी हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर क्या है?
हाई ब्लड प्रेशर खून का अधिक दबाव है जो शरीर में आर्टरी से बहता है। आर्टरी यानी रक्त वाहिकाएं होती हैं जो हृदय से शरीर के बाकी हिस्सों तक रक्त पहुंचाती हैं। जब दिल धड़कता है तो दिल आर्टरी से रक्त को धकेलता है। जैसे ही रक्त बहता है यह आर्टरी की वॉल पर दबाव डालता है जिसे ब्लड प्रेशर कहते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को ही हाइपरटेंशन भी कहते हैं। हाइपरटेंशन तब होता है जब खून सामान्य से अधिक दबाव में रक्त वाहिकाओं से होकर गुजरता है। कई अलग-अलग चीजें हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती हैं। यदि आपका ब्लड प्रेशर बहुत अधिक है या लंबे समय तक हाई रहता है तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का खतरा, हृदय रोग या यानी हार्ट संबंधी बीमारी, दिल के दौरे और गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है।
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हाइपरटेंशन के लक्षण/ हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
यदि आप हाइपरटेंशन के लक्षण और संकेतों की सूची ढूंढ रहे हैं तो वह आपको नहीं मिल पाएंगे। इसका कारण यह है कि हाई ब्लड प्रेशर का कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होता है।
यह मिथक माना जाता है कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग घबराहट का एहसास, पसीना आना, सोने में कठिनाई होना या चेहरे का फूलना जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं। जबकि तथ्य यह है कि हाई ब्लड प्रेशर काफी हद तक लक्षणहीन होता है। इसी कारण इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। ब्लड प्रेशर का पता केवल इसकी जांच कराने पर लगता है। यदि आप अपने ब्लड प्रेशर को यह सोचकर अनदेखा कर रहे हैं कि आपको एक निश्चित लक्षण या संकेत समस्या के प्रति सचेत करेगा तो आप अपने जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं।
इस बारे में एसएल रहेजा अस्पताल, माहिम की सलाहकार चिकित्सक और विशेषज्ञ-आंतरिक चिकित्सा की डॉक्टर परितोष बघेल का कहना है,’सोना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना खाना और सांस लेना; कई अध्ययनों में खराब नींद के पैटर्न को वजन बढ़ने से लेकर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली तक विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण पाया गया है। यह देखा गया है कि अपर्याप्त और अनुचित नींद का उत्पादकता में कमी, उच्च रक्तचाप, तनाव और अवसाद से बहुत गहरा संबंध है। यदि आप नींद से वंचित हैं, तो आपका मस्तिष्क और शरीर प्रणालियां सामान्य रूप से काम नहीं करेगा। इसलिए स्लीप पैटर्न पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।’
हाइपरटेंशन के लक्षण अमेरीकन हार्ट एसोसिएशन AHA के अनुसार
• अपने आप से समस्या का निदान करने का प्रयास न करें। क्लिनिकल डाइअग्नोस केवल एक हैल्थ केयर प्रोफेशनल द्वारा ही किया जाना चाहिए।
• अपने ब्लड प्रेशर की संख्या जानें और अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करें।
• ज्यादातर मामलों में हाई ब्लड प्रेशर से सिर दर्द या नकसीर नहीं होती है। सिर दर्द या नकसीर हाइपरटेंसिव क्राइसिस के समय हो सकता है। हाइपरटेंसिव क्राइसिस का अर्थ है जब ब्लड प्रेशर 180/120 mmHg या उससे अधिक होता है।
• यदि आपका ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से अधिक है और आपको सिर दर्द या नकसीर है और अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो पांच मिनट रुकें और फिर से जांच करें। यदि आपकी रीडिंग 180/120 mmHg या अधिक है तो अस्पताल से तुरंत संपर्क करें।
• यदि आपको बहुत ज्यादा सिर दर्द या नाक से खून बह रहा हो और या आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें क्योंकि यह अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लक्षण भी हो सकते हैं।
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हाइपरटेंशन के लक्षण यह भी हो सकते हैं
विभिन्न प्रकार के लक्षण अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित हो सकते हैं लेकिन यह हमेशा हाइपरटेंशन के लक्षण नहीं हो सकते
हाइपरटेंशन के लक्षण : आंखों में खून के धब्बे
मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में आंखों में रक्त के धब्बे (subconjunctival hemorrhage) अधिक आम हैं लेकिन दोनों में से कोई भी स्थिति खून के धब्बे का कारण नहीं बनती है। आंखों में फ्लोटर्स भी हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित नहीं हैं। एक नेत्र चिकित्सक अनुपचारित हाई ब्लड प्रेशर के कारण ऑप्टिक नर्व के नुकसान का पता लगा सकता है।
हाइपरटेंशन के लक्षण : चेहरे की निस्तब्धता (Facial flushing)
चेहरे की निस्तब्धता तब होती है जब चेहरे की रक्त वाहिकाएं पतली हो जाती हैं। यह अप्रत्याशित रूप से या सूरज के एक्सपोजर, ठंड के मौसम, मसालेदार भोजन, हवा, गर्म पेय और त्वचा देखभाल उत्पादों जैसे कुछ कारणों से भी हो सकता है। चेहरे की निस्तब्धता भावनात्मक तनाव, गर्मी या गर्म पानी के संपर्क, शराब के सेवन और व्यायाम से भी हो सकती है। ये सभी अस्थायी रूप से ब्लड को बढ़ा सकते हैं। जबकि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य से अधिक होने पर फेशल फ्लशिंग हो सकता है, हाई ब्लड प्रेशर चेहरे की निस्तब्धता का कारण नहीं है।
हाइपरटेंशन के लक्षण : चक्कर आना
चक्कर आना कुछ ब्लड प्रेशर की दवाओं के कारण हो सकता है, यह हाई ब्लड प्रेशर के कारण नहीं होता है। हालांकि चक्कर आने को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। खासकर अगर आपको अचानक से चक्कर आने लगे । अचानक चक्कर आना, संतुलन खोना या समन्वय और चलने में परेशानी यह सभी स्ट्रोक की चेतावनी का संकेत हैं। हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक के लिए एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है।
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हाई ब्लड प्रेशर के 2 प्रकार हैं
प्राथमिक हाई ब्लड प्रेशर
प्राथमिक हाई ब्लड प्रेशर को एसेंसियल हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। प्राथमिक ब्लड प्रेशर का कोई निश्चित कारण पता नहीं चल पाता। यह शरीर में आए बदलाव या जेनेटिक किसी भी कारण से हो सकता है। यह हाई ब्लड प्रेशर का सबसे आम प्रकार है। इस प्रकार के ब्लड प्रेशर को विकसित होने में आमतौर पर कई साल लगते हैं। यह आपकी जीवनशैली, पर्यावरण और उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता रह सकता है।
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माध्यमिक हाई ब्लड प्रेशर
माध्यमिक हाई ब्लड प्रेशर तब होता है जब आपको कोई स्वास्थ्य समस्या हो या आप किसी दवा का सेवन कर रहें हो। जिन चीजों के कारण हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है वह निम्न प्रकार के हो सकते हैं
• गुर्दे से संबंधित समस्याएं
• थायरॉयड या एड्रीनल ग्लैन्ड की समस्याएं
• कुछ दवाएं
हाई ब्लड प्रेशर से बचाव
यदि खराब जीवन शैली के कारण हाइपरटेंशन है तो जीवन शैली में परिवर्तन कर आप हाइपरटेंशन से बचाव कर सकते हैं।
• वजन कम करें
• हैल्दी खाएं
• व्यायाम करें
• शराब का सेवन कम करें
हाइपरटेंशन के लक्षण का पता नहीं चल पाता इसलिए ही इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। इसलिए अच्छा होगा कि आप समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर का चेकअप करा लें। चूंकि यह बचाव का पहला कदम है। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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