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पेशाब में संक्रमण क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज

पेशाब में संक्रमण क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज

पेशाब में संक्रमण (यूटीआई, UTI) की समस्या तब होती है जब बैक्टीरिया, कवक या फिर वायरस यूरिन से होते हुए ब्लैडर में पहुंच जाता है। पेशाब में संक्रमण की समस्या से 60 प्रतिशत महिलाएं और 12 प्रतिशत पुरुष प्रभावित होते हैं। पेशाब में संक्रमण की समस्या से पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं। यानी कुछ पुरुषों और महिलाओं को अपने जीवनकाल में एक से दो बार पेशाब के संक्रमण की समस्या हो सकती है।

पेशाब में संक्रमण को ऐसे समझें

पेशाब में संक्रमण की समस्या के कारण यूरीनरी सिस्टम जैसे कि किडनी, ब्लैडर और युरेथ्रा आदि में इंफेक्शन का खतरा रहता है। ज्यादातर इंफेक्शन लोअर यूरिनरी ट्रेक्ट में होते हैं। महिलाओं या पुरुषों में पेशाब में संक्रमण का अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो किडनी प्रभावित होने का खतरा रहता है। अगर आपको पेशाब में संक्रमण के बारे में जानकारी नहीं है तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें।

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पेशाब में संक्रमण के लक्षण क्या हैं ?

पेशाब में संक्रमण के कारण इस बात पर निर्भर करते हैं कि युरीनरी ट्रेक में कौन सा पार्ट इंफेक्टेड हुआ है। पेशाब में संक्रमण के लक्षण निम्न प्रकार हैं,

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पेशाब में संक्रमण के दौरान दिख सकते हैं ये लक्षण

यूरिनरी ट्रेक्ट के पार्ट किडनी, ब्लैडर और यूरेथ्रा में इंफेक्शन होने पर कुछ अलग लक्षण दिख सकते हैं।

किडनी में इंफेक्शन होने पर

  • अपर बैक और साइड में दर्द
  •  तेज बुखार के साथ ठंड लगना
  • उल्टी
  • घबराहट

ब्लैडर में इंफेक्शन होने पर

  • पेल्विक प्रेशर
  • लोअर एब्डॉमन डिसकंफर्ट
  • फ्रीक्वेंट पेनफुल युरिनेशन
  • यूरिन में ब्लड आना

युरेथ्रा में इंफेक्शन होने पर

  • यूरिनेशन के साथ बर्निंग का एहसास होना
  • डिस्चार्ज अधिक मात्रा में निकलना

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किस कारण से होता है पेशाब में संक्रमण

पेशाब में संक्रमण मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया पहुंच जाने के कारण होता है। मूत्र मार्ग होता हुआ बैक्टीरिया ब्लैडर में पहुंच जाता है और फिर अपनी संख्या बढ़ाने लगता है। वैसे तो यूरिनरी सिस्टम कुछ इस तरह से डिजाइन रहता है कि उसमे बैक्टीरिया न जा सके, लेकिन कभी-कभी ऐसा पॉसिबल नहीं हो पाता है। पेशाब में संक्रमण के कारण ब्लैडर और यूरेथ्रा प्रभावित होते हैं। वजायना और रेक्टम के आसपास अधिक मात्रा में बैक्टीरिया रहते हैं। बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से जाते हुए मूत्राशय यानी यूरेथ्रा में भी पहुंच कर समस्या खड़ी करते हैं। अगर सही समय पर इलाज ना कराया जाए तो किडनी में इंफेक्शन का प्रभाव पड़ सकता है। महिलाओं में पेशाब में संक्रमण जल्दी होता है, वहीं पुरुषों में ये कम पाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाओं को कभी ना कभी यूरिन इंफेक्शन की परेशानी हुई है। वहीं, लगभग तीन प्रतिशत पुरुषों को भी यूटीआई की समस्या होती है।

ब्लैडर का इंफेक्शन

ये संक्रमण ई. कोलाई बैक्टीरिया के कारण होती है। ये बैक्टीरिया गैस्टोइंटस्टाइनल में पाया जाता है। कभी-कभार अन्य बैक्टीरिया भी ब्लैडर में इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान भी सिस्टाइटिस हो सकता है। महिलाओं में सिस्टाइटिस का खतरा अधिक होता है क्योंकि यूरेथ्रा की एनस से दूरी कम होती है। इसके अलावा महिलाओं के यूरेथ्रा कि लंबाई भी पुरुषों के मुकाबले कम होती है, यही कारण है कि महिलाओं में पेशाब के संक्रमण के अधिक होने की संभावना रहती है।

यूरेथ्रा का इंफेक्शन

इस स्थिति में GI बैक्टीरिया एनस से यूरेथ्रा में फैल जाता है। कई बार ये समस्या सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान भी हो सकती है। हार्पीस (herpes), गोनोरिया(gonorrhea), क्लैमाइडिया(chlamydia) और मायकोप्लाज्मा(mycoplasma) आदि के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।

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बॉडी फैक्टर

महिलाओं में एक उम्र के बाद मोनोपॉज की अवस्था आती है, तब पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। मोनोपॉज होने पर वजायना की लाइनिंग में चेंज आता है और एस्ट्रोजन की सुरक्षा सही रूप से नहीं मिल पाती है। इस कारण से भी पेशाब में संक्रमण की समस्या बढ़ सकती है। कुछ महिलाओं के यूरीनरी ट्रेक की बनावट के कारण भी पेशाब का संक्रमण जल्दी हो जाने की संभावना रहती है। बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और संक्रमण को फैलाने का काम करते हैं। सेक्शुअली इंटरकोर्स भी पेशाब के संक्रमण को प्रभावित करता है।

बर्थ कंट्रोल के कारण

जो महिलाएं बर्थ कंट्रोल के लिए डायाफ्राम (diaphragms) का उपयोग करती हैं, उनमे अन्य महिलाओं की तुलना में यूरिन में इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। जो महिलाएं स्परमिसाइडल फोम ( spermicidal foam) के साथ कंडोम का यूज करती हैं उनको भी अन्य महिलाओं की तुलना में यूरिन में इंफेक्शन होने का अधिक खतरा होता है।

यूरिन में इंफेक्शन के रिस्क फैक्टर क्या हैं ?

महिलाओं में यूरिन का इंफेक्शन होने की अधिक संभावना होती है। अगर किसी महिला को एक बार यूरिन इंफेक्शन हो चुका है तो भविष्य में भी यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ सकती है। यूरिन इंफेक्शन के साथ कुछ रिस्क फैक्टर भी जुड़े हुए हैं। जानिए क्या हैं रिस्क फैक्टर,

महिलाओं की एनाटॉमी (Female anatomy)

महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा छोटा यूरेथ्रा होता है। यहीं कारण है कि महिलाओं के यरेथ्रा के माध्यम से बैक्टीरिया आसानी से ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं।

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सेक्शुअल एक्टिविटी

जो महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव नहीं रहती हैं उनकी अपेक्षा में सेक्शुअली एक्टिव महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन का खतरा अधिर बढ़ जाता है। न्यू सेक्शुअल पार्टनर यूरिन इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन जैसे गोनोरिया और क्लामाइडिया होने पर भी यूटीआई के लक्षण सामने आते हैं। जिसमें पेशाब करने में दर्द, बार-बार पेशाब आना और ब्लैडर में दर्द होता है। ऐसे में अगर आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच की जाती है। जिसका रिजल्ट निगेटिव आता है तो आरएनए टेस्ट कराया जाता है। जिसके रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया जाता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट एब्नॉर्मलिटीज (Urinary tract abnormalities )

जिन बच्चों के जन्म के समय ही यूरिनरी ट्रैक्ट एब्नॉर्मलिटीज पाई जाती हैं, उन्हें आगे चलकर यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। पेशाब के सही से बाहर न निकल पाने के कारण वो वापस युरेथ्रा में चली जाती है और यूरिन इंफेक्शन के चांसेज बढ़ जाते हैं।

यूरीनरी ट्रैक्ट में ब्लॉकेज के कारण

किडनी स्टोन या फिर इंलार्ज प्रोस्टेट के कारण यूरिन पास होने में समस्या हो सकती है और ब्लैडर में पेशाब अधिक समय तक भरी रहती है। इस कारण से भी यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।

सप्रेस्ड इम्यून सिस्टम के कारण

डायबिटीज और अन्य बीमारियों के कारण इम्यून सिस्टम बिगड़ जाता है और शरीर बैक्टीरिया से सही से नहीं लड़ पाता है। इस कारण से भी यूरिन इंफेक्शन की समस्या बढ़ सकती है।

कैथेटर का यूज

किसी कारणवश जिन लोगों को कैथेटर का यूज करना पड़ता है, उनमे यूरिन इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। जब लोग पेशाब करने में असमर्थ होते हैं तो हॉस्पिटल में कैथेटर यानी एक ट्यूब का यूज किया जाता है, जिसके माध्यम से पेशाब बाहर निकाली जाती है। न्यूरोलॉजिकल की समस्या से जूझ रहे लोग या फिर हॉस्पिटल में भर्ती लोगों के लिए कैथेटर का यूज किया जाता है।

यूरीनरी प्रोसीजर के कारण

अगर किसी व्यक्ति की यूरीनरी प्रोसीजर यानी सर्जरी हुई है और मेडिकल इंस्ट्रुमेंट का यूज किया गया है तो ऐसे लोगों में भी यूरीन इंफेक्शन होने का अधिक खतरा रहता है।

पेशाब में संक्रमण के कारण क्या होते हैं कॉम्प्लीकेशन

अगर यूरिन इंफेक्शन का सही समय पर इलाज करा लिया जाए तो कॉम्प्लीकेशन की संभावना नहीं रहती है। लेकिन यूरिन इंफेक्शन के लक्षण दिखने के बावजूद भी अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो कॉम्प्लीकेशन बढ़ने की पूरी संभावना रहती है।

  • जो महिलाएं सही समय पर इलाज नहीं करवाती हैं, उन्हें यूरिन इंफेक्शन कई बार होने की संभावना रहती है।
  • अगर सही समय पर यूरिन इंफेक्शन का इलाज नहीं कराया गया तो किडनी डैमेज का खतरा हो सकता है।
  • जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं और यूरिन इंफेक्शन से ग्रस्त हैं, उनमे प्रीमेच्योर बेबी डिलिवर करने का अधिर खतरा रहता है। साथ ही बच्चे का वजन कम होने का खतरा भी रहता है।
  • सही समय पर इलाज न कराने पर सेप्सिस का खतरा भी रहता है।

पेशाब में संक्रमण का डायग्नोस कैसे किया जाता है ?

अगर आपको पेशाब में जलन महसूस होती है या फिर बार-बार पेशाब लगती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपसे कुछ बातें पूछेगा। फिर डॉक्टर यूरिन टेस्ट के लिए कहेगा। फिर टेस्ट के माध्यम से पेशाब में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया के बारे में डॉक्टर जांच करेगा। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के लिए भी कह सकता है। सीटी स्कैन या फिर एमआरआई भी किया जा सकता है। डॉक्टर जांच के लिए लंबे, फ्लैक्सिबल ट्यूब का भी इस्तेमाल कर सकता है। इस ट्यूब को सिस्टोस्कोप कहते हैं। इसके माध्यम से यूरेथ्रा और ब्लैडर की जाच की जाती है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है।

कैसे किया जाता है पेशाब में संक्रमण का इलाज ?

अगर आपका डॉक्टर पेशाब में संक्रमण की जांच कर लेता है तो वो आपको एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह दे सकता है ।इसे कॉमन ट्रीटमेंट कहा जाता है। डॉक्टर ने आपको जितने भी समय के लिए दवा खाने की सलाह दी है, उसे जरूर लें। साथ ही में अधिक मात्रा में पानी पिएं। ज्यादा पानी पीने से बैक्टीरिया यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाएगा। साथ ही डॉक्टर आपको दर्द से राहत दिलाने के लिए मेडिसिन दे सकता है। आप चाहे तो हीटिंग पैड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यूरिन इंफेक्शन की समस्या से बचने के लिए क्रैनबेरी जूस का भी यूज किया जाता है। लाल रंग की बेरी ई कोलाई बैक्टीरिया से रक्षा करने का काम करता है। लेकिन रिसर्च में ये बात सामने नहीं आई है कि बेरी का यूज करने से इंफेक्शन से कितनी राहत मिलती है।

क्रोनिक यूरिन इंफेक्शन की स्थिति में

अगर किसी पुरुष को एक बार यूरिन इंफेक्शन हुआ है तो दूसरी बार भी इंफेक्शन हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि हर बार एक ही बैक्टीरिया से इंफेक्शन की संभावना हो। लेकिन कुछ बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करने के बाद अपनी संख्या बढ़ाते है। फिर ये शरीर की कोशिकाओं में अटैक करते हैं। इस तरह से यूरीनरी ट्रेक में फिर से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इससे क्रॉनिक यूरिन इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • अगर आपको यूरिन का एहसास हो रहा है तो तुरंत यूरिन पास करें। यूरिन को देर तक रोके रहना इंफेक्शन को बढ़ावा देना है।
  • आपको हाइजीन का भी पूरा ख्याल रखना होगा। पीरियड्स के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड न लगाएं रखें। जब चार से पांच घंटे में या फिर पैड हैवी लगने में चेंज करती रहे।
  • ये बात ध्यान रखें कि सफाई रखने से बैक्टीरिया नहीं पनपते हैं। अगर आप गंदा टॉयलेट यूज कर रही हैं तो संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाएगी।
  • पानी और तरल पदार्थों को अधिक मात्रा में लें। ऐसा करने से बैक्टीरिया यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाएंगे।
  • वजाइना के आसपास सफाई का ध्यान रखें। वजाइना के पास गीलापन रहने से भी समस्या बढ़ सकती है।
  • अगर आपको भी यूरिन में इंफेक्शन के लक्षण नजर आ रहे हैं तो बेहतर रहेगा कि एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज कॉम्प्लीकेशन से बचाने का काम करता है।
  • खाने में फल और सब्जियों का सेवन करते समय जिनमें विटामिन-सी युक्त फल और सब्जियां जरूर शामिल करें। खाने में नींबू, आंवला, संतरा आदि शामिल करें। विटामिन-सी बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
  • शरीर के लिए कॉटन के कपड़ें को सही माना गया है। पेशाब के संक्रमण से बचने के लिए प्राइवेट पार्ट की सफाई रखने के साथ ही कॉटन के अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल करें। साथ ही अंडरगारमेंट्स को रोजाना धुल कर ही पहने।
  • सेक्स के तुरंत बाद पेशाब करें।
  • टाइट पैंटी और जीन्स न पहनें।
  • प्राइवेट पार्ट में कॉस्मेटिक  का यूज सही नहीं होता है।  गुप्तांगो पर अगर आप ऐसा कुछ इस्तेमाल कर रही हैं तो तुरंत एक बार डॉक्टर से भी पूछ लें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Urinary Tract Infections/https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/9135-urinary-tract-infections/ 21/05/2021

Urinary tract infection (UTI)/https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/urinary-tract-infection/symptoms-causes/syc-20353447/Accessed on 17/1/2020

UTI infection/https://www.urologyhealth.org/urologic-conditions/urinary-tract-infections-in-adults/Accessed on 17/1/2020

Urinary Tract Infections/https://medlineplus.gov/urinarytractinfections.html/21/05/2021

Urinary tract infections (UTIs)/https://www.nhs.uk/conditions/urinary-tract-infections-utis/21/05/2021

 

 

Current Version

21/05/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/05/2021

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