आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जिनकी आंखें मोटी-मोटी और उभरी हुई होती हैं। साधारण तौर पर उभरी हुई आंखें लोगों के आकर्षण का केंद्र माना जाता है। ऐसे लोगों का व्यक्तित्व भी प्रभावशाली हो सकता है। क्योंकि, जब भी कोई बात करता है, तो उनका फोकस आंखों पर ज्यादा होता है। ऐसे लोगों के साथ बात करने का अनुभव भी काफी शानदार हो सकता है। लेकिन, उनकी उभरी हुई आंखें प्राकृतिक तौर पर ऐसी ही हैं या इसके पीछे कोई बीमारी है?
हालांकि, प्राकृतिक तौर पर उभरी हुई आंखें बहुत ही कम लोगों की होती हैं, जो पूरी तरह से स्वस्थ्य भी हो सकती हैं। लेकिन, अगर अचानक किसी की आंखें मोटी या उभरी हुई दिखाई देने लगें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मोटी आंखें या उभरी हुई आंखें होने के पीछे कारण क्या है?
उभरी हुई आंखों में आंखों की सफेद कॉर्निया आंखों की पुतलियों के ऊपर दिखाई देते हैं। इसे प्रोपेटोसिस या एक्सोफथैलमोस (Exophthalmos) के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थिति तब होती है, जब आंखों के पीछे मांसपेशियों में चर्बी या टिश्यू में सूजन होती है। यह आंखों के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है, क्योंकि इसके कारण आंखों में हमेशा दर्द भी रहता है। कुछ स्थितियों में इसके कारण ऑप्टिक तंत्रिका में भी दबाव पड़ सकता है, जिसके कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। प्रोपेटोसिस या एक्सोफथैलमोस किसी एक आंख या दोनों ही आंखों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, इसके होने का जोखिन सबसे अधिक बार थायराइड नेत्र रोग के कारण ही होता है।
अगर आपको उभरी हुई आंखें यानी एक्सोफथैलमोस की समस्या है, तो आपके ऑप्टिक तंत्रिका को नुकासन पहुंच सकता है। यह तंत्रिका आपकी आंख और मस्तिष्क के बीच संकेत भेजता है। एक्सोफथैलमोस के कारण यह तंत्रिका संकुचित हो जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न कराया जाए, तो आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है और अंधेपन की स्थिति हो सकती है। ग्रेव्स रोग के कारण ओवरएक्टिव थायराइड ग्रंथि (हाइपरथायरायडिज्म) होने वाले प्रत्येक तीन लोगों में एक व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यह महिलाओं और धूम्रपान करने वाले लोगों में अधिक आम होता है।
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प्रोपेटोसिस या एक्सोफथैलमोस (Exophthalmos) होने की वजह?
थायरॉइड की बीमारी
थायरॉइड की बीमारी आंखों के उभार बढ़ाने में सहायक होती है। आंखों में उभार आने का सबसे आम कारण हाइपरथायरॉइडिज्म या ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्रंथि को माना जाता है। यह थायरॉइड ग्रंथि गर्दन के सामने स्थित है, जो कई हार्मोन जारी करता है, जो भोजन पचाने की क्रिया को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
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ग्रेव्स रोग
उभरी हुई आंखें ग्रेव्स रोग के कारण सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जहां थायरॉइड ग्रंथि गलती से हानिकारक कोशिकाओं को छोड़ देती है और एंटीबॉडी रिलीज करती है, जिसके कारण आंखों की मांसपेशियों काम करना बंद कर देती है और इनमें सूजन आ जाती है। इसका खतरा 30 साल से 60 साल की उम्र की महिलाओं को सबसे अधिक रहता है। ग्रेव्स रोग सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वस्थ ऊतक पर हमला करती है।
इसके अलावा ऊभरी हुई आंखें ग्लूकोमा, ल्यूकेमिया जैसे कई और कारणों से भी हो सकती है। जैसेः
न्यूरोब्लास्टोमा : यह एक प्रकार का कैंसर है, जो तंत्रिका तंत्र (sympathetic nervous system) को प्रभावित कर सकता है।
ल्यूकेमिया : यह एक प्रकार का कैंसर है, जो सफेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है।
रैबडोमायोसरकोमा : यह एक प्रकार का कैंसर हैं, जो कोमल ऊत्तकों में विकसित हो सकता है।
चोट के कारण आंखों के पीछे से खून बहना।
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उभरी हुई आंखों के लक्षण क्या हैं?
- आंखों को पूरी तरह से बंद करने में कठिनाई
- कॉर्निया का बार-बार सूखना
- देखने में परेशानी
- आंखों में जलन
- आंखों का लाल होना
- आंखों में दर्द
- इन सब लक्षणों के साथ ही वजन घटाना, भूख में परिवर्तन, बहुत ज्यादा पसीना आना और दस्त लगना
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इसका इलाज क्या होगा, वो सूजी हुई आंखों के कारण पर निर्भर करता है। जांच के आधार पर डॉक्टर आपको नीचे बताए गए उपचार सुझा सकते हैं :
- आई ड्रॉप
- एंटीबायोटिक्स
- सूजन से राहत पाने के लिए कॉर्टिकॉस्टेरॉयड्स
- आंखों की सर्जरी
- कैंसर ट्यूमर को ठीक करने के लिए सर्जरी, कीमोथैरिपी या रेडिएशन
अगर आपको इस तरह के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ लोगों की आंखों प्राकृतिक तौर पर ही उभरी होती हैं, जो जन्म से ही हो सकती हैं। इसलिए, अगर उम्र बढ़ने के साथ आंखों में उभार आए, तो एक बार अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें।
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उभरी हुई आंखें कैसे ठीक की जा सकती हैं?
उभरी हुई आंखें आमतौर पर थायरॉइड नेत्र रोग के कारण हो सकती है। अगर समय रहते इसके लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो इसके उपचार के लिए आपके डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं।
एक्सोफथैलमोस (Exophthalmos) का निदान कैसे किया जा सकता है?
अगर आपको एक्सोफथैलमोस (Exophthalmos) की समस्या है, तो आपको किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए, जो निम्न तीरीकों से आपकी ऊभरी हुई आंखें के लक्षण पता कर सकते हैं, जिनमें शामिन हैंः
- नेत्र विशेषज्ञ सबसे पहले इसकी जांच करते हैं कि आप अपनी ऊभरी हुई आंखें कितनी घुमा सकते हैं।
- आपके नेत्रगोलक कितनी दूर तक फैले हुए हैं इसे मापने के लिए एक एक्सोफथैलमोसमीटर नाम के एक उपकरण का उपयोग करेंगे।
- सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन की सिफारिश कर सकते हैं।
- आपके थायराइड ग्रंथि कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं, इसकी जांच करने के लिए रक्त परीक्षण की जा सकती है।
- आपकी स्थिति के अनुसार नेत्र रोग विशेषज्ञ आपके लिए उचित उपचार की सलाह दे सकते हैं।
इसके साथ ही आपको अपनी कुछ आदतों में सुधार लाने की भी जरूरत हो सकती है, जैसेः
- अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान बंद करना चाहिए। क्योंकि धूम्रपान आपके ऊभरी हुई आंखें की समस्याओं के खतरे को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है।
- अगर आंखों में दर्द अधिक है, तो सोते समय दो तकिए का इस्तेमाल करें। इससे दर्द से राहत मिलेगी।
- अगर आपको फोटोफोबिया की समस्या है, तो धूप का चश्मा पहनें।
- धूल से आंखों को बचाए रखें।
- अगर आप सूखी आंखें हैं, तो ड्राईनेस को दूर करने और आंखों को नमी युक्त बनाने के लिए आई ड्रॉप का उपयोग करें। हालांकि, इसके लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।