परिचय
गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है? (What is Gastroenteritis?)
इंटेस्टाइन (आंत) के अंदर के ऊपरी लेयर में सूजन आना गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) कहलाता है। ऐसा माना जाता है की बुखार होने की वजह से ऐसा होता है लेकिन, यह धारणा गलत है। ऐसा इंफेक्शन होने की वजह से होता है। ऐसा दूषित खाद्य पदार्थ, पानी या किसी कारण व्यक्ति में हुए इंफेक्शन की वजह से होता है। वैसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे सामान्य कारण (Cause of Gastroenteritis) डिहाईड्रेशन (Dihydrestion) माना जाता है। ऐसा अत्यधिक डायरिया (Diarrhea) और उल्टी (Vomiting) होने के कारण होता है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस कितना सामान्य है? (Hoe common is Gastroenteritis?)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस सामान्य परेशानी है। यह नवजात, बच्चों, वयस्क और उन लोगों को ज्यादा होती है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर (Weak Immune System) होता है। इस बीमारी से बचने का सबसे सही उपाय है अपने हाथों को खाने से पहले धोना या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना। परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर उपाय है।
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लक्षण समझें
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण क्या हैं ? (Symptoms of Gastroenteritis)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- पेट में दर्द या क्रेम्प महसूस होना
- डायरिया होना
- मतली और उल्टी होना
- वजन कम होना।
- बुखार आना।
- ठंड लगना।
- सिरदर्द होना।
इन लक्षणों के 1 से 3 दिनों के बाद इंफेक्शन की समस्या हो सकती है, जो 1 से 2 दिनों या ज्यादा से ज्यादा 10 दिनों में ठीक हो सकता है।
इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए परेशानी महसूस होने या समझ आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?
निम्नलिखित परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक पेट खराब होना (Loose motion) या स्टूल से ब्लड आना।
- 2 से ज्यादा उल्टी होना या उल्टी के दौरान ब्लड आना।
- डिहाइड्रेशन की वजह से यूरिन ठीक से नहीं आना, यूरिन का पीला होना या अत्यधिक प्यास लगना।
- तेज बुखार होना
नवजात या बच्चों में परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इन परेशानियों में शामिल हैं:
- बच्चों को तेज बुखार आना
- बच्चे का बिना कारण परेशान रहना
- बच्चे का चिड़चिड़ा होना
- कमजोर होना
- डायरिया होना (इस दौरान ब्लड आना)
- ज्यादा देर तक उल्टी होना
- यूरिन नहीं आना
- ठीक से नहीं सोना
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जानिए इसके कारण
किन कारणों से होता है गैस्ट्रोएंटेराइटिस? (Cause of Gastroenteritis)
वायरल इंफेक्शन (Viral Infection), बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) या पैरासाइट इंफेक्शन (Parasite Infection) के कारण गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या होती है। ऐसा दूषित खाद्य पदार्थ, पानी या किसी कारण व्यक्ति को हुए इंफेक्शन की वजह से होता है।
वायरल इंफेक्शन का मुख्य कारण है नोरोवायरस (Norovirus) और रोटावायरस (Rotavirus)
हालांकि, कुछ लोगों को ई.कोली (E.coli) और साल्मोनेला (Salmonella) की वजह से होता है। ऐसा कच्चे खाने (ठीक से पका हुआ नहीं), पोल्ट्री और या अंडा खाने की वजह से होता है।
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कारणों को समझें
गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या कब ज्यादा हो सकती है ?
निम्नलिखित कारणों की वजह से परेशानी बढ़ सकती है:
- नवजात, बच्चों, व्यस्क और वैसे लोगों में ज्यादा होने की संभावना होती है, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
- एचआईवी (HIV) या एड्स (AIDS) होने के कारण इम्यून सिस्टम बिगड़ सकता है।
- कीमोथेरिपी का असर इम्यून सिस्टम पर पड़ता है।
- ऐसे एरिया में रहना जहां साफ पानी नहीं आता हो वहां गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या ज्यादा होती है।
- साफ पानी से हाथ नहीं धोना।
- हाइजीन का ख्याल नहीं रखना।
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निदान और उपचार को समझें
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करें और सलाह लें।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का निदान (Diagnosis of Gastroenteritis) कैसे किया जाता है?
निम्नलिखित शारीरिक जांच के आधार पर निदान किया जाता है:
- मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण
- स्टूल टेस्ट जिससे बैक्टीरिया या पैरासाइट की जानकारी मिल सके।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का इलाज (Treatment of Gastroenteritis) कैसे किया जाता है ?
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के इलाज के लिए आराम करना जरूरी है साथ ही खूब सारा तरल पदार्थ का सेवन करना भी अनिवार्य है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर दवा से इलाज शुरू करते हैं।
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस होने की स्थिति में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- कुछ देर के लिए खाना नहीं खाएं।
- जूस और पानी का सेवन ज्यादा करें।
- आहार में वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिसे आसानी से पचाया (डाइजेस्ट) जा सकते।
- केला या चावल खाना लाभदायक हो सकता है।
- दूध, एल्कोहॉल, कैफीन या फैटी फूडस का सेवन न करें।
- आराम करें।
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जीवनशैली में बदलाव या घरेलू उपचार
निम्नलिखित टिप्स अपनाकर गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचा जा सकता है:
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देश का पालन सही तरह से करें
- आराम करें
- जूस और पानी का सेवन ज्यादा करें। फ्रेश जूस सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।
- खाने से पहले हाथ अवश्य धोएं
- वॉशरूम के बाद हाथ को अच्छी तरह से धोएं
- जंक फूड और बाहर का खाना न खाएं
- हाइजीन का पूरा-पूरा ख्याल रखें
- अगर समस्या ज्यादा गंभीर नहीं है तो आप घर पर अपनी बीमारी का इलाज कर सकते हैं
- दिन भर नियमित रूप से तरल पदार्थों का सेवन करें, खासकर दस्त के बाद
- कुछ न कुछ खाते रहें और कुछ नमकीन खाद्य पदार्थ शामिल करें
- पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ या पेय का सेवन करें जैसे कि फलों का रस और केला
- अपने डॉक्टर से पूछे बिना कोई दवा न लें
- यदि आप तरल पदार्थ नहीं ले पा रहे हैं तो अस्पताल जरूर जाएं।
- आपके घर पर में ही इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने और दस्त को रोकने के लिए जरूरी तरल पदार्थ मिल जाएंगे। अदरक संक्रमण से निपटने और पेट के दर्द को सही करने में मदद कर सकती है। एप्पल साइडर सिरका और तुलसी आपके पेट को शांत करने के साथ-साथ भविष्य के संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएंगा।
इस आर्टिकल में हमने आपको गैस्ट्रोएंटेराइटिस से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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