परिचय
चक्कर आना क्या है?
सामान्य तौर पर देखा जाए, तो चक्कर आना कोई बीमारी नहीं होती है। बल्कि, इसके पीछे अन्य तरह के स्वास्थ्य स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं। चक्कर आना को साधारण भाषा में सिर का घूमना कह सकते हैं। इसकी स्थिति में अपने स्थान पर बैठे हुए या किसी जगह पर खड़े होने की ही अवस्था में आस-पास की चीजें या कमरा घूमते हुए दिखाई देने लगता है। जिसकी वजह से इसे वर्टिगो भी कहा जाता है। चक्कर आना की स्थिति में अक्सर लोग बेहोश हो जाते हैं या नीचे गिर जाते हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा कमजोरी होने या अस्थिरता महसूस करने के कारण भी चक्कर आ सकता है।
चक्कर आने को हम दो वर्गों में बांट सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
वर्टिगो (Vertigo): वर्टिगो की स्थिति में व्यक्ति को लग सकता है कि कमरा घूम रहा है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है। जो कुछ पलों के बाद अपने-आप ठीक हो सकता है।
डिसइक्वीलिब्रियम(Disequilibrium): जबकि, डिसइक्वीलिब्रियम की स्थिति में शारीरिक संतुलन खो सकते हैं। ये अक्सर शारीरिक कमजोरी के लक्षण को बता सकता है।
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लक्षण
चक्कर आना के लक्षण क्या हैं?
चक्का आने के लक्षण निम्न हो सकते हैंः
- खड़े होने या बैठने पर शारीरिक नियंत्रण खोना
- अचानक से बिना किसी वजह सिर का एक तरफ झुकते जाना
- हल्का सिर दर्द होना
- बेहोशी महसूस करना
- बैठे रहने या खड़े रहने की स्थिति में मुश्किल महसूस करना
- चलते समय ऐसा लगना जैसे कोई आपको आगे या पीछे की ओर नीचे की तरफ धकेल रहा हो
- किसी भी स्थिर वस्तु का घूमते हुए दिखाई देना
- समतल स्थान ऊबड़-खाबड़ प्रतीत होना
चलते समय या खड़े होने की स्थिति में चक्कर आना गंभीर समस्या बन सकती है। इसके कारण आप नीचे गिर सकते हैं और आपको चोट लग सकती है। अगर खड़े होने या चलते समय आपको चक्कर आना जैसा महसूस होता है, तो तुरंत उसी स्थान पर बैठ जाए या किसी सहारे की मदद मांगें। कई बार चक्कर आने पर उल्टी भी आ सकती है।
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कारण
चक्कर आना के क्या कारण हो सकते हैं?
चक्कर आने का मुख्य कारण बता पाना अभी भी अज्ञात है। हालांकि, ऐसे कई कारण हो सकते हैं, तो चक्कर आने का कारण बन सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- विटामिन बी की कमी होना
- शरीर में विटामिन डी की कमी होना
- बहुत ज्यादा शारीरिक तौर पर थकाने वाला कार्य करना
- शारीरिक कमजोरी होना
- हड्डियों का कमजोर होना
- इम्युनिटी कमजोर होना
- बहुत ज्यादा तनाव में रहना
- बहुत देर तक खड़े रहना
- माइग्रेन की समस्या होमा
- बहुत देर से या बहुत तेज सिर में दर्द होना
- लो ब्लड शुगर की समस्या, रक्तचाप कम होने पर मस्तिष्क तक पर्याप्त में खून पहुंने की आपूर्ती हो सकती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होने पर चक्कर आ सकता है।
- कान का संक्रमण होना, क्योंकि कुछ स्थितियों में देखा गया है कि कान का संक्रमण सुनने और संतुलन बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है अगर ऐसा लगातार होता है तो इससे चक्कर आने की समस्या हो सकती है। हालांकि, यह एक दुर्लभ स्थिति हो सकती है।
- अचानक खड़े होने, बैठने या लेटने पर भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जिसके कारण चक्कर आ सकता है।
- डिहाइड्रेशन की समस्या
- बहुत ज्यादा उल्टी व दस्त
- प्रेग्नेंसी होना
- कान के अंदर ट्यूमर होना
- एनीमिया की समस्या (शरीर में आयरन की कमी)
- दिल की मांसपेशियों से जुड़ी कोई समस्या
- कुछ तरह की दवाओं का साइड इफेक्ट होना
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करना
इसके अलावा भी चक्कर आना कई और अन्य कारणों से जुड़ा हो सकता है। अगर आपको लगातार चक्कर आने की समस्या बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
निदान
चक्कर आना के बारे में पता कैसे लगाएं?
चक्कर आना जैसी समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर आपके मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए निम्न टेस्ट की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
इसके अलावा आपके डॉक्टर आपके आंखों और कानों की जांच कर सकते हैं। साथ ही, न्यूरोलॉजिकल परीक्षण भी कर सकते हैं, जैसे- आपके बैठने या खड़े होने के तरीका आदि।
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इसके अलावा आपके डॉक्टर आपसे निम्न सवाल भी पूछ सकते हैं, जैसेः
- आपको चक्कर कब-कब आता है?
- किस तरह की शारीरिक स्थिति में आपको सबसे अधिक चक्कर आता है, जैसे- बैठे हुए, चलते हुए, खड़े रहने पर, लेटते समय या सोते हुए?
- दिन में आपको कितनी बार चक्कर आते हैं?
- क्या आपको किसी तरह की स्वास्थ्य स्थिति है या पहले कोई स्वास्थ्य स्थिति की समस्या थी, जिसका आपने उपचार करवाना हो?
- आप किस तरह की दवाओं का सेवन करते हैं?
- आपका दैनिक आहार क्या है?
- चक्कर आने पर आपका अनुभव कैसा रहता है, जैसे उल्टी करना, चीजों का घूमना, सुनाई न देना या आंखों के सामने अंधेरा छाना?
रोकथाम और नियंत्रण
चक्कर आना को कैसे रोका जा सकता है?
चक्कर आने की स्थिति की रोकथाम करने के लिए आप निम्न बातों पर ध्यान दे सकते हैं, जैसेः
- किसी भी कार्य को धीरे-धीरे करना
- तनाव न लेना
- सिर को तेजी से घुमाने से बचना
- अचानक बैठने, खड़े होने या लेटने का ध्यान रखना
- उचित मात्रा में पानी पीना, ताकि शरीर हाइड्रेट बना रहे
- शरीर में ब्लड फ्लो की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली आदतों जैसेः स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, कैफीन या अधिक नमक का सेवन करने से बचें।
- आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना
- बैठने, सोने, चलने और खड़े होने के लिए उचित पुजिशन अपनाना
- तेज रोशनी की तरफ न देखना
- कान का संक्रमण या अन्य तरह की स्थितियां है, तो उपचार करवाना
- अगर आपको लगता है कि चक्कर आने की समस्या बनी हुई है, तो वाहन न चलाएं, न ही दौंड़े और सड़क पर चलें।
- अगर आपको लगता है कि आपकी मौजूदा कोई दवा चक्कर आने की समस्या है, तो इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं।
- बहुत ज्यादा गर्म स्थान या ग्रमी से बचें।
मुझे किन स्थितियों में तत्काल उपचार की आवश्यकता हो सकती है?
निम्न स्थितियों में चक्कर आने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिएः
- लगातार चक्कर आना
- बेहोश होना
- सीने में दर्द होना
- तेज बुखार होना
- आंखों के आगे अंधेरा छाना
- सुनने न देना
- सिर पर चोट लगना
उपचार
चक्कर आना का उपचार कैसे किया जाता है?
चक्कर आना का उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर आपको किसी तरह के ट्रीटमेंट से पहले निम्न उपायों को अपनाने की सलाह दे सकते हैंः
उचित उपचार की जानकारी और सलाह
अगर ऊपर बताए गए किसी भी टेस्ट के दौरान आपके चक्कर आने का कारण कोई शारीरिक स्थिति की वजह सामने आती है, तो आपके डॉक्टर उसके लिए आपको उचित उपचार की जानकारी और सलाह दे सकते हैं।
विटामिन्स या सप्लीमेंट्स का सेवन
अगर आपको चक्कर शारीरिक कमजोरी के कारण आते हैं, तो आपके डॉक्टर आपको शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए किसी तरह के विटामिन्स या सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं।
मनोचिकित्सा की सलाह
अगर चक्कर आना किसी तरह के तनाव से संबंधित है, तो आपके डॉक्टर आपको तनाव कम करने के साथ ही, किसी मनोचिकित्सा से परामर्श करने की भी सलाह दे सकते हैं।
एंटीहिस्टामाइन दवाओं की सलाह
वर्टिगो की स्थिति में आपके डॉक्टर एंटीहिस्टामाइन दवाएं जैसे मेक्लीजाइन (meclizine) के सेवन की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, इस दवा का सेवन आपको सिर्फ कुछ ही समय तक करना होता है।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।