कान में मैल जमने पर उसे स्टिक या कॉटन के सहारे निकालने के बारे में तो आपना सुना ही होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कान के मैल को निकालने का एक अनोखा तरीका भी है। जिसे ईयर कैंडलिंग (Ear Candling) कहा जाता है। नाम से आप समझ सकते हैं कि इसमें कैंडल का उपयोग होता है। इसमें कान के मैल को वैक्स यानी मोम या पैराफिन के सहारे साफ किया जाता है। इसे कान या ऑरिकुलर कॉनिंग (auricular coning ) , थर्मल या थर्मो ऑरिकुलर थेरेपी (auricular therapy), कैंडल या कॉनिंग थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर कई तरह के मत हैं। कई लोगों का मानना है कि ईयर कैंडलिंग हानिकारक है वहीं कुछ इसके अनेक फायदे बताते हैं। आइए जानते हैं इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।
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ईयर कैंडलिंग (Ear Candling) कैसे की जाती है?
ईयर कैंडलिंग के लिए एक कॉन के आकार का ईयर कैंडल जिसका कान साफ करना हो उसके कान के अंदर डाला जाता है और कॉन रूपी ईयर कैंडल के उपरी हिस्से पर आग लगा दी जाती है। कान न जलने पाए या कोई दुर्घटना न घटे इसके लिए कान से थोड़ी दूर आग पहुंचने से पहले इसे कान से हटा लिया जाता है। कान का मैल ईयर कैंडल खींच लेती है और मैल कैंडल में जमा हो जाता है। ईयर कैंडलिंग के फायदों को लेकर साइंटिफिक एवडेंस मौजूद नहीं है, लेकिन ईयर कैंडल के मैन्युफ्रैक्चर और प्रैक्टिशनर इसके कई फायदे बताते हैं
ईयर कैंडलिंग के लाभ : (Benefits of Ear Candling)
- सबसे पहला फायदा तो यही है कि इससे कान की गंदगी को दूर किया जा सकता है।
- इसे कान में रह रहे हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं।
- सिर दर्द (Headache) और माइग्रेन (Migraine) से राहत दे सकता है।
- कई लोगों को सुनने में दिक्कत होती है या यूं कहें कि धीरे-धीरे उनके सुनने की क्षमता कम होती जाती है। ऐसे में वे ईयर कॉनिंग थेरेपी से इसमें सुधार कर सकते हैं।
- यह थेरिपी साइनस (Sinus) संक्रमण को दूर करने में भी मददगार होती है।
- सर्दी जुकाम ठीक हो सकता है।
- गले की खराश से राहत मिलती है।
- धुंधली दृष्टि को सुधारने में सहायक हो सकता है।
- रक्त को शुद्ध कर सकता है।
- तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
- लिंफैटिक सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है।
- जबड़े के दर्द और टेम्पोरोमैंडिबुलर डिसऑर्डर को कम कर सकता है।
- चक्कर आने की स्थिति यानी वर्टिगो (Vertigo) को कम कर सकता है।
- इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी इस प्रॉसेस को खुद से करने का प्रयास ना करें। किसी प्रशिक्षित की मदद लें। नहीं तो आप कान को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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ईयर कैंडलिंग के नुकसान क्या हैं? (Side effects of Ear Candling)
यदि ईयर कैंडलिंग के नुकसान की बात करें तो सबसे पहला नुकसान या डर यही है कि इससे आप जल सकते हैं। यदि आपसे किसी तरह की चूक हुई तो यह आपके बाल, कान, चेहरे को जला सकता है। एफडीए (Food and drug administration) ने इसे खतरनाक बताया है।
- इससे कान के पर्दे फटने का डर हो सकता है
- यदि किसी प्रकार की चूक हुई तो इससे आपके सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है
- कान में इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है
- इससे मिडिल ईयर डैमेज हो सकता है
- स्विमर्स ईयर (swimmer’s ear) की प्रॉब्लम हो सकती है
ईयर कैंडलिंग के बारे में आयुर्वेद क्या कहता है?
कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो ईयर कैंडलिंग (Ear Candling) यदि सही तरीके से की जाए तो इसके कई फायदे हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें तो ईयर कॉनिंग थेरेपी से ना सिर्फ कान का मैल साफ करने में मदद मिलती है बल्कि यह सिर दर्द (Headache) व चक्कर आने जैसी स्थितियों को ठीक करने में मददगार होता है। आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार यह लिम्फैटिक सर्कुलेशन (Lymphatic circulation) के सुचारू रूप से काम करने लिए भी कारगर हो सकता है।
ईयर कैंडलिंग के बारे में रिसर्च क्या कहती है?
आयुर्वेद के इतर यदि हम विज्ञान के विशेषज्ञों की बात करें तो इसका कोई प्रमाण नहीं है कि ईयर कैंडलिंग से किसी प्रकार की मदद मिलती है। रिसर्चर्स का मानना है कि ईयर कॉनिंग (ear coning) फायदे के बजाए आपको नुकसान ज्यादा पहुंचा सकता है।
1996 में नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में पब्लिश की गई एक स्टडी के अनुसार 8 लोगों पर ईयर कॉनिंग का उपयोग किया गया। इनमें से एक के भी कान का मैल नहीं निकला। वहीं कान के विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर यह बात सामने आई कि ईयर वैक्सिंग (Ear Waxing) के कारण कान की इंज्युरी का सामना लोगों को करना पड़ा।
द फूड एंड डग एडमिनिस्टेशन (FDA) ने भी लोगों को खुद को ईयर कैंडलिंग से दूर रहने की सलाह दी है। एफडीए का मानना है कि कान की मोमबत्तियों से जुड़ी चोटों की घटनाओं के बारे में कम जानकारी पाई जाती है। एफडीए ने उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े पेशेवरों को एफडीए के मेडवाच एडवांस इवेंट रिपोर्टिंग प्रोग्राम में ऐसी अनहोनियों की रिपोर्ट करने की सलाह दी है।
हेल्थ कनाडा की बात मानें तो उनके परीक्षण में सामने आया कि यह कान में कोई सकारात्मक असर नहीं करती है और ना ही इसका कोई चिकित्सीय मूल्य है।
मेडिकल जर्नल लैरींगोस्कोप के एक सर्वे में बताया गया कि कान के जलने के 13 मामले, 7 मामलों में मोम के कारण कान में ब्लॉकेज और एक में ईयर ड्रम के पंक्चरड होने का मामले सामने आए। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि कान की मोमबत्तियों ने कान के एक मॉडल पर भी कोई भी औसत दर्जे का वैक्यूम दबाव नहीं बनाया। ईयर कॉनिंग से मोम व्यक्तियों के कान में भर गई।
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कान साफ करने के अन्य तरीके क्या हैं?
ऐसा नहीं है कि अगर ईयर कैंडलिंग नहीं करवाई तो हम कान साफ नहीं कर सकते। आप ईयर कॉनिंग थेरेपी के अलावा अन्य तरीकों से भी कान साफ कर सकते हैं।
- कान के वैक्स (Ear Wax) को नरम करने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड, सोडियम बाइकार्बोनेट, ग्लिसरीनडेब्रोक्स आदि से बनी ईयर सॉफ्टनर ड्रॉप्स आती हैं। इनका इस्तेमाल कर आप कान की गंदगी साफ कर सकते हैं।
- आप कान का वैक्स साफ करने के लिए बेबी ऑयल, जैतून का तेल या मिनरल ऑयल का उपयोग कर सकते हैं। तेल की कुछ बूंदे कान में डालें। कुछ देर बाद जब वैक्स नरम हो जाए तो उसे बाहर निकाल लें।
- हाइड्रोजन पेराऑक्साइड की मदद से भी आप कान का वैक्स साफ कर सकते हैं। इसके लिए हाईडोजन पेराऑक्साइड को डोपर की मदद से कान में डालें। इससे निकलता झाग वैक्स को ढीला करेगा। थोड़ी देर में कान को जमीन की ओर कर सारी गंदगी व हाइडोजन पेराऑक्साइड को निकाल लें।
यदि आप को कान के वैक्स से काफी दिक्कत हो रही हो तो आप अपने डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं। ईएनटी या प्राथमिक देखभाल चिकित्सक के पास जाएं व ईयर वैक्स को सुरक्षित रूप से हटाने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करते हैं।
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