
बॉलीवुड स्टार आमिर खान सिर्फ पर्दे पर ही पॉपुलर नहीं है। जब बात सोशल वेलफेयर की हो तो भी आमिर हमेशा एक कदम आगे रहते हैं। ‘सत्यमेव जयते’ हो या ‘थ्री इडियट्स’ आमिर ने समाज को एक नई दिशा दी है। आमिर खान समाज से लेकर राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखते रहे हैं। आमिर खान इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
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दिमागी स्वच्छता है जरूरी
समय-समय पर आमिर खान सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचते आए हैं। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ वीक 2019 के मौके पर आमिर खान ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखी है। आमिर खान ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘दिमागी और भावनात्मक स्वच्छता भी उतनी ही जरूरी है, जितनी शारीरिक स्वच्छता।’ आमिर की इस पोस्ट पर लोग जमकर प्रक्रिया दे रहे हैं। आमिर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
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समाज के लिए पॉजिटिव मैसेज
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ वीक 2019 के मौके पर आमिर की यह पोस्ट एक सकारात्मक संदेश है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘जागरूक होना और कठिन भावनाओं को शेयर करना तनाव से राहत देता है। फिजिकल एक्सरसाइज से तनाव को मात दी जा सकती है। शुरुआती दौर में तनाव से लड़ने से इसकी रोकथाम हो सकती है।’ आमिर कहते हैं कि किसी को भी तनाव हो सकता है। समय पर दी गई मदद से इससे राहत पाई जा सकती है।
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आमिर खान और मेंटल हेल्थ
दीपिका पादुकोण और आलिया भट्ट के बाद, ‘दंगल’ के स्टार आमिर खान ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपने इंस्टाग्राम पर वर्ल्ड मेंटल हेल्थ वीक पर एक पोस्ट शेयर किया। इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने कहा कि भावनात्मक स्वच्छता शारीरिक स्वच्छता जितनी ही जरुरी है और यह भावनाओं को शेयर करने और तनाव दूर करने का समय है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अवसाद से पीड़ित हो सकता है और हमें उन लोगों की मदद करनी चाहिए जो स्थिति से पीड़ित हैं। यह पहली बार नहीं है जब आमिर खान मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने आए हैं। अभिनेता ने अपने प्रसिद्ध टेलीविजन शो सत्यमेव जयते पर पहले मानसिक स्वास्थ्य के विषय को कवर किया है। इस शो में उन्होंने उन शारीरिक लक्षणों के बारे में बात की जो दिखाते हैं कि अवसाद सिर्फ सिर में नहीं है।
डिप्रेशन के शारीरिक लक्षण
जहां दर्द होता है डिप्रेशन आपको वहीं मार सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए के एक हालिया अध्ययन के अनुसार मानसिक बीमारी के लक्षणों का शारीरिक दर्द के साथ एक लिंक है। हालांकि अवसाद के सामान्य लक्षण दिमाग से जुड़े होते हैं इसलिए लोग अक्सर गलतफहमी पाल लेते हैं कि डिप्रेशन केवल सिर में होता है।
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हम आपको डिप्रेशन के कुछ जरुरी शारीरिक लक्षण के बारे में बताएंगे।
पेन इनटॉलोरेंस
जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजिकल साइंसेज में 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अवसाद और दर्द के असर के बीच संबंध है। अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों पर दर्द का अधिक असर होता है। क्या आपने कभी अपनी नसों में दर्द जैसी आग का अनुभव किया है और आश्चर्य है कि इसका कारण क्या है? इसका जवाब अवसाद हो सकता है। यहां तक कि डिप्रेशन के लिए जो दवाएं बनाई जाती हैं वे शारीरिक दर्द पर भी काम करती हैं। आमिर खान मेंटल हेल्थ को लेकर हमेशा मुखर रहें हैं और अपने अलग-अलग शो में वह मेंटल हेल्थ जैसे दूसरे गंभीर मुद्दों पर बात करना नहीं भूलते।
मांसपेशियों में दर्द
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूएसए द्वारा 2017 में एक अध्ययन के अनुसार अवसाद का कारण पीठ दर्द हो सकता है। पीठ दर्द जो अक्सर खराब मुद्रा या चोटों के कारण होता है आपकी स्थिति का एक लक्षण हो सकता है। अध्ययन के अनुसार हमारे दिमाग में उदासीन न्यूरोकाइक्यूट्स मांसपेशियों में दर्द के कारण शरीर की सूजन प्रतिक्रिया को ट्रिगर कर सकते हैं।
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आंख की समस्या
ये कहने की बात नहीं बल्कि सच है कि अवसाद आपकी दुनिया को धुंधला बना सकता है। हॉर्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अवसाद व्यक्ति की दृष्टि को प्रभावित कर सकता है। इस शोध के लिए किए गए प्रयोग के अनुसार अवसादग्रस्त लोगों को सफेद और काले रंग में अंतर देखने में परेशानी होती थी। इस स्थिति को विपरीत धारणा कहा जाता है और यह अवसाद के कारण विकसित हो सकता है।
पेट दर्द
पेट में दर्द और पेट में ऐंठन को अक्सर गैस और मासिक धर्म के दर्द के संकेत के रूप में लिखा जाता है। लेकिन हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पेट फूलना और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं खराब मानसिक स्वास्थ्य का संकेत हो सकती हैं। अध्ययन के अनुसार डिप्रेशन डाइजेस्टिव सिस्टम में सूजन को ट्रिगर करता है, जिससे बॉवल मूवमेंट में समस्या हो सकती है जिससे पेट में दर्द हो सकता है।
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सिर दर्द
यह इस स्थिति का एक बहुत ही सामान्य लक्षण है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। तनाव के कारण सिरदर्द हमेशा नहीं होते हैं नियमित सिरदर्द भी डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। नेशनल हेडेक फाउंडेशन, यूएसए के अनुसार अवसाद के कारण होने वाला तनाव सिरदर्द किसी के दिमाग की कार्यप्रणाली को खराब नहीं करता है। इस दर्द की वजह से सनसनी महसूस होती है खासकर भौं और माथे क्षेत्र के आसपास।
आमिर खान ने मानसिक समस्या पर की बात
आमिर खान हमेशा से अपने शो और अपनी फिल्मों को लेकर चर्चा में रहते हैं। आमिर खान का शो सत्यमेव जयते इसलिए भी मशहूर हुआ था क्योंकि इसमें उन्होंने स्वास्थ और सामाजिक मुद्दों को छुआ था। आमिर खान ने अपने शो सत्यमेव जयते में एसिड अटैक, समलैंगिकता और मेंटल हेल्थ जैसी समस्याओं के बारे में भी लोगों को जागरुक किया था। आमिर खान ने शो के माध्यम से न केवल मेंटल हेल्थ की बीमारी से जुड़ी सोच के बारे में बात की बल्कि उन लोगों को भी मंच दिया जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और मानसिक बीमारियों के बारे में गलत धारणाएं रखते हैं।
बॉलीवुड में मानसिक समस्या हमेशा से एक सेंसिटिव विषय रहा है जिसमें कई मशहूर हस्तियां अपने सबसे असुरक्षित पक्ष के बारे में सामने आते रहे हैं या तो एक असफल कैरियर, स्वास्थ्य के मुद्दों या असफल रिश्तों के कारण। सूची में कुछ नामों में दीपिका पादुकोण, मनीषा कोईराला, करण जौहर और रणवीर सिंह भी शामिल हैं।
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प्रोफेशनल फ्रंट पर आमिर खान अगली बार टॉम सिंह के क्लासिक फॉरेस्ट गम्प की रीमेक लाल सिंह चड्ढा के रोल में दिखाई देंगे। वह अब 6 महीने से खुद को प्रिपेयर कर रहा है और कथित तौर पर भूमिका को फिट करने के लिए 20 किलो वजन कम किया है। इस फिल्म में आमिर खाने के सामने करीना कपूर हैं।
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