
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India, Narendra Modi) ने देशवासियों को कोरोना वायरस (Coronavirus, COVID- 19) से बचाव करने के लिए गुरुवार शाम 8 बजे संबोधित किया। अपने 30 मिनट चले भाषण में पीएम मोदी ने मुख्य रूप से जनता कर्फ्यू (Janta Curfew) व आने वाले कुछ हफ्तों के लिए सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग (Social Distance and Panic Buying) का जिक्र किया। आपके मन में जरूर यह सवाल आ गया होगा कि, आखिर ये शब्द क्या हैं और इनका कोरोना वायरस की महामारी (Pandemic Coronavirus) से क्या संबंध है। तो आपको सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग के बारे में हर जानकारी इस आर्टिकल में जानने को मिलेगी। इसके अलावा, आपको बता दें कि भारत सरकार ने और वॉट्सएप (WhatsApp) ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिलकर वॉट्सएप पर अलग-अलग चैट बॉक्स बनाएं हैं। जिनकी मदद से आप कोरोना वायरस (2019-nCoV) से जुड़ी ताजा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आने वाले दिनों में भारत में लॉकडाउन की घोषणा भी की जा सकती है।
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सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग : क्या है सोशल डिस्टेंस (What is Social Distance)
आसान शब्दों में सोशल डिस्टेंस का मतलब है कि, लोगों से दूर रहना और अपने घर में ही रहना। जिसमें आपको अपने घर में घरवालों के साथ रहना होता है और आपको किसी जानकार या पड़ोसी के घर जाने या उनके आपके घर आने की अनुमति नहीं होती। यह लोगों के बीच संपर्क को कम करने के लिए उपयोग में लाया जाता है और आपको पता ही होगा कि कोरोना वायरस लोगों के संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए, कोरोना वायरस को खत्म करने और फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंस काफी मददगार होगा।
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सोशल डिस्टेंस में ध्यान रखें ये बातें
- सोशल डिस्टेंस आने वाले कुछ हफ्तों या समय तक बनाए रखना होगा। जबतक कि महामारी की स्थिति नियंत्रित नहीं हो जाती।
- सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग का जिक्र कोरोना वायरस की स्थिति में काफी जरूरी है। सोशल डिस्टेंस में सभी स्कूल, कॉलेज, प्राइवेट ऑफिस, दुकान, पब, रेस्टॉरेंट, थियेटर आदि बंद रहते हैं।
- आपको घर में रहना होता है और आप बेवजह घर से बाहर मार्केट, गली, मौहल्ले या किसी भी जगह नहीं जा सकते।
- घर का या खाने-पीने का जरूरी सामान खरीदना जैसी बहुत ही आवश्यक और इमरजेंसी स्थिति में आप घर से बाहर जा सकते हैं। लेकिन, आपको बाहर दूसरे व्यक्तियों से कम से कम 1 से 2 मीटर की दूरी रखना आवश्यक है।
- बाहर जाने पर मास्क, सैनिटाइजर या हाथ धोने जैसी जरूरी एहतियात को बरतें।
- सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग के अंतर्गत यह जान लें कि, सोशल डिस्टेंस की स्थिति में सीनियर सिटीजन और बच्चों को बिल्कुल घर से बाहर नहीं निकलना होता। क्योंकि, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वायरस से संक्रमित होने का खतरा रहता है।
- अगर संभव है, कंपनियां कर्मचारियों को घर से ही कार्य करने के लिए कहें अथवा प्राइवेट कंपनियां नागरिकों को अवकाश प्रदान करें।
- बहुत ही जरूरी स्थितियों में प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों के आने की संख्या को निर्धारित करें, ताकि भीड़भाड़ या संक्रमण के खतरे से बचा जा सके।
- सोशल डिस्टेंस के दायरे में सार्वजनिक सेवा प्रदान करने वाले, आवश्यक सेवा, पुलिस, डॉक्टर, मीडियाकर्मी, डिलीवरी मैन आदि नहीं आते। हालांकि, उन्हें भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए और यात्रा करने से बचना चाहिए।
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सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग : पैनिक बाइंग (What is Panic Buying) क्या है?
सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग में अब नंबर आता है, पैनिक बाइंग का। पैनिक बाइंग उस स्थिति को कहते हैं, जब लोग आने वाले किसी आशंकित खतरे के डर से जीवनयापन के लिए जरूरी सामान को बल्क में खरीदकर घरों में स्टोर कर लेते हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में साफ-साफ कहा है कि, चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन, दूध, सब्जी आदि जैसी जरूरी सेवाओं का मिलना बंद नहीं होगा। इसलिए पैनिक बाइंग न करें।
पैनिक बाइंग के नुकसान (Panic Buying Disadvantages)
पैनिक बाइंग के दौरान स्टोर, दुकान, मॉल आदि से खरीददारी करने की भगदड़ मच जाती है। जिसमें काफी बड़ी संख्या में लोग घर से बाहर आते हैं। अब कोरोना वायरस की महामारी की स्थिति में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का घरों से बाहर आना कोरोना वायरस को फैलने में मदद करेगा। दूसरी और, पैनिक बाइंग करने से कुछ लोग के पास जरूरत से ज्यादा संग्रहण हो जाएगा और कुछ लोगों को जरूरी सामान नसीब नहीं होगा। जिससे महंगाई, कालाबाजारी जैसी दिक्कतें भी बढ़ेंगी और समाज में अव्यवस्था फैलेगी।
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सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग- भारत सरकार और वॉट्सएप ने चैट बॉक्स शुरू की
नेशनल फार्मासियुटिकल्स प्राइजिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Pharmaceuticals Pricing Authority of India) ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से जानकारी साझा करते हुए बताया कि, भारत सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी के लिए वॉट्सएप चैटबोट (WhatsApp Chatbot) की शुरुआत की है। जिसके लिए आपको अपने वॉट्सएप पर 9013151515 नंबर सेव करना होगा और आपको कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी और फैक्ट्स की जानकारी मिलती रहेगी।
सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग के अलावा जान लें कि, वॉट्सएप ने खुद डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के साथ मिलकर एक वॉट्सएप कोरोना वायरस इंफोर्मेशन हब की शुरुआत की है। जिसमें आपको, कोरोना वायरस से जुड़ी तमाम जानकारियां मिल जाएंगी।
क्या एक दिन के जनता कर्फ्यू से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा?
सोशल डिस्टेंस और पैनिक बाइंग के अलावा, मोदी ने 22 मार्च रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू की बात कही थी। लेकिन कर्फ्यू के बाद भी लोगों को जरूरी एहतियात या बेवजह कहीं आने-जाने से बचना होगा। दरअसल, एक दिन के जनता कर्फ्यू से कोरोना वायरस का खात्मा हो जाना संभव नहीं लगता। लेकिन, इसे फैलने से रोकने में जरूर मदद मिलेगी।
क्योंकि, भारत इस महामारी के दूसरे चरण में है और तीसरे चरण में पहुंचना काफी भयानक होगा, जहां यह वायरस कुछ लोगों से एक बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करता है। यह वायरस संक्रमित लोगों से लोगों में फैलता है और अगर हम कुछ समय या एक दिन के लिए घर से बाहर न निकलें, तो इसके फैलने के चक्र में गिरावट आएगी। जनता कर्फ्यू में आपको एक बात और ध्यान देनी होगी, कि अगर आपको खुद में कुछ लक्षण दिखने की आशंका होती है, तो आपको घर में बाकी लोगों से भी खुद को सेल्फ आइसोलेट रहना होगा, जबतक कि आप अपनी जांच नहीं करवा लेते।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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