- बुखार
- दस्त
- पेट में दर्द
- भूख कम लगना
- वजन घटना
- पस या जोड़ों के आसपास परेशानी
- स्टूल में खून आना
- फिस्टुला और इंटरनल ब्लीडिंग (Fistula and internal bleeding)
- थकान
- मुँह के छाले
- भोजन अवशोषण में कमी (Deficiency in food absorption)
- आंखों, जोड़ों, लिवर और त्वचा की सूजन
- अल्सर
- छोटे बच्चों की ग्रोथ में देरी
- त्वचा के चकत्ते
- खून की कमी और एनीमिया
लोग लंबे समय तक किसी भी लक्षण को पहचाने बिना रह सकते हैं। इस चरण को रेमिशन(Remission) के रूप में जाना जाता है।
चूंकि क्रोहन्स रोग होने से भूख लगना कम हो जाता है, इसलिए रोगी भूख से भी पीड़ित हो सकते हैं और गंभीर अवस्था में, उन्हें भोजन इंट्रावेंशनली(intravenously) देना पड़ता है। ऐसे मरीजों में डायट को मॉनिटर करने की जरुरत पड़ती है। अगर पाचन संबंधी समस्याओं के अलावा इसकी परेशानियों से बचना हो, तो डेयरी, शराब, मसालेदार खाना और कुछ खाने का आइटम को बिल्कुल छोड़ दें।
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इलाज
क्रोहन्स रोग अब तक कोई प्रभावी इलाज या उपाय नहीं पाया गया है। हालांकि, एक प्रभावी उपचार योजना से लक्षणों और बीमारी के ग्रेड को राहत दी जा सकती है। कुछ थेरेपी भी हैं, जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं, शरीर में रेमिशन(Remission) को आगे बढ़ने से रोक सकती हैं और जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार कर सकती हैं।
अगर आपको दो दिनों से अधिक समय तक बुखार है और डायरिया की परेशानी दवाओं से नहीं ठीक होती है, तो डॉक्टर को दिखाएं।
सामान्य उपचार योजनाओं में दवाओं के साथ-साथ पोषण की खुराक और यहां तक कि सूजन कम करने के लिए सर्जरी शामिल है। मरीज को एंटी-इनफेलेम्रेटी दवाएं, स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक दवाएं और रिप्लेस्मेंट मील्स दी जाती है। रोगी के लक्षणों और दवाओं के आधार पर ट्रीटमेंट में बदलाव किया जा सकता है।
रिस्क फैक्टर
उम्रः क्रोहन बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन जब आप छोटे होते हैं तो आपको यह परेशानी होने की आशंका ज्यादा होती है।