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स्लीवबलून क्या है? किस तरह करता है मोटापे को कम

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Govind Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/08/2020

    स्लीवबलून क्या है? किस तरह करता है मोटापे को कम

    आज के दौर में दुनिया भर के लोगों के लिए मोटापा और डायबिटीज बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं बन गई हैं। इनसे निजात पाने के लिए अलग-अलग रिसर्च भी होती रहती हैं। इसी कड़ी में स्लीवबलून एक नया मेडिकल डिवाइस है, जिसकी चर्चा अभी गर्म है। इसे बैरिएटिक सर्जरी (इस सर्जरी को मोटापा कम करने के लिए किया जाता है) की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। फिलहाल, इसका परीक्षण चूहों पर किया गया है। इस परीक्षण में पाया गया कि इसके इस्तेमाल से वजन कम करने, फैटी लीवर और डायबिटीज में काफी मदद मिलती है।

    क्या होता है स्लीवबलून? (What is sleevebaloon?)

    स्लीवबलून में एक गुब्बारा होता है, जो एक स्लीव से जुड़ा होता है। यह डिवाइस छोटी आंत के एक हिस्से को कवर कर लेता है। इसे पेट में सर्जरी के द्वारा प्लांट किया जाता है।

    कैसे की गई स्लीवबलून से जुड़ी रिसर्च?

    ईबायो मेडिसिन में जारी रिसर्च के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बैरिएटिक सर्जरी (Bariatric surgery)और स्लीवबलून के परिणामों की तुलना की। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 30 चूहों को इस शोध में शामिल किया। साथ ही इन चूहों को हाई फैट फूड खिलाया गया और इनके परिणामों का समीक्षा की।

    डायबिटीज के प्रभाव को स्लीवबलून करता है कम

    शोधकर्ताओं ने पाया कि इस डिवाइस के इस्तेमाल के बाद चूहों के खाने में 60 प्रतिशत तक की कमी आई। इस कारण फैट मास में 57 प्रतिशत की कमी हुई। डायबिटीज का प्रभाव भी कम हुआ और ब्लड शुगर लेवल में भी 65 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई।

    इस रिसर्च के प्रमुख लेखक किंग्स कॉलेज, लंदन में प्रोफेसर गेलट्रूड मिंगरोन ने कहा कि गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज का एक बेहद प्रभावी उपचार है। हालांकि, केवल एक प्रतिशत लोग ही सर्जरी को चुनते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि स्लीवबलून डिवाइस के मेटाबॉलिक प्रभाव गैस्ट्रिक बाईपास के समान ही थे। दोनों ही तरीकों से इंसुलिन सेंसिटिविटी और हार्ट फंक्शन में सुधार हुआ।

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    इस तरह वजन कम करने में मिलती है मदद

    मिंगरोन ने कहा, “गैस्ट्रिक बाईपास के कराण खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है, जो हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycaemia) का कारण बन सकता है। वहीं स्लीवबलून पाचन को धीमा करता है। इसका ब्लड शुगर लेवल पर लगातार प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्लीवबलून भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिसके कारण वजन कम होने में मदद मिलती है।

    स्लीवबलून से अलावा वजन कम करने के घरेलू नुस्खे

    किनोवा को करे डायट में शामिल (Add quinoa in your diet)

    अगर आप वेट लॉस करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो अपनी डायट में किनोवा को शामिल करना भी आजमा सकते हैं। किनोवा एक हेल्दी होने के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद कर सकता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि किनोवा में भारी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और दूसरे अनाजों की तुलना में इसमें ग्लूटेन की मात्रा कम होती है। इसके अलावा इसमें सभी अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं। इसमें काफी मात्रा में लाइसिन भी पाया जाता है। लाइसिन टिश्यू डेवलपमेंट और रिपेयर के लिए अच्छा माना जाता है। जब आपा किनोवा को हरी सब्जियों के साथ डायट का हिस्सा बनाते हैं, तो मील की न्यूट्रिशन वैल्यू और बढ़ जाती है। हरी सब्जियों में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन की प्रक्रिया को ठीक करता है और इसके कारण वजन कम करने में मदद मिलती है।

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    ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रखना भी जरूरी (keep blood sugar level stable)

    अगर आप वेट लॉस करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको अपनी डायट में ऐसे फूड आयटम्स को शामिल करना होगा, जो ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रख सकें। ऐसे में आपको हेल्दी कार्ब्स और फाइबर से भरपूर डायट लेने की जरूरत होती है। इस तरह की डायट आपकी भूख को भी संतुष्ट करती है। हेल्दी कार्ब्स और फाइबर की जरूरत को पूरा करने के लिए अनाज एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आनाज या होलग्रेन में न्यूट्रीएंट्स से भरपूर होता है।

    पानी पीने से होता है वजन कम (Drink plenty of water)

    पानी पीने से मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है। यह वजन कम करने में मदद करता है। आप दिन भर पानी पीते रहते हैं तो इससे आपको भूख भी नहीं लगती है। जो लोग कम पानी पीते हैं उनमें फैट बर्न करने की क्षमता कम हो जाती है।

    फलों का सेवन बंद न करें (Eat fruits)

    आमतौर पर देखा जाता है कि वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोग इस दौरान फलों का सेवन करना छोड़ देते हैं। लोगों का मानना होता है कि फलों में हाई कैलोरी मौजूद होती हैं। यहां यह भी जानना जरूरी है कि फलों में काफी मात्रा में पानी भी मोजूद होता है, जो हाइड्रेटेड रखता है। इसके अलावा फलों में मौजूद नैचुरल शुगर बॉडी के लिए फायदेमंद होता है।

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    बीन्स भी है अच्छा विकल्प (Beans are also a good choice)

    वेट लॉस की कोशिश में बीन्स आपकी मदद कर सकती है। बीन्स में कैलोरी का मात्रा काफी कम होती है, तो दूसरी और इसमें आयरन बहुत अधिक होती है। साथ ही इसमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। बीन्स फैट फ्री होते हैं। इसलिए ये वजन कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं।

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    मीठे को कहें बाय (Say no to sweet)

    वेट लॉस जर्नी में आपको अपने मीठे की क्रेविंग का कंट्रोल करना पड़ेगा। हम में से कई लोगों के लिए यह मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन इसे फॉलो किए बिना वजन कम करना मुमकिन नहीं है। मीठे के अलावा आपको स्टार्च और कार्ब्स को भी कंट्रोल करने की जरूरत होती है। इन्हें कंट्रोल करने से शरीर में कैलोरी कम जाएंगी ऐसे में पहले से मौजूद कैलोरीज को बॉडी बर्न करने लगती है। इसके अलावा शुगर कंट्रोल होने पर बॉडी में इंसुलिन भी मेंटेन रहेगा।

    नाश्ते में अंडे को शामिल करें (Eat eggs for breakfast)

    ब्रेकफास्ट में अनाज की जगह अंडे को शामिल करें। अंडा वजन को कम करने में मदद करने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।

    ब्लैक कॉफी को करें डायट में शामिल (Drink black coffee)

    एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर कॉफी हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। कई शोध के अनुसार, कॉफी मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है, जिससे फैट बर्न होने में मदद होती है।

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    वेट लॉस के लिए सही डायट के साथ-साथ सही वर्कआउट भी उतना ही जरूरी है। कई मामलो में सिर्फ डायट से ही काम नहीं चलता ऐसे में लोगों को पसीना भी बहाना पड़ सकता है। साथ ही यह ध्यान रखें कि डायट का मतलब भूखा रहने से है। डायट का मतलब हेल्दी और बैलेंस डायट से है। डायट के नाम पर खाना कम कर देने से शरीर में कमजोरी भी आ सकती है। अपनी बॉडी टाइप के लिहाज से ऐसी डायट लेने की जरूरत होती है कि जमा हुआ फैट कम हो और बॉडी को जरूरी एनर्जी भी मिलती रहे।

    नए संशोधन की समीक्षा डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा की गई

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