प्रेग्नेंसी को सुरक्षित करने के लिए महिलाएं बहुत से उपाय अपनाती हैं और अपनी लाइफस्टाइल में सुधार भी करती हैं। कुछ महिलाएं जिन्हें स्मोकिंग की आदत होती है, उनके होने वाले बच्चे के लिए खतरे की स्थिति पैदा हो जाती है। सी डी सी (CDC) की मानें तो करीब 13 प्रतिशत महिलाएं प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीने में स्मोक करती हैं। महिलाएं भले ही प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में या आखिरी के महीनों में स्मोकिंग करें लेकिन ये होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को खतरा पैदा कर सकता है। अगर महिला प्रेग्नेंसी के पहले मन बना ले, तो आसानी से स्मोकिंग से छुटकारा पा सकती है। प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग (Pregnancy and smoking) एक साथ बुरे परिणाम ला सकता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग छोड़ने के तरीकों के बारे में बताएंगे।
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प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग (Pregnancy and smoking) किन समस्याओं का बन सकते हैं कारण?
गर्भावस्था से पहले स्मोकिंग छोड़ना बहुत जरूरी है ताकि आप बच्चे को बड़े खतरे से बचा सके। आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग करती हैं, तो होने वाले बच्चे में भी स्मोकिंग करने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग के खतरे के बारे में जानकारी नहीं है, तो जानिए आपके होने वाले बच्चों को क्या खतरे हो सकते हैं।
- लो बर्थ वेट डिलिवरी (low birth weight delivery)
- प्रीटर्म बर्थ (preterm birth)
- मिसकैरिज (Miscarriage)
- स्टिलबर्थ (Stillbirth)
- क्लैफ्ट पेलेट या कटा हुआ तालू और अन्य बर्थ डिफेक्ट (cleft palate and other birth defects)
- सांस संबंधी समस्याएं (Respiratory issues)
स्मोकिंग के कारण होने वाले बच्चे को पैदा होने के बाद निम्नलिखित समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
- सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (पैदा होने के बाद बच्चे की मृत्यु)
- लर्निंग डिसएबिलिटी (learning disabilities)
- व्यवहार संबंधी समस्याएं (Behavioral problems)
- अस्थमा अटैक (Asthma attacks)
- फ्रीक्वेंट इंफेक्शन (frequent infections)
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प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग (Pregnancy and smoking): अभी क्विट करना क्यों है जरूरी?
जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं, उन्हें लगता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग छोड़ने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि बच्चे पर स्मोकिंग का असर कंसीव करने के दौरान ही पड़ गया होगा या फिर वो पहले से ही स्मोकिंग कर रही हैं, तो बच्चे पर बुरा असर पड़ने से नहीं रोका जा सकता है। इसी कारण से महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान भी स्मोकिंग जारी रखती हैं। जबकि ये सच नहीं है। प्रेग्नेंसी की किसी भी अवस्था में अगर स्मोकिंग छोड़ दी जाए, तो लंग डिफेक्ट्स (lung defects) और जन्म दर कम होने का खतरे कम हो सकता है। सभी प्रेग्नेंट महिलाएं को सातवें या आठवें महीने में भी स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जानिए कैसे प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग को छोड़ा जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग (Smoking in pregnancy) को छोड़ने के लिए अपनाएं ये तरीके
स्मोकिंग छोड़ने के लिए स्मोकिंग के पैटर्न को समझना बहुत जरूरी है। अक्सर लोग टेंशन या स्ट्रेस में होने पर स्मोकिंग करते हैं। या फिर स्मोकिंग शौक के तौर पर भी की जा सकती है। पहले ये समझें कि आखिर आप स्मोकिंग क्यों कर रही हैं। अगर आप खुद को एनर्जी से भरने के लिए स्मोकिंग कर रही हैं, तो ये आपकी भूल है। स्मोकिंग के कारण कभी भी एनर्जी नहीं बढ़ती है। अगर आपको कॉफी या फिर चाय (Coffee or tea) पीने के बाद स्मोकिंग करने का मन करता है, तो आप अन्य पेय पदार्थ लेना शुरू कर दें, ताकि सिगरेट (Cigarette) पीने का मन न करें। आप चाहे तो रोजाना के स्मोकिंग टाइम में दोस्तों के साथ सैर पर जा सकते हैं। आप इन आदतों को अपनाने के बाद क्विट करने की डेट फिक्स कर डॉक्टर को इस बारे में बता सकते हैं।
इस बारे में लखनऊ की शहानी नर्सिंग होम की डायरेक्टर डॉक्टर संतोष शहानी का कहना है कि वैसे तो स्मोकिंग हर प्रकार से सेहत के लिए नुकसानदेह होती है। लेकिन प्रेग्नेंसी के समय तो बेहद ही नुकसानदेह होती है स्मोकिंग। प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग से मां और बच्चे दोनों को ही नुकसान हो सकता है। जो महिलाएं पहले से ही स्मोकिंग कर रही होती है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान अचानक से स्मोकिंग छोड़ने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी प्लानिंग के पहले ही धीरे-धीरे स्मोकिंग को धीरे-धीरे कम और फिर छोड़ना चाहिए। यदि आप स्मोकिंग को अचानक से छोड़ेंगी, तो न ही आप इसे छोड़ पाएगी और यह आपके शरीर को नुकसान देह हो सकता है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह लें और उनके बताए अुनसार धीरे-धीरे छोड़ें। फिर कुछ महीने बाद सभी बॉडी टेस्ट करवाकर प्रेग्नेंसी प्लान करें। स्मोकिंग छोड़ने के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि आपको कितने प्रतिशत निकोटीन (Nicotine) की रोजाना जरूरत पड़ती है। आपको स्मोकिंग छोड़ने के लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए, ताकि आपको किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
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स्मोकिंग छोड़ना हो सकता है कितना कठिन?
प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग छोड़ना वाकई आपके और बच्चे के लिए एक अच्छी पहल है। स्मोकिंग छोड़ने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई महिला दिन में एक या दो बार स्मोकिंग करती है, तो उसके लिए स्मोकिंग छोड़ना कठिन नहीं होता है। अगर कोई महिला कैफीन के साथ ही स्मोकिंग भी अधिक करती है, तो उनके लिए स्मोकिंग छोड़ना बहुत कठिन हो जाता है। जो महिलाएं अधिक स्ट्रेस में रहती है, उनके लिए भी स्मोकिंग छोड़ना कठिन हो सकता है। अगर कोई महिला मन में संकल्प ले, तो आसानी से डॉक्टर की सहायता से स्मोकिंग छोड़ सकती है। स्मोकिंग छोड़ना कठिन हो सकता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप इसे छोड़ नहीं सकते हैं। खुद को समय दें और डॉक्टर की सलाह लें।
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क्या प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग छोड़ने के लिए ये तरीके हैं सेफ?
स्मोकिंग छोड़ने के लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट (Nicotine Replacement) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।निकोटिन रिप्लेसमेंट में निकोटीन पैच, गम आदि का इस्तेमाल किया जाता है और व्यक्ति की स्मोकिंग की आदत धीमे-धीमे छूटने लगती है। प्रेग्नेंसी के दौरान निकोटिन रिप्लेसमेंट सेफ नहीं माना जाता है। निकोटिन रिप्लेसमेंट के दौरान निकोटिन की थोड़ी सी मात्रा को शरीर में पहुंचाया जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति की स्मोकिंग की आदत को धीमे-धीमे छुड़ाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान निकोटिन रिप्लेसमेंट लेने पर शरीर में कुछ मात्रा में निकोटिन पहुंचेगा, तो गर्भाशय में ब्लड फ्लो (Blood flow) को कम करता है। निकोटिन डेवलपिंग फीटस और प्लासेंटा के विकास में रुकावट पैदा करता है। निकोटिन गम या फिर निकोटिन पैच का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी में करने से फीटस को खतरे की संभावना (Risk to the fetus) बढ़ जाती है।
बुप्रोन (Bupropion) डिप्रेशन और स्मोकिंग की लत से छुटकारे दिलाने का काम करती है। ये एक टैबलेट होती है, जो माइंड को रिलेक्स फील कराती है। ये ड्रग प्रेग्नेंसी और डिप्रेशन के लिए बी ग्रेड कैटागिरी में आता है यानी इसका इस्तेमाल प्रेग्नेंसी में या बाद में करने पर खतरा हो सकता है। ये दवा महिला के दूध के माध्यम से बच्चे तक पहुंच सकती है।
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क्या स्मोकिंग छोड़ने के बाद दोबार स्मोकिंग है संभव?
एक बार स्मोकिंग की आदत छोड़ने के बाद किसी को भी दोस्तों के सपोर्ट के साथ ही फैमिली के सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है। अगर महिला प्रेग्नेंसी के दौरान स्मोकिंग छोड़ देती है, तो घर का खराब महौल उसे दोबारा स्मोकिंग करने के लिए मजबूर कर सकता है। अगर घर के सदस्य स्मोकिंग कर रहे हैं, तो महिला के मन में दोबारा स्मोकिंग की बात आ सकती हैं। महिलाएं डिलिवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum depression)का शिकार हो जाती हैं और ऐसे समय में उन्हें सिगरेट की लत महसूस हो सकती है। अगर महिला बच्चे की डिलिवरी के बाद स्मोकिंग करती है, तो स्तनों में दूध कम बनने लगता है। साथ ही होने वाले बच्चे को कान से संबंधित इंफेक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है। इन समस्याओं से बचने के लिए माता-पिता को स्मोकिंग से दूर ही रहना बेहतर होता है। आपको प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग (Pregnancy and smoking) के संबंध में डॉक्टर से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से प्रेग्नेंसी और स्मोकिंग (Pregnancy and smoking) के संबंध में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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