दुनियाभर में हर साल मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। नेशनल एलायंस ऑन मेंटल इलनेस (NAMI) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पांच वयस्कों में से लगभग एक व्यक्ति हर साल मानसिक बीमारी का शिकार होता है।
इसमें सिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और चिंता विकार से ग्रस्त लोग ज्यादा पाए जाते हैं। इस तरह के मानसिक स्वास्थ्य विकारों को डॉक्टरों, मनोचिकित्स्कों की सहायता से समझा और इनका उपचार किया जा सकता है लेकिन कुछ दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी भी हैं, जिनका सामना करना बहुत ही कठिन हो जाता है।
ऐसे ही कुछ दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य विकारों के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं :
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कौन-कौन सी दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं?
1. स्टेंडल सिंड्रोम
स्टेंडल सिंड्रोम एक दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। जब व्यक्ति एक ही जगह समय पर अपने दिमाग से कई कलाओं या दृश्यों को इमैजिन करने लगता है तब इस विकार के लक्षण बीमार व्यक्ति में दिखते हैं, जैसे कि म्यूजियम या आर्ट गैलरी आदि।
हालांकि, स्टेंडल सिंड्रोम के लक्षण कुछ घंटों के भीतर गायब भी हो जाते हैं, तो कुछ मामलों में ये एक सप्ताह तक भी रह सकते हैं। इस सिंड्रोम का नाम 19वीं शताब्दी के फ्रांसीसी लेखक के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 1817 में फ्लोरेंस की यात्रा के दौरान इन लक्षणों का अनुभव किया था। स्टेंडल सिंड्रोम को हाइपरकल्चरेमिआ या फ्लोरेंस सिंड्रोम भी कहा जा सकता है।
2. एपोटेमनोफिलिया
एपोटेमनोफिलिया का संबंध दिमागी बीमारी से है जिसे बॉडी इंटीग्रिटी डिसऑर्डर और एमप्यूटि आइडेंटिटी डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है। इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से ग्रसित इंसान शरीर के स्वस्थ भागों को नुकसान पहुंचाने की सोचता है और कभी-कभी तो मरीज खुद को जख्मी भी कर लेते हैं।
पीड़ित व्यक्ति मानता है कि अगर उसका एक पांव या हाथ या शरीर का और कोई अंग हटा दिया जाए तो उसे और अच्छा फील होगा। माना जाता है कि यह विकार मस्तिष्क के दाएं पार्श्विका लोब में क्षति के कारण होता है।
इस मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे लोगों को उपचार देना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि ये लोग उपचार कराना ही नहीं चाहते हैं। हालांकि, इसके इलाज के लिए संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी और अवतरण चिकित्सा दोनों का प्रयास किया जा सकता है ताकि एक बार इलाज करने के बाद एपोटेमनोफिलिया का इलाज किया जा सके।
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3. एलियन हैंड सिंड्रोम
एलियन हैंड सिंड्रोम काफी दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसमें रोगी महसूस होता है कि उसका एक हाथ या अंग उसके शरीर पर तो है लेकिन उस अंग पर व्यक्ति का खुद का कोई नियंत्रण नहीं है।
यह विकार आमतौर पर बाएं हाथ को प्रभावित करता है। बेकाबू अंग अक्सर अपनी मर्जी से और अपनी इच्छा से काम करने लगता है। इस प्रभाव के कारण व्यक्ति को बहुत नुकसान हो सकता है जैसे खुद को खरोंचना, अपने कपड़ों को फाड़ना आदि।
एलियन हैंड सिंड्रोम ज्यादातर अल्जाइमर बीमारी के रोगियों में या मस्तिष्क की सर्जरी के बाद दिखाई देता है जिसके दौरान दिमाग के दो भागों (दाएं और बाएं) को अलग कर दिया जाता है। दुर्भाग्य से, एलियन हैंड सिंड्रोम के लिए कोई इलाज मौजूद नहीं है।
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4. कैपग्रस सिंड्रोम
कैपग्रस सिंड्रोम एक मानसिक विकार है जिसका नाम फ्रांसीसी मनोचिकित्सक जोसेफ कैपग्रस के नाम पर रखा गया है। इस मानसिक विकार से ग्रस्त इंसान की पहचानने की क्षमता प्रभावित हो जाती है और वह मानता लगहै कि उसके परिवार के लोगों, जीवनसाथी या करीबी दोस्तों को समान प्रतिरूप (एक जैसे दिखने वाले व्यक्ति) से बदल दिया गया है।
इस कैपग्रस सिंड्रोम के लक्षण सिजोफ्रेनिया, मस्तिष्क में दर्दनाक चोट और डिमेंशिया जैसी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स के बाद दिख सकते हैं। समय रहते डॉक्टरी सलाह से कैपग्रस सिंड्रोम का उपचार किया जा सकता है।
5. ऐलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम
ऐलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम एक भयंकर मानसिक विकार है जिसमें आपको भ्रम होने लगता है या फिर चीजें उनके वास्तविक आकार से छोटी या बड़ी नजर आने लगती हैं।
इस दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्या में ऐसा भी होता है कि मरीज को पास रखी चीज भी बहुत दूर या बहुत पास नजर आने लगती है। इसमें रोगी के सुनने और स्पर्श शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐलिस इन वंडरलैंड सिंड्रोम बेहद ही दुर्लभ विजुअल न्यूरोलॉजी बीमारी है जिसका नाम शायद ही किसी ने सुना हो।
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मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किस तरह के सकेत दे सकती हैं?
भिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं। हर मानसिक बीमारी के अपने लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य संकेत हर तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बयां कर सकती हैं। ये आपको सचेत करती हैं कि अभी संभल जाएं। इन संकेतों को नजरअंदाज करने की बजाय इनके उपचार पर ध्यान देना चाहिए। इनमें से कुछ संकेतों में शामिल हैं :
- व्यक्ति के स्वाभाव में परिवर्तन होना
- रोजमर्रा के कामों को पूरा करने में असमर्थ महसूस करना
- अजीब या खतरनाक व्यवहार करना
- बहुत ज्यादा परेशान होना
- छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करना
- हमेशा अकेले रहना
- लंबे समय तक डिप्रेशन का शिकार होना
- खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव होना
- आत्महत्या के बारे में सोचना या खुद को नुकसान पहुंचाना
- परिवार या दोस्तों के साथ व्यवहार करने के तरीके में बदलाव होना
- बहुत ज्यादा शराब या स्मोकिंग करना
आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य में पांच में से एक महिला किसी न किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या से परेशान है। हाल ही के अनुमानों के अनुसार, लगभग 20 फीसदी अमेरिकियों में किसी न किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है।
इनमें 18 साल से कम आयु के लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 3 फीसदी लोगों में एक से अधिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाई जाती हैं। वहीं, लगभग पांच फीसदी लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं इतनी ज्यादा गंभीर हो गई हैं कि ये खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने से नहीं कतराते हैं।
इसके अलावा, हर साल लगभग 8 लाख नए लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाई जा रही हैं। इनमें से सिर्फ 20 फीसदी लोग ही अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्या को पहचान पाते हैं और समय पर उसका उपचार करवाते हैं।
लोग आज भी सिर्फ पागलपन को ही दिमागी बीमारियों के नाम से जानते हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्या हमेशा पागलपन ही नहीं होती है बल्कि इसमें डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया से लेकर न जाने कितने मानसिक स्वास्थ्य विकार शामिल हैं, जो आम हैं।
भारत जैसे देशों में मानसिक बीमारी को सिर्फ पागलपन के रूप में ही देखा जाता है और इसी वजह से इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वो इलाज के लिए साइकेट्रिस्ट के पास जाएंगें तो लोग उन्हें पागल करार दे देंगे।
रोगी और उसके आसपास के लोगों की ये सोच बिल्कुल गलत और निराधार है। हर शारीरिक बीमारी की तरह मानसिक बीमारी को भी इलाज की जरूरत होती है। आप योग, मेडिटेशन, होम्योपैथी और किसी अन्य थेरेपी की मदद से मानसिक बीमारी का इलाज करवा सकते हैं।
वहीं कैपग्रस सिंड्रोम, एलियन हैंड सिंड्रोम आदि ऐसे दुर्लभ मानसिक विकार हैं जिनके बारे में लोगों ने सुना तक नहीं है लेकिन, ये दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बहुत ही गंभीर हैं।