कोर्टिसोल को ‘स्ट्रेस हार्मोन’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि हमारा अड्रीनल सिस्टम इसे तनाव होने पर रिलीज करता है। यह इसी स्तर को घटाने में मदद करता है।
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बढ़ती उम्र में अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Ashwagandha in aging)
अश्वगंधा में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जिस कारण वो सन रेज के कारण होने वाले नुकसान से हमें बचाता है। अश्वगंधा त्वचा के कैंसर से बचाव करने में मदद करता है। इसके लिए आप ऐसा पैक बना सकते हैं जो आपकी त्वचा को एंटी एजिंग लाभ देता हो। इसके लिए अश्वगंधा के चूर्ण में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर 15 मिनट के लगा लें फिर चेहरा पानी से धो लें। इससे आपको बढ़ती उम्र के लक्षण रोकने में मदद मिल सकती है।
ध्यान रखें ये बातें
इसका सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा को दवाओं के साथ लेने से प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी से इन दवाओं की प्रभावशीलता कम हो सकती है। इन दवाओं में अजैथिओप्रिन (इमुरान), बेसिलिक्सीमाब (सिम्यूलेक्ट), साइक्लोस्पोरिन (न्यूरॉल, सैंडिम्यून), डेक्लिज़ुमैब (जेनपैक्स), म्यूरोमोनैब-सीडी 3 (ओकेटी 3, ऑर्थोक्लोन ओकेटी 3), माइकोफेनोलेट (सेलसेप्ट), टैक्रोलिमस (एफके 506 प्रोग्राफ), सिलोलिमस (रैपैम्यून), प्रेन्डिसोन (डेल्टासोन, ओरासोन), कॉर्टिकोस्टीरॉयड (ग्लूकोकॉर्टिकॉयड) एवं अन्य शामिल हैं।
अश्वगंधा का एक बहुत ही अच्छे पूरक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। तो यदि आप कम टेस्टोस्टेरॉन, स्ट्रेस या डिप्रेशन की परेशानी से जूझ रहें हैं तो आप अपने डॉक्टर की सलाह से इसका का सेवन शुरू कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।