ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को गंभीर समस्या माना जाता है। यह समस्याएं ध्यान न दिए जाने पर व्यक्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में समय रहते हार्ट प्रॉब्लम्स को डॉक्टर से संपर्क करके ठीक करना बेहद जरूरी माना जाता है। आज हम आपको हार्ट से जुड़ी एक ऐसी समस्या के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है एथेरोस्क्लेरोसिस। इस आर्टिकल में एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल से जुड़ी जानकारी भी आपके साथ शेयर करेंगे।
एथेरोस्क्लेरोसिस एक हार्ट डिजीज (Heart disease) है, जो एक गंभीर जानलेवा बीमारी है। एक बार यदि आपको यह समस्या हो जाए, तो आपको जिंदगी भर इस पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। लेकिन आज हम बात करेंगे एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल की। एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) का अर्थ है इस बीमारी को पुनः होने से बचाना। एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के बारे में कुछ खास बातें।
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क्या है एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)?
एथेरोस्क्लेरोसिस एक ग्रीक वर्ड है, जिसमें दिल की धमनिया कड़ी हो जाती हैं।यह तकलीफ समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती है। यदि आपको हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो यह कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) आपकी आर्टरी वॉल पर जमा होने लगता है। इसकी वजह से शरीर के ब्लड सेल्स स्थिति से निपटने के लिए इस कोलेस्ट्रॉल पर अटैक करते हैं। यह ब्लड सेल्स कोलेस्ट्रॉल को खाने लगते हैं और इससे ब्लड सेल्स की मौत हो जाती है। यही ब्लड सेल्स अब आर्टरी में जमा होने लगते हैं, जिसकी वजह से सूजन की समस्या बढ़ती है। यदि यह सूजन लंबे समय तक रहे, तो यह प्लाक में बदल जाती है। ऐसी स्थिति में एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की तकलीफ होती है।
एथेरोस्क्लेरोसिस में ब्लड क्लॉट (Blood clot) होने की संभावना होती है, जिसकी वजह से ह्रदय तक ब्लड सप्लाय कम होने लगता है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा बनने लगता है। आइए अब जानते हैं एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को कैसे पहचाना जा सकता है।
एथेरोस्क्लेरोसिस : कैसे पहचाने रोग की दस्तक को? (Symptoms of Atherosclerosis)
एथेरोस्क्लेरोसिस की तकलीफ एकदम से नहीं होती, यह धीरे-धीरे पनपती है। माइल्ड एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या में आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते। जब धमनियों में रुकावट के कारण खून का बहाव कम होने लगता है, तब एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण नजर आते हैं। कई बार धमनियों में जमे हुए खून के थक्के, खून का बहाव रोक देते हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक (Heart attack and stroke) की समस्या हो जाती है। इस समस्या में आपको –
- सीने में दबाव और दर्द (Chest pressure and pain)
- पैरों का सुन्न पड़ जाना
- बोलने में परेशानी
- आंखों में धुंधलापन (Blurred vision)
- चेहरे की मांसपेशियों में बदलाव
- चलने-फिरने में तकलीफ
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- किडनी फ़ेल्योर
आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में आपको एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान करने की जरूरत होती है, ताकि इसके गंभीर खतरों, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक इत्यादि से बचा जा सके। इसलिए लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना करना चाहिए। डॉक्टर कुछ टेस्ट के जरिए एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान कर सकते हैं। आइए जानते हैं एथेरोस्क्लेरोसिस के निदान (Atherosclerosis diagnosis) के बारे में ये खास बातें।
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एथेरोस्क्लेरोसिस : कैसे होता है इस स्थिति का निदान? (Atherosclerosis diagnosis)
आपके शारीरिक परीक्षण के जरिए डॉक्टर धमनियों में रुकावट (Blockage of arteries) के लक्षणों को पहचान सकते हैं। इन लक्षणों में –
- धमनी में रुकावट के बाद अंगों में ख़ून का बहाव कम होना
- हाथ-पैर में ब्लड प्रेशर सामान्य से कम होना
- धमनियों से आने वाली आवाज का बदल जाना
आदि के जरिए डॉक्टर आपकी समस्या का अंदाज़ा लगा सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार है –
- ब्लड टेस्ट (Blood test)
- डॉपलर अल्ट्रासाउंड
- एंकल ब्रेकियल इंडेक्स
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)
- स्ट्रेस टेस्ट
- कार्डियक कैथेटराइजेशन
- एंजियोग्राम (Angiogram)
- सिटी स्कैन
- एमआरआय (MRI)
इन टेस्ट के जरिए डॉक्टर एथेरोस्क्लेरोसिस की दिक्कत को पहचान सकते हैं। लेकिन क्या एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या ठीक हो सकती है? यानी एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल मुमकिन है? आइए जानते हैं एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) के बारे में कुछ खास बातें।
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एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल : क्या मुमकिन है स्थिति को पलटना? (Atherosclerosis reversal)
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक हाय फैट और कोलेस्ट्रॉल रिच डाइट को अपनी डायट से कम करें, तो एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल मुमकिन है। एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल के लिए जब आप खान-पान में परहेज करते हैं, तो धीरे-धीरे धमनियों में प्लाक जमा होना बंद हो जाता है। ऐसी स्थिति में एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) मुमकिन माना जाता है। इसके साथ साथ मेडिकल ट्रीटमेंट आपको लेने की जरूरत पड़ती है। एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल के लिए आपको मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ-साथ अपनी लाइफ स्टाइल और खानपान में बड़ा बदलाव लाने की जरूरत पड़ती है। यदि आप इसमें सफल हो जाते हैं, तो एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल मुमकिन हो सकता है।
ऐसी स्थिति में आपको कुछ ऐसी दवाइयां दी जाती है, जो आपको कंफर्ट प्रदान करती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस में होने वाले पेन में मदद मिलती है। इसी के साथ-साथ कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करती है। इन दवाइयों के साथ यदि आप खानपान में ठीक तरह से परहेज कायम करते हैं, तो एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) आपके लिए मुमकिन हो सकता है।
इसके साथ-साथ आपको रोजाना एक्सरसाइज की तो जरूरत पड़ती ही है, लेकिन वहीं स्मोकिंग, ड्रिंकिंग इत्यादि आदतों से दूर रहने की भी जरूरत पड़ती है। यह सभी आदतें आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करती हैं, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर और धमनियों में तनाव बढ़ सकता है।एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल के लिए आपको यह सारी बातें फॉलो करने की जरूरत पड़ती है।
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एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल के लिए सर्जरी (Atherosclerosis reversal Surgery)
कुछ लोगों को खानपान में बदलाव, एक्सरसाइज और मेडिकेशन के बाद भी एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या में आराम नहीं मिलता। ऐसे लोगों को एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है। इस सर्जरी में आर्टरी के ब्लॉकेज को हटाया जाता है और इसके बाद मेडिकेशन थेरेपी दी जाती है। इस सर्जरी में आर्टरी में जमा प्लाक को हटाकर ब्लड फ्लो को री डायरेक्ट किया जाता है, इससे व्यक्ति बेहतर महसूस करता है।
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एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल मुमकिन तभी है, जब आप अपनी लाइफ स्टाइल में पूरी तरह से बदलाव लाएं और अपने खानपान पर खास ध्यान दें। डॉक्टर की सलाह के बाद मेडिकेशन के साथ-साथ आपको आपकी लाइफ स्टाइल पर काम करने की जरूरत पड़ती है। यदि आप इस में सफल हो जाते हैं, तो एथेरोस्क्लेरोसिस रिवर्सल (Atherosclerosis reversal) आपके लिए मुमकिन साबित हो जाता है।
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