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एथेरोस्क्लेरोसिस के ट्रीटमेंट के लिए अपनाएं कुछ आसान नैचुरल तरीके

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    एथेरोस्क्लेरोसिस के ट्रीटमेंट के लिए अपनाएं कुछ आसान नैचुरल तरीके

    आजकल कुछ समस्याएं बेहद आम हैं जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज आदि। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center For Disease Control and Prevention) के मुताबिक हार्ट डिजीज सबसे अधिक घातक हैं। हार्ट डिजीज को गंभीर बनाता है हमारी आर्टरीज (Artery) में जमने वाला प्लाक (Plaque)। जिसके कारण अंदरूनी वाल्स तंग हो जाते हैं। इसका परिणाम हो सकता है, ब्लड फ्लो का ब्लॉक हो जाना। आर्टरीज से जुड़ी एक समस्या जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है, उसका प्रभाव हमारे जीवन के लिए गंभीर हो सकता है। लेकिन, कुछ नैचुरल यानी प्राकृतिक तरीकों से हम इस समस्या से कुछ हद तक राहत पा सकते हैं। जानिए एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) और एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) के बारे में विस्तार से।

    एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है? (What is Atherosclerosis)

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) से पहले एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी है। एथेरोस्क्लेरोसिस वो स्थिति है जो स्ट्रोक, हार्ट अटैक्स और मृत्यु का कारण बन सकती है। एथेरोस्क्लेरोसिस को सामान्य भाषा में आर्टरीज का सख्त होना कहा जाता है। इस कंडीशन में आर्टरी वाल्स में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जम जाते हैं, जिन्हें प्लाक कहा जाता है। प्लाक के कारण आर्टरीज तंग हो जाती है और ब्लड फ्लो रुक सकता है। वैसे तो एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को एक हार्ट समस्या माना जाता है लेकिन यह शरीर में कहीं भी आर्टरीज को प्रभावित कर सकती है। एथेरोस्क्लेरोसिस का उपचार संभव है। एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) और हेल्दी लाइफस्टाइल हैबिट्स से इससे बचाव संभव है।

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    किन कारणों से एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या हो सकती है? (Causes of Atherosclerosis)?

    एथेरोस्क्लेरोसिस एक धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है, जिसकी शुरुआत बचपन से ही हो सकती है। हालांकि, इसके कारणों के बारे में सही जानकारी नहीं है। लेकिन, यह समस्या आर्टरी की अंदरूनी परत को नुकसान होने या चोट पहुंचने से शुरू होती है। आर्टरी की अंदरूनी परत को इन कारणों से नुकसान हो सकते हैं:

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नेचुरल ट्रीटमेंट

    • हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
    • हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
    • हाय ट्राइग्लिसराइड्स जो खून में पाया जाने वाला एक तरह का फैट है (High Triglycerides, a Type of Fat in your Blood)
    • स्मोकिंग और तंबाकू का अन्य स्त्रोत (Smoking and other Sources of Tobacco)
    • इन्सुलिन रेजिस्टेंस, ओबेसिटी या  डायबिटीज (Insulin Resistance, Obesity or Diabetes)
    • अज्ञात कारकों से सूजन (Inflammation from an Unknown Causes) 

    एक बार जब आर्टरी की अंदरूनी वाल को नुकसान होता है। तो रक्त कोशिकाएं और अन्य पदार्थ अक्सर चोट वाली जगह पर चिपक जाते हैं और धमनी के अंदरूनी लाइनिंग में बनना शुरू हो जाते हैं। समय के साथ यह कोलेस्ट्रॉल और अन्य सेलुलर प्रोडक्ट्स (Cellular Products) से बनी वसा भी इंजरी साइट पर बन जाती है और सख्त होती जाती है। इससे आर्टरीज तंग हो जाती हैं। यही नहीं, ब्लॉक आर्टरीज से जुड़े अंग और टिश्यू तब ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त रक्त प्राप्त नहीं पाते हैं। अंत में, यह वसायुक्त टुकड़े टूट सकते हैं और आपके ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर सकते हैं। यानी, यह समस्या गंभीर हो सकती है। अब जानते हैं कि एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) के बारे में।

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट से उपचार है संभव? (Natural Treatment of Atherosclerosis)

    आर्टरीज वो ब्लड वेसल्स होते हैं, जो दिल से शरीर के विभिन्न टिश्यूज तक ऑक्सीजन-रिच ब्लड (Oxygen-Rich Blood) को डिलीवर करते हैं। जब इसमें प्लाक जम जाता है, तो ब्लड फ्लो में समस्या होती है और आर्टरीज ब्लॉक हो जाती है। जिससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आर्टरीज को स्वस्थ और ब्लॉकेज से बचाने के लिए कुछ नैचुरल उपचार बेहद प्रभावी सिद्ध हो सकते हैं। जानिए, एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) के बारे में विस्तार से :

    एस्परैगस (Asparagus)

    एस्परैगस एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) में सबसे बेहतरीन हैं। यह फायबर और मिनरल से भरपूर होता है। जो ब्लड प्रेशर को कम बनाए रखने में मदद करता है और इसके सेवन से ब्लड क्लॉट्स के बनने से भी बचाव होता है। यह नसों और धमनियों के भीतर सूजन को कम करने में भी प्रभावी है। इसके साथ ही एस्परैगस  शरीर के ग्लूटाथियोन (Glutathione) के उत्पादन को बढ़ाता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह सूजन से लड़ता है और हानिकारक ऑक्सीकरण को रोकता है। इसमें मौजूद अल्फा लिनोलिक एसिड (Alpha-Linoleic Acid ) और फोलिक एसिड (Folic Acid) आर्टरीज को सख्त होने से बचाते हैं। एस्परैगस को आप सलाद में या उबाल कर अपनी इच्छानुसार खा सकते हैं।

    एवकाडो  (Avocado)

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) में अगला एवकाडो (Avocado) है। एवकाडो बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। गुड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज को क्लियर करने में सहायक है। एवकाडो में विटामिन ई (Vitamin E) भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीडेशन और पोटैशियम से हमें बचाने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है। यही नहीं, यह बेहद स्वादिष्ट होता है, जिसका प्रयोग आप अपने आहार में विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। 

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    ब्रोकोली (Broccoli)

    ब्रोकोली आर्टरी को जमा होने से बचाती है क्योंकि इसके विटामिन K भरपूर होता है। विटामिन K (Vitamin K) के कारण यह आर्टरीज को नुकसान पहुंचाने से रोक सकती है। ब्रोकोली का सेवन कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीडेशन को भी रोकता है। यह फाइबर से भरपूर होती है, जिससे ब्लड प्रेशर भी लौ रहता है और स्ट्रेस से छुटकारा मिलता है। स्ट्रेस से भी आर्टेरिअल वाल्स (Arterial Walls) को नुकसान हो सकता है और इसमें प्लाक की मात्रा बढ़ सकती है। अधिक फायदे के लिए हफ्ते में दो से तीन बार ब्रोकली खाने की सलाह दी जाती है। इसे स्टीम्ड, ग्रिल्ड या अन्य कई तरीकों से भी खाया जा सकता है। 

    फैटी फिश (Fatty Fish)

    फैटी फिश जैसे सालमोन (Salmon), टूना (Tuna), मैकेरल (Mackerel) में हेल्दी फैट्स भरपूर होते हैं। जो आर्टरीज को साफ करने में मदद करते हैं। ओमेगा -3 फैटी एसिड्स (Omega-3 Fatty Acids) गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में भी मददगार होते हैं। इसके साथ ही इनसे ट्राइग्लिसराइड का स्तर (Triglyceride Levels) कम होता है और ब्लड वेसल की सूजन और आर्टरीज में ब्लड क्लॉट्स का बनना भी कम होता है। यानी, अगर आप फिश खाते हैं तो इस एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) को अपना सकते हैं।

    मेवे  (Nuts)

    नट्स यानी मेवे भी दिल और सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सही बनाए रखने में सहायक हैं। बादाम में मोनोअनसैचुरेटेड वसा (Monounsaturated Fats), विटामिन ई, फायबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद मैग्नीशियम प्लाक को बनने से रोकता है और ब्लड प्रेशर को लौ बनाए रखने में मददगार है। अखरोट भी ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्त्रोत है। जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने में मददगार है। बैड कोलेस्ट्रॉल से भी आर्टरीज में प्लाक के बनने का जोखिम बढ़ता है।

    ऑलिव आयल (Olive Oil)

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) में आप ऑलिव आयल यानी जैतून के तेल को भी शामिल कर सकते हैं। जैतून का तेल में मोनोअनसैचुरेटेड ओलिक एसिड (Monounsaturated oleic Acid) भरपूर मात्रा में होता है, जो एक आवश्यक फैटी एसिड है और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, यह तेल खाना पकाने या ड्रेसिंग के लिए उपयोग करने के लिए सबसे हेल्दी तेलों में से एक है। सलाद या अन्य डिशेज में आप बटर की जगह ऑलिव आयल का प्रयोग कर सकते हैं।

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    तरबूज (Watermelon)

    यह फल अमीनों एसिड एल-सिट्रूलीन (Amino Acid L-Citrulline) का अच्छा स्त्रोत है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड (Nitric Oxide) की प्रोडक्शन को बढ़ाता है। नाइट्रिक ऑक्साइड के कारण आर्टरीज को आराम मिलता है, सूजन कम होती है और ब्लड प्रेशर को लौ होने में भी मदद मिलती है। तरबूज रक्त लिपिड को मॉडिफाई और पेट की चर्बी को कम करने में भी मदद करता है। पेट में कम वसा हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मददगार है।

    हल्दी  (Turmeric)

    हल्दी का मुख्य कम्पोनेंट कर्क्यूमिन (Curcumin) है, जो एक अच्छा एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है। सूजन एथेरोस्क्लेरोसिस और आर्टरीज में सूजन का मुख्य कारण है। हल्दी आर्टेरिअल वाल्स को नुकसान से बचाने में भी सहायक है, जिससे ब्लड क्लॉट और प्लाक का निर्माण हो सकता है। हल्दी में विटामिन बी-6 होता है, जो होमोसिस्टीन (Homocysteine) के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। जिससे प्लाक के बनने और ब्लड वेसल के नुकसान से बचा जा सकता है। हल्दी का सेवन सब्जी या अन्य डिशेज में प्रयोग कर के किया जा सकता है। इसके साथ ही अगर रोग गर्म दूध में हल्दी ड़ाल कर उसे पीया जाए तो उससे बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) में हल्दी का प्रयोग करना न भूलें।

    पालक (Spinach)

    पालक पोटेशियम, फोलेट और फायबर से भरपूर होता है जो ब्लड प्रेशर को कम होने और आर्टरी ब्लॉकेज से भी छुटकारा दिलाता है। इसके नियमित सेवन से एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी हार्ट कंडीशन से भी राहत मिल सकती है।

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    साबुत अनाज (Whole Grains)

    साबुत अनाज में सॉल्युबल फाइबर (Soluble Fiber) होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सही बनाए रखने और पाचन को सही रखने में मददगार हैं। साबुत अनाज में मैग्नीशियम होता है जो ब्लड वेसल्स को डाईलेट्स करता है और ब्लड प्रेशर को रेगुलर लेवल में बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए रोजाना क्विनोआ, होल ग्रेन ब्रेड, ओटमील के सेवन की सलाह दी जाती है ताकि कोलेस्ट्रॉल लेवल सुधरे और आर्टरीज क्लीन रहें। अपने आहार में यह बदलाव ला कर आप अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और इससे आर्टरीज में ब्लॉकेज भी दूर होती है।

    लाइफस्टाइल में करें बदलाव (Lifestyle Changes in Atherosclerosis)

    एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) एक ऐसी स्थिति है जिसमे एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) और जीवनशैली में बदलाव से राहत पाया जा सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (American College of Cardiology ) के अनुसार कुछ आसान लाइफस्टाइल परिवर्तनों से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    स्मोकिंग करना छोड़ दें (Avoid Smoking)

    स्मोकिंग करने से आर्टरीज में अधिक वसा जमा होती है। जिससे प्लाक जल्दी बड़े होते हैं।

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    कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के बारे में जानें (Cholesterol and Blood Pressure)

    बैड कोलेस्ट्रॉल प्लाक के बनने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज को साफ रखने में मदद करता है। ऐसे ही हाय ब्लड प्रेशर से आर्टरी वाल्स को नुकसान हो सकता है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को सही बनाए रखना बेहद जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर (University of Rochester Medical Center)  के अनुसार अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो नियमित चेकअप बेहद जरूरी है। नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। हाय ब्लड प्रेशर आर्टरीज की दीवारों को कठोर करके एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को और अधिक बढ़ा सकता है। 

    हार्ट हेल्दी डायट लें (Healthy diet)

    एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis) में हम कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता चुके हैं, जो इस समस्या से राहत पाने में मददगार हैं। लेकिन, अगर आप दिल की समस्याओं से बचना चाहते हैं। तो हमेशा ऐसे भोजन का सेवन करे जो दिल के लिए लाभदायक हो। सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा को सीमित करें जैसे तली हुई चीजें, डेयरी उत्पाद आदि। अपने आहार में हेल्दी ऑयल, फल, सब्जियों , साबुत अनाज आदि को शामिल करना न भूलें।

    व्यायाम करें (Exercise Daily)

    फिट और स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना जरूरी है और इसके लिए रोजाना कुछ समय व्यायाम के लिए निकालें। आप वाक, साइकिलिंग,स्विमिंग आदि भी कर सकते हैं। योगा और मेडिटेशन करने से भी आपको लाभ होगा।

    Atherosclerosis

    वजन कम करें (Loose Some Weight) 

    अगर आपका वजन अधिक है तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ेगा, जो दिल के रोगों को बढ़ावा दे सकता है। इसके लिए सबसे पहले प्लान बनाए जैसे सही डायट लेना, व्यायाम करना, तनाव से बचना आदि। वजन कम करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।

    और पढ़ें : Atherosclerosis : एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है?

    यह तो थे एथेरोस्क्लेरोसिस के नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural Treatment of Atherosclerosis)। यह इस समस्या और इसकी जटिलताओं से खुद को प्रोटेक्ट करने के आसान तरीके हैं इन जटिलताओं में हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक भी शामिल हैं। हालांकि, इन तरीकों से आपको एथेरोस्क्लेरोसिस से कुछ हद तक राहत मिल सकती है लेकिन अगर समस्या अधिक है तो डॉक्टर से इलाज कराएं और उनकी सलाह का पालन करें।

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