हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age): इलेक्ट्रिकल इम्प्लसेस में बदलाव
उम्र के साथ हार्ट की इलेक्ट्रिकल इम्प्लसेस में बदलाव आ सकता है। जिससे ‘एरिथमिया’ के विकास की संभावना भी बढ़ जाती है। एरिथमिया बहुत फास्ट, स्लो या अनियमित हार्टबीट को कहा जाता है।
सोडियम की सेंसिटिविटी बढ़ती है
उम्र के बढ़ने पर कुछ लोग सोडियम या नमक के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। इससे उनमें ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक (Heart attack) का जोखिम भी बढ़ सकता है। अब जान लेते हैं हार्ट अटैक और एज (Heart attacks and age) के बीच के कनेक्शन के बारे में।
और पढ़ें: हार्ट अटैक के बाद जल्दी रिकवर होने के लिए आहार में इन चीजों को शामिल करना न भूलें!
हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age): इन दोनों के बीच में क्या है कनेक्शन जानिए
ऐसा माना जाता है कि पहले हार्ट अटैक (Heart attack) की एवरेज एज पुरुषों के लिए 65.6 साल और महिलाओं के लिए 72 साल है। हालांकि, यह एवरेज, रिकरंट हार्ट अटैक्स के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। बल्कि, ऐसा पाया गया है कि जिन लोगों को एक हार्ट अटैक हुआ है, उन्हें अगले पांच सालों में दूसरे हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है। लेकिन, हार्ट अटैक और एज (Heart attacks and age) के बारे में यह तो साफ है कि हार्ट अटैक सभी उम्र के लोगों को हो सकता है।
पहले हार्ट अटैक की एवरेज उम्र अब कम होती जा रही है। कम उम्र के लोगों में इसकी संभावना बढ़ती जा रही है। सोर्स के मुताबिक कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक (Heart attack) का कंट्रोलेबल रिस्क फैक्टर स्मोकिंग है। हालांकि यह यंग लोगों में हार्ट अटैक का केवल एक कारण नहीं है। इसके साथ अन्य कई फैक्टर्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं जैसे:
एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि प्रिवेंटिव मेडिकल केयर और जीवनशैली में बदलाव जल्दी शुरू नहीं किए जा रहे हैं। कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर्स, जैसे अनहेल्दी डायट, शारीरिक गतिविधि का लो लेवल और तंबाकू का सेवन, कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि कम उम्र से ही बच्चों में हेल्दी लाइफस्टाइल चॉइसेस अपना कर भविष्य में हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक (Heart attack) के जोखिम को कम किया जा सकता है। कुछ मामलों में फैमिली हिस्ट्री भी हार्ट अटैक का एक मुख्य रिस्क फैक्टर है। यह तो थी हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age) के बारे में जानकारी। अब जानिए हार्ट हेल्थ के लिए क्या किया जा सकता है?
और पढ़ें: हार्ट अटैक के बाद डायट का रखें खास ख्याल! जानें क्या खाएं और क्या न खाएं
हार्ट हेल्थ को सुधारने के लिए क्या करें?
हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक (Heart attack) के जोखिम को कम करने के लिए आप कई तरीकों को अपना सकते हैं। शुरुआत में ही अगर हम अपनी की जीवनशैली में यह बदलाव लाएंगे, तो इसका उनकी हार्ट हेल्थ पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे छोड़ दें। सेकेंडहैंड स्मोकिंग से भी बचें। एल्कोहॉल का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर को सही बनाए रखें।
- तनाव से बचें। इसके लिए सकारात्मक रहें और योगा व मेडिटेशन का सहारा लें।
- नियमित व्यायाम करें। दिन में कम से कम 30 मिनट इसके लिए निकालें।
- डायबिटीज को मैनेज करें।
और पढ़ें: छाती के दर्द को भूल कर भी न करें नजरअंदाज, क्योंकि यह हो सकता है विडोमेकर हार्ट अटैक का संकेत
उम्मीद है कि हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यह भी आप समझ गए होंगे कि यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि, अधिक उम्र इसके मुख्य रिस्क फैक्टर्स में से एक है। हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री होने से भी इसका जोखिम बढ़ सकता है। लेकिन, इन रिस्क फैक्टर्स को बढ़ला नहीं जा सकता है। ऐसे में, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।