हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age): क्या उम्र के साथ हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन, साइंटिफिक एविडेंस यह बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक (Heart attack) का जोखिम बढ़ा है। हालांकि, उम्र के बढ़ने के साथ ही इसका जोखिम बढ़ जाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम खासतौर पर हार्ट में बदलाव की वजह से ऐसा होता है। ऐसे कई तरीके हैं, जिनकी वजह से उम्र के बढ़ने पर हार्ट में बदलाव आता है, जैसे:
फैटी डिपॉजिट्स (Fatty deposits)
उम्र के बढ़ने के साथ आर्टरीज की वॉल्स में फैटी डिपॉजिट्स की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे कोरोनरी आर्टरीज नैरो होती हैं और इससे हार्ट मसल्स तक ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है।
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हार्ट अटैक और एज (Heart attack and age): आर्टरीज का हार्ड होना (Hard arteries)
जैसे उम्र बढ़ती है, आर्टरीज स्टिफ और हार्ड हो जाती हैं। स्टिफ और कम फ्लेक्सिबल आर्टरीज होने से हार्ट अटैक (Heart attack) का जोखिम बढ़ जाता है खासतौर पर अगर आपकी आर्टरीज में फैटी डिपॉजिट्स हो।
हार्ट वॉल्स का थिक होना (Heart walls may thicken)
हार्ट वॉल्स उम्र के बढ़ने के साथ थिक हो सकती है। जिससे हार्ट बड़ा हो सकता है और इससे हार्ट के इंटीरियर चैम्बर्स का वॉल्यूम कम हो सकता है। यानी, इससे हार्ट अधिक ब्लड को होल्ड नहीं कर पाता है या स्टिफ हो जाता है, जिससे रिलैक्सेशन में समस्या आ सकती है।
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वॉल्व कम प्रभावी तरीके से काम करते हैं (Valves work less effectively)
हार्ट के चार वॉल्व होते हैं, जो ब्लड फ्लो को सही डायरेक्शन में रखने के लिए ओपन और क्लोज होते हैं। समय के साथ यह वॉल्व थिक, स्टिफ या लिकी हो सकते हैं। इससे हार्ट के लिए ब्लड फ्लो कंट्रोल करना हार्ड हो सकता है।