कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) में स्टेटिंस के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे कब्ज, जी मिचलाना, सिरदर्द, कोल्ड जैसे लक्षण, मसल्स में अकड़न, ब्लड ग्लूकोज का बढ़ना, मेमोरी इशूज आदि। इसलिए, इन दवाईयों का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
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कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट: PCSK9 इन्हिबिटर्स (PCSK9 Inhibitors)
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) में अगली मेडिकेशन्स हैं PCSK9 इन्हिबिटर्स। इन दवाइयों को खास लिवर प्रोटीन (Liver protein) के साथ अटैच करने के लिए डिजाइन किया जाता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को लो रहने में मदद मिलती है। इन दवाइयों को स्टेटिंस के साथ दिया जा सकता है या ऐसे लोगों को भी इन्हें दिया जा सकता है, जिन्हें हार्ट डिजीज (Heart Disease) का जोखिम अधिक होता है और वो कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol level) को लो करने में सक्षम नहीं होते। इस दवाइयों का उदाहरण इस प्रकार है:
- एलिरोक्यूमेब (Alirocumab)
- एवोलोक्यूमेब (Evolocumab)
कोलेस्ट्रॉल कम करने की टेबलेट (Cholesterol reducing medicine) में से इस दवा के कारण भी आप कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं जैसे दर्द, मसल पैन, बैक पैन और इंजेक्शन साइट में समस्या या कोल्ड की तरह लक्षण आदि। ऐसे में इन्हें लेने से पहले इनके बारे में पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।
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फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव्स (Fibric acid derivatives) यानी फायब्रिटेस (Fibrates)
फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव (Fibric acid derivatives), दवाओं का एक और वर्ग बनाते हैं, जो ब्लड लिपिड (वसा) के स्तर को कम करते हैं, विशेष रूप से ट्राइग्लिसराइड्स का। ट्राइग्लिसराइड्स वो फैट्स हैं जो खाद्य पदार्थों से प्राप्त होते हैं। फाइब्रिक एसिड डेरिवेटिव्स से गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) का लेवल बढ़ता है और बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाई (Cholesterol reducing medicine) का उदहारण इस प्रकार है:
- फेनोफायब्रेट (Fenofibrate)
- जेमफिब्रोजील (Gemfibrozil).
इन दवाईओं का सेवन करने से पहले भी इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लें। इन्हें लेने के बाद नजर आने वाले साइड इफेक्ट्स हैं कब्ज या डायरिया, वजन कम होना, उलटी आना, पेट दर्द, सिरदर्द , मसल्स में दर्द या कमजोरी आदि। अगर आपको इन्हें लेने के बाद कोई भी साइड इफ़ेक्ट नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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निकोटिनिक एसिड (Nicotinic acid) यानी नियासिन (Niacin)