यह सभी समस्याएं हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) को न्योता देती हैं, लेकिन यदि आप पहले से ही हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको हाय कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट करना जरूरी माना जाता है। हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट (Management of high cholesterol) किस तरह किया जा सकता है, यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट किस तरह से किया जा सकता है।

हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट : कुछ ऐसे है मुमकिन! (Management of high cholesterol)
जैसा कि आपने पहले जाना हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या आपकी लाइफस्टाइल से प्रभावित होती है। यदि आपकी लाइफ स्टाइल ठीक नहीं है, तो हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या कभी भी हो सकती है। हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझने के लिए आपको हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट (Management of high cholesterol) सीखना चाहिए। हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट आमतौर पर आसान माना जाता है। आपको सही दवाइयों के साथ रेग्यूलर चेकअप और लाइफ स्टाइल में बदलाव इन तीनों बातों का ध्यान रखना होता है। हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट इन तीनों फैक्टर्स पर निर्भर होता है, इसलिए इन तीनों बातों का ध्यान रख के हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट मुमकिन है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में छपी एक रिसर्च के मुताबिक हाय कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या दिल की तकलीफों को न्योता देती है, इसलिए हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट लाइफ़स्टाइल में बदलाव लाकर किया जा सकता है। आइए जानते हैं हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट किस तरह मुमकिन है।
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- दवाइयां : आमतौर पर हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) के लिए व्यक्ति की शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखकर दवाइयां दी जाती है। लेकिन एक दवा ऐसी है, जो आमतौर पर हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या में दी जाती है। उसका नाम है स्टेटिन्स।स्टेटिन्स एक ऐसी प्रिसक्रप्शन मेडिकेशन है, जो उन लोगों को दी जाती है जिन का एलडीएल लेवल ज्यादा होता है। स्टेटिन्स ऐसी दवा है, जो एलडीएल के लेवल को कंट्रोल में रखती है और इससे व्यक्ति हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचा रहता है।
- एक्टिविटी लेवल : हर व्यक्ति का एक्टिविटी लेवल सही स्तर का होना चाहिए। हाय कोलेस्ट्रॉल का मैनेजमेंट (Management of high cholesterol) तब मुमकिन है, जब आप रोजाना एक्टिव रहें। यदि आप फिजिकली एक्टिव नहीं रहते, तो आपके शरीर पर इसका नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल इंबलेंस हो सकता है। इसलिए रोजाना आधे घंटे के लिए फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत आपको पड़ सकती है। इसके लिए आप अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज और योग की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप स्विमिंग, सायकिलिंग, रनिंग जैसी आउटडोर एक्टिविटीज का भी सहारा ले सकते हैं।
- संतुलित वजन : यदि आपका वजन संतुलित नहीं है, तो आप हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। संतुलित भोजन के लिए आपको रोजाना सही एक्सरसाइज और खानपान का खास ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। ऐसा न करने पर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है और आप दिल की बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं।