यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शरीर के कोलेस्ट्रॉल कंटेंट का केवल 25% डायटरी स्त्रोतों से आता है। बाकी का लिवर द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है। हमारा लिवर बायल (Bile) को स्रावित करता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल कंटेंट बहुत अधिक होता है। पोटैटो में मौजूद फायबर कोलेस्ट्रॉल को बायल से बाइंड कर के रखता है। जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल से बचा जा सकता है। जो कई तरह से नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। जैसे आर्टरीज को तंग करने, हार्ट डिजीज (Heart Disease) आदि के लिए। यानी, पोटैटो का सेवन करना उन लोगों के लिए सच में लाभदायक है जिनका कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक होता है। लेकिन, आलू के इन न्युट्रिशनल प्रॉपर्टीज को पाने के लिए आलू को सही से पकाने के तरीके के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। आइए, जानें इसके बारे में।
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हाय कोलेस्ट्रॉल से राहत पाने के लिए पोटैटो को कैसे पकाना चाहिए?
आलू को अक्सर एक फैटी जंक फूड के रूप में जाना जाता है। क्योंकि, हम अक्सर आलू के बने फ्रेंच फ्राइज,चिप्स, स्पाइसी पोटैटो आदि खाना पसंद करते हैं। जो ऑयल में पकाये जाते हैं और अनहेल्दी होते हैं। इस तरह से पकाने से पोटैटो के सभी न्यूट्रिशनल बेनिफिट्स रिमूव हो जाते हैं। जानिए हाय कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में कैसे पकाएं और खाएं पोटैटो को:
पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल: उबालना या बेक करना
आलू को खाने का सबसे अच्छा तरीका है इसे उबाल कर या बेक कर के कम नमक के साथ खाना। हाय कोलेस्ट्रॉल के लिए इस तरह से पकाया आलू अच्छा होता है। लेकिन, अगर इसे आलू को आप तेल में पका कर खाएंगे, तो यह आपको बीमार करेगा और मोटापा बढ़ाएगा। पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल (Potato and Cholesterol) के बारे में यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है।
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पोटैटो स्किन को न निकालें
अगर आप पोटैटो के न्यूट्रिशनल बेनिफिट्स पाना चाहते हैं, तो आपके लिए आलू को सही से पकाना बेहद जरूरी है। जैसा की आपको पता ही होगा कि पोटैटो में अधिकतर फायबर इसकी स्किन में पाया जाता है। यही नहीं, सभी न्यूट्रिएंट्स, विटामिन्स भी आलू की स्किन में होते हैं। ऐसे में, इसकी स्किन को रिमूव करने से अधिकतर फायबर भी रिमूव हो जाता है। इसलिए, बेहतरीन यही है कि आलू को इसकी स्किन के साथ पकाया जाए। ताकि आपको एक्स्ट्रा डायटरी फायबर मिल सकें। जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) के प्रभाव से बचा जा सकता है।
अन्य तरीकों का करें इस्तेमाल
पोटैटो हार्ट हेल्दी (Heart Healthy) हैं। लेकिन, जिस तरह से इसे पकाया जाता है, उस तरीके से यह अनहेल्दी बन सकते हैं। जैसे पोटैटो को तेल में फ़्राय करने से यह फैट युक्त हो जाता है। इसके साथ ही अगर आप इसे बटर, दूध, क्रीम आदि में पकाते हैं, तो भी यह अनहेल्दी हो जाता है। इस तरह से पोटैटो का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। लेकिन, इसका यह मतलब यह नहीं है कि आप पोटैटो नहीं खा सकते हैं। आप पोटैटो को बेक कर दें और इसके साथ ही हेल्दी बटर या ऑलिव आयल का इस्तेमाल कर के भी इसे हेल्दी बनाया जा सकता है।
मैश्ड पोटैटो में स्किम मिल्क या नो फैट ग्रीक योगर्ट मिलाया जा सकता है। इसके साथ ही ऑरेगैनो, पेपर या गार्लिक को भी आप फ्लेवर के लिए इसमें ऐड कर सकते हैं। आप अन्य हेल्दी चीजों के साथ आलू को खा कर भी इसके गुणों को पा सकते हैं। इस तरह से न तो आपकी हेल्थ को कोई नुकसान होगा और न ही आपको अपनी पसंदीदा डिश को छोड़ना होगा।
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यह तो थी पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल (Potato and Cholesterol) के बारे में पूरी जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि आलू को सही तरीके से खाने से यह हाय कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है। इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या से राहत पाने के लिए रोगी को अपने जीवन में हेल्दी बदलाव भी करने चाहिए। जैसे हेल्दी आहार का सेवन, वेट मैनेजमेंट, नियमित व्यायाम, तनाव से बचाव आदि। लेकिन, अगर आपको हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो केवल इन बदलावों से लाभ नहीं होगा। बल्कि, इसके लिए सही दवाइयां लेना और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करना भी जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें।
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