ऐसे ही, ट्राइग्लिसराइड्स टेक्नीकली कोलेस्ट्रॉल नहीं है लेकिन इससे लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन low-density lipoprotein या LDL पर असर होता है। आलू में स्टार्च, शुगर और अन्य सिंपल कार्बोहाइड्रेट के हाय कंटेंट का मतलब है कि वे आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) को प्रोड्यूस करने के लिए स्टिमुलेट कर सकते हैं। जिससे आपके शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल लेवल और आपकी सर्कुलेटरी हेल्थ नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती हैं।
पोटैटो एक पॉपुलर सब्जी है। इसके कई न्यूट्रिशनल बेनिफिट्स हैं। लेकिन, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या पोटैटो में हाय कोलेस्ट्रॉल होता है? इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि पोटैटो में कैलोरीज और फैट्स की मात्रा अधिक होती है। लेकिन, सच यह है कि यह सब्जी हाय कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में लाभदायक है। दरअसल, इसमें फायबर की मात्रा अच्छी होती है। ऐसे में पोटैटो में मौजूद फायबर कंटेंट हाय कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम कर सकता है। लेकिन, ध्यान रहे कि यह फायबर कंटेंट आलू के छिलके में अधिक होता है।
संक्षेप में कहा जाए तो आलू का सेवन करने से आमतौर पर बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है। कोलेस्ट्रॉल वो चीज है जिसके कारण आपकी आर्टरीज और प्लाक तंग हो सकते हैं और इनके तंग होने से ब्लड फ्लो में समस्या होती है। ब्लड फ्लो में समस्या हार्ट और अन्य कई समस्याओं का कारण बन सकता है। आर्टरीज में प्लाक के बिल्ड-अप ब्रेक भी हो सकता है और यह ब्रेन तक पहुंच कर स्ट्रोक का कारण बन सकता है। पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल (Potato and Cholesterol) को लेकर यही कहा जा सकता है कि कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में आलू का सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है। इस चीज को हम एक और उदाहरण से समझा सकते हैं।
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बायल, पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल के संबंध बारे में जानें
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शरीर के कोलेस्ट्रॉल कंटेंट का केवल 25% डायटरी स्त्रोतों से आता है। बाकी का लिवर द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है। हमारा लिवर बायल (Bile) को स्रावित करता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल कंटेंट बहुत अधिक होता है। पोटैटो में मौजूद फायबर कोलेस्ट्रॉल को बायल से बाइंड कर के रखता है। जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल से बचा जा सकता है। जो कई तरह से नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। जैसे आर्टरीज को तंग करने, हार्ट डिजीज (Heart Disease) आदि के लिए। यानी, पोटैटो का सेवन करना उन लोगों के लिए सच में लाभदायक है जिनका कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक होता है। लेकिन, आलू के इन न्युट्रिशनल प्रॉपर्टीज को पाने के लिए आलू को सही से पकाने के तरीके के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। आइए, जानें इसके बारे में।
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हाय कोलेस्ट्रॉल से राहत पाने के लिए पोटैटो को कैसे पकाना चाहिए?
आलू को अक्सर एक फैटी जंक फूड के रूप में जाना जाता है। क्योंकि, हम अक्सर आलू के बने फ्रेंच फ्राइज,चिप्स, स्पाइसी पोटैटो आदि खाना पसंद करते हैं। जो ऑयल में पकाये जाते हैं और अनहेल्दी होते हैं। इस तरह से पकाने से पोटैटो के सभी न्यूट्रिशनल बेनिफिट्स रिमूव हो जाते हैं। जानिए हाय कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में कैसे पकाएं और खाएं पोटैटो को:
पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल: उबालना या बेक करना
आलू को खाने का सबसे अच्छा तरीका है इसे उबाल कर या बेक कर के कम नमक के साथ खाना। हाय कोलेस्ट्रॉल के लिए इस तरह से पकाया आलू अच्छा होता है। लेकिन, अगर इसे आलू को आप तेल में पका कर खाएंगे, तो यह आपको बीमार करेगा और मोटापा बढ़ाएगा। पोटैटो और कोलेस्ट्रॉल (Potato and Cholesterol) के बारे में यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है।