हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक : ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level)
आपका ब्ल्ड शुगर लेवल भी आपके दिल को प्रभावित करता है। दिन के समय, आप क्या खाते हैं और कब खाते हैं, इसके आधार पर रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत कम स्तर आपके एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है, इस कारण आपको चक्कर आ सकता है और महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज तब विकसित होता है जब रक्त में बहुत शुगर का लेवल हाय होता है, क्योंकि ऐसे में शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का निमार्ण नहीं हो पाता है। हाय शुगर लेवल हार्ट सहित शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है।
क्या करें: टाइप 2 डायबिटीज मोटापे और शारीरिक निष्क्रियता से जुड़ा है। इसलिए डायबिटीज पेशेंट को कंट्रोल डायट के साथ फिजिकल एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। आहार और व्यायाम से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं । इसके अलावा, समय-समय पर अपना डायबिटीज लेवल चैक करवाएं और डॉक्टर द्वारा बतायी गई दवाओं का पालन करें।
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हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक : हार्ट रिदिम (Heart rhythm)
एट्रीयल फिब्रिलेशन, या AFib जैसा कि इसे अक्सर अनियमित दिल की धड़कन के रूप में जाना जाता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया, यह दिल से संबंधित मौत के जोखिम को दोगुना कर देता है और स्ट्रोक के लिए पांच गुना अधिक जोखिम को बढ़ा देता है।
क्या करें: यदि आप सामान्य AFib लक्षणों को पहचानते हैं – कमजोरी, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, दिल की धड़कन या अनियमित दिल की धड़कन सहित और भी कई लक्षण को महसूस कर सकते हैं। ऐसे में अपने डॉक्टर से बात करें और उन्हें यह लक्षणों के बारे में बताएं। इसका उपचार, अंतर्निहित समस्या पर निर्भर करता है, जो AFib का कारण हो सकता है और इसमें मदद करने के लिए दवाएं और प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।