हाय ब्लड प्रेशर को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि इसमें आमतौर पर स्पष्ट लक्षणों का अभाव होता है। कई वयस्कों में को उच्च रक्तचाप की समस्या है, फिर भी बहुत से लोग अनजान हैं। जब अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, जो आगे जाकर दिल का दौरा, स्ट्रोक और दिल की विफलता के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसके अलावा लो ब्लड प्रेशर भी कई बार जोखिम का कारक हाे सकता है। इसलिए इसके स्तर को मैनेज करना बहुत जरूरी है।
क्या करें: बचाव के लिए अपने ब्डल प्रेशर लेवल को समय-समय पर चेक करवाते रहें। उच्च रक्तचाप को शीर्ष संख्या के लिए 130 या उससे अधिक, या नीचे की संख्या के लिए 80 या अधिक के पढ़ने के रूप में परिभाषित किया गया है। हायपरटेंशन की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह और दवा का पालन जरूर करें।
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हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक : ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level)
आपका ब्ल्ड शुगर लेवल भी आपके दिल को प्रभावित करता है। दिन के समय, आप क्या खाते हैं और कब खाते हैं, इसके आधार पर रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। बहुत अधिक या बहुत कम स्तर आपके एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है, इस कारण आपको चक्कर आ सकता है और महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज तब विकसित होता है जब रक्त में बहुत शुगर का लेवल हाय होता है, क्योंकि ऐसे में शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का निमार्ण नहीं हो पाता है। हाय शुगर लेवल हार्ट सहित शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है।
क्या करें: टाइप 2 डायबिटीज मोटापे और शारीरिक निष्क्रियता से जुड़ा है। इसलिए डायबिटीज पेशेंट को कंट्रोल डायट के साथ फिजिकल एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। आहार और व्यायाम से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं । इसके अलावा, समय-समय पर अपना डायबिटीज लेवल चैक करवाएं और डॉक्टर द्वारा बतायी गई दवाओं का पालन करें।
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हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक : हार्ट रिदिम (Heart rhythm)
एट्रीयल फिब्रिलेशन, या AFib जैसा कि इसे अक्सर अनियमित दिल की धड़कन के रूप में जाना जाता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया, यह दिल से संबंधित मौत के जोखिम को दोगुना कर देता है और स्ट्रोक के लिए पांच गुना अधिक जोखिम को बढ़ा देता है।
क्या करें: यदि आप सामान्य AFib लक्षणों को पहचानते हैं – कमजोरी, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, दिल की धड़कन या अनियमित दिल की धड़कन सहित और भी कई लक्षण को महसूस कर सकते हैं। ऐसे में अपने डॉक्टर से बात करें और उन्हें यह लक्षणों के बारे में बताएं। इसका उपचार, अंतर्निहित समस्या पर निर्भर करता है, जो AFib का कारण हो सकता है और इसमें मदद करने के लिए दवाएं और प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
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हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक : फैमिली हिस्ट्री (Family history)
हाल के कोलेस्ट्रॉल प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार फैमिली हिस्ट्री को “जोखिम बढ़ाने वाला कारक” माना जाता है। इसका मतलब है कि अगर माता-पिता, दादा-दादी या भाई-बहन को स्ट्रोक, दिल का दौरा या अन्य प्रकार की हृदय रोग हुआ है, तो इसका खतरा आप में भी बढ़ सकता है। इस जानकारी को जल्द से जल्द अपने डॉक्टर के साथ साझा किया जाना चाहिए।
क्या करें: जिन लोगों की फैमिली में हार्ट प्रॉब्लम, हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी प्रॉब्लम की हिस्ट्री रही हो, उन्हें अपने हार्ट हेल्थ को लेकर थोड़ा अलर्ट रहना चाहिए। उन्हें समय-सयम पर अपना हार्ट सहित अन्य हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए।
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जैसा कि आपने यहां जाना कि ये 7 कारक किस तरह से आपके हार्ट को प्रभावित कर सकते हैं। अच्छी हार्ट हेल्थ के लिए यह जरूरी है कि आप आपे समय-समय पर अपना चेकअप करवाते रहें। अपने डायट और एक्सरसाइज का भी पूरा ध्यान रखें। हार्ट हेल्थ को प्रभावित करने वाले कारक के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।