दिल की समस्या के शिकार आजकल केवल बड़े नहीं बच्चे भी हो रहे हैं। आजकी भागदौड़ हार्ट डिजीज की समस्या को और भी बढ़ाती जा रही है। लोगों को जैसा खानपान लेना चाहिए, वो वैसा ले नहीं पा रहे हैं, जिसका असर धीमे-धीमे शरीर के अंगों पर पड़ता है। इसीलिए आज के दौर में सबसे ज्यादा लोग दिल औरडायबिटीज जैसी बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक दुनिया भर में 1.13 अरब लोग हार्ट डिजीज और हायपरटेंशन आदि किे शिकार हो रहे हैं। अगर हम हार्ट के लिए डायट की बात करें, तो उसमें प्रोटीन जैसा पोषक तत्व भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोटीन में भी कई प्रकार होते हैं। हम यहां बात करेंगे दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स (Plant based protein source for heart patients) की। यह उनके लिए किस तरह से फायदेमंद है और हार्ट के मरीजों को इसे लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चहिए। तो आइए जानते हैं कि दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स (Plant based protein source for heart patients) क्या है?
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प्लांट बेस्ड प्रोटीन क्या है (what is plant based protein) ?
दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स है क्या? यह पौधों में पाए जाने वाले प्रोटीन होते हैं, जोकि नैचुल होते हैं। यह प्लांट बेस्ड प्रोटीन आपको फल, सब्जी और अनाज आदि से मिल सकता है। प्लांट बेस्ड फूड से इस प्रोटीन काे तैयार किया जाता है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन शरीर और हार्ट दोनों के लिए फायदेमंद है। यह प्रोटीन मांसपेशियों को भी मजबूत बनाती है। जैसा कि यह प्रोटीन पौधों से प्राप्त होता है, इसलिए फायदेमंद होता है।आप इसे दालें, टोफू, सोया, टेम्पेह, सीताफल, मेवा, सीड्स, कुछ अनाज और मटर द्वारा प्रॉप्त कर सकते हैं। मटर प्रोटीन में छोले, दाल, बीन्स (जैसे कि काली, किडनी और एडज़ुकी बीन्स) शामिल हैं। इसमें प्राेटीन के अलावा फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
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दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन के लाभ (Benefits of Plant Based Protein for Heart Patients)
आज के समय में हाय कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह के बढ़ते जोखिम हार्ट प्रॉब्लम को भी बढ़ाते हैं। मेयो क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार, प्लांट बेस्ड डायट अपनाने से हृदय रोग और संबंधित जोखिम को कम किया जा सकता है। इसमें सैच्युरेटेड फैट कम होता है। इसके अलावा यह हेल्दी पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड वसा के स्रोत हैं। जो लोग प्लांट बेस्ड डायट खाते हैं, उनमें हृदय रोग सहित अन्य डिजीज होना जोखिम भी कम हो जाता है, क्योंकि प्लांट में पॉलीफेनोल्स नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट उच्च मात्रा में होते हैं। ऑक्सिडेटिव मेडिसिन एंड सेल्युलर लॉन्गविटी पत्रिका के अनुसार, डायट में पॉलीफेनोल्स शामिल होने से डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या को भी कम किया जा सकता है।
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दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स (Plant based protein source for heart patients)
दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स की बात करें, तो इसमें आपको बहुत सारे विकल्प मिल जाएंगे। लेकिन हम आपको यहां कुछ प्लांट बेस्ड प्रोटीन फूड के नाम बता रहे हैं, जो आपको आसानी से मिल जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
टोफू (Tofu)
दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स में टोफू भी शामिल है। प्लांट बेस्ड प्रोटीन में सोया उत्पाद से बने जैसे टोफू, टेम्पेह और एडामे शाकाहारी आहार में प्रोटीन के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है। सोया प्रोडक्ट, प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सबसे अच्छा विकल्प है। टोफू को हार्ट हेल्थ केे लिए अच्छा माना जाता है। यह खाने में भी स्वादिष्ट होता है। टोफू में कैल्शियम और आयरन का भी अच्छी मात्रा पायी जाती है। सोया प्रोडक्ट में नौ आवश्यक अमीनो एसिड भी होते हैं, जो इसे एक पूर्ण प्रोटीन बनाते हैं। इसमें पोटेशियम और आयरन भी होता है।
दाल (Lentils)
हार्ट के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन में दालें भी शामिल है। लाल या हरी दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। मसूर और अन्य फलियां (जैसे सेम, मटर, नट, और बीज) में भी पूर्ण प्रोटीन होता है। पैकेज प्रदान करते हैं। इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी मौजूद होता है। हार्ट पेशेंट के लिए यह इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इनमें एंटीऑक्सिडेंट की भी भरपूर पॉलीफेनोल्स होते हैं। प्रोटीन के दाल सबसे आसानी से मिलने वाला विकल्प है।
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मूंगफली (Peanut)
दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स में प्रोटीन भी एक अच्छा विकल्प है। मूंगफली प्रोटीन से भरपूर होने के साथ इसमें हेल्दी फेट्स भी पाए जाते हैं। इसके प्रति ½ कप लगभग 20.5 ग्राम प्रोटीन होता है। मूंगफली में आप पीनट बटर भी ले सकते हैं। यूएसडीए के अनुसार इसके दो बड़े चम्मच में लगभग 7 ग्राम प्रोटीन साथ हेल्दी मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाए जाते हैं, जो हार्ट के लिए अच्छा होता है।
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चीया सीड्स (Chia seeds)
चीया सीड्स भी प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। यह एक लो कैलोरी डायट है और इसमें हाय प्रोटीन के आलावा फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जोकि हार्ट के लिए अच्छा माना जाता है। चिया सीड्स प्रोटीन का एक पूर्ण स्रोत है, इसके प्रति चम्मच 2 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। आप इसकी एक स्मूदी भी बनाकर ले सकते हैं। यह वेट लॉस के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है, जोकि कई बीमारियों से बचाता है।
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नट्स (Nuts)
नट्स भी प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। नट्स में बदाम और पिस्ता आदि लिया जा सकता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, इसमें प्रोटीन के अलावा, हार्ट के लिए हेल्दी असंतृप्त फैट भी पाया जाता है, जोकि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। इसमें बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट और हेजलनट्स शामिल हैं, जिसे अपने डायट में शामिल किया जा सकता है। इसे आप सलाद, स्मूदी, या सब्जियों में डालकर ले सकते हैं।
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ब्लेक बींस (Black Beans)
दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स में ब्लैक बींस भी काफी फायदेमंद है। बींस में ब्लैक के अलावा अन्य तरक के बींस भी लिए जा सकते हैं, जैसे कि आप अपनी पसंदीदा क्रैनबेरी बीन्स, किडनी बीन्स और व्हाइट बींस आदि भी ले सकते हैं। बींस में आपको 20 से अधिक किस्में मिलेंगी और वे सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती हैं। इसमें प्रोटीन के अलावा फाइबर, फोलेट, मैग्नीशियम और आयर की भी अच्छी मात्रा पायी जाती है। यूएसडीए के मुताबिक आधा कप ब्लैक बीन्स में 5 ग्राम प्रोटीन होता है।
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प्रोटीन से भरपूर सब्जियां (Protein rich vegetables)
कई गहरे रंग के पत्तेदार साग और सब्जियों में प्रोटीन होता है। अकेले खाए जाने पर, ये खाद्य पदार्थ दैनिक प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन कुछ सब्जी से बने स्नैक्स प्रोटीन का सेवन बढ़ा सकते हैं, खासकर जब अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलकर।
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दिल के रोगियों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन सोर्स के बारे में आपने जाना यहां। हार्ट के लिए मरीजों के लिए प्लांट बेस्ड प्रोटीन डायट काफी अच्छी मानी जाती है। लेकिन ऊपर बताए गए फूड सभी हार्ट पेशेंट के लिए फायदेमंद हो, यह नहीं कहा जा सकता है। हार्ट के मरीजों को कोई भी डायट अपने मन से नहीं अपनानी चहिए। इसके लिए उन्हें डाॅक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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