ऐसे की गई रिसर्च
इस रिसर्च में जॉब करने वाले कई लोगों पर टेस्ट किए गए। इसके लिए सवालों का एक सेट बनाया गया, लोगों के इंटरव्यू लिए गए और उनके मेडिकल टेस्ट किए गए। इस सबके आधार पर उनके तनाव, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई के आंकड़े जुटाए गए। इसमें पता चला कि जो लोग ज्यादा तनाव लंबे समय तक लेते रहे, उनके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और बीएमआई ज्यादा था। इसका सीधा मतलब था कि ये लोग ह्दय रोगी बनने की कगार पर थे या बन चुके थे।
बहुत अधिक तनाव उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले लोगों के लिए अनुकूल नहीं है। सात देशों में की गई 13 संयुक्त शोधों में पता चला कि करीब 2 लाख में से 30214 लोग अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। ये दवाब अतिरिक्त कार्यभार, काम करने का समय और दबाव और निर्णय लेने की स्वतंत्रता की वजह से था। शोधकर्ताओं ने 2 लाख में से 3.4 प्रतिशित लोगों में सभी प्रकार की दिली की बीमारी होने की संभावना का पता लगाया। शोध में ये भी सामने आया कि कैसे ऑफिस में अच्छा माहौल बनाकर, काम के बीच-बीच में वॉकिंग और बातचीत कर स्ट्रेस से बचा जा सकता है जो दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण है
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दिल की बीमारी से बचने के लिए क्या करें?
दिल से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनायें। जैसे-
शीला दीक्षित को कार्डिएक अरेस्ट आया, जिसमें उनकी मौत हो गई। इसलिए अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए और इससे जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। अपने आहार में फैट की मात्रा कम करें, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। नियमित रूप से ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। साबुत अनाज का सेवन रोजाना करें और नमक और चीनी का सेवन कम करें। अपने आहार में अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा कम कर दें।
एक्सरसाइज रोजाना करें। नियमित वर्कआउट से दिल और सर्कूलेट्री सिस्टम स्वस्थ रहता है वहीं कोलेस्ट्रॉल एयर ब्लड प्रेशर लेवल भी ठीक रहता है। अगर आप हार्ट पेशेंट हैं तो कौन-कौन से वर्कआउट आपके लिए ठीक है इसकी जानकारी अपने डॉक्टर से अवश्य लें। कोशिश करें बेहतर रिजल्ट के लिए फिटनेस एक्सपर्ट के साथ कम-से-कम आधे घंटे एक्सरसाइज अवश्य करें।