स्टेंट मेटल से बना ट्यूब होता है। यह ट्यूब धमनी खुले रहने में मददगार होती है। डॉक्टर आमतौर पर इस छोटी सी ट्यूब को धमनियों के अंदर डालते हैं, जिससे ब्लॉक हुई रक्त वाहिकाओं को खुला रखने में मदद होती है। उस ट्यूब को स्टेंट कहते हैं। इसका मुख्य कार्य रक्त प्रवाह या अन्य तरल पदार्थों आगे पहुंचना है। अगर हृदय तक सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है तो दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा शुरू हो सकता है। इसलिए अगर ह्रदय संबंधी परेशानी महसूस हो तो इस परेशानी को ज्यादा देर तक इसे टाले नहीं क्योंकि ऐसा करने से स्थिति बिगड़ सकती है। स्टेंट क्या है (What is stent), इसे समझने के बाद इसका कैसे उपयोग किया जाता है इसे समझने की कोशिश करते हैं।
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स्टेंट क्या है (What is stent) और हार्ट अटैक से इसका संबंध
हार्ट की बीमारी जिसको हो, उसे स्टेंट की जरूरत कभी भी पड़ सकती है। जब धमनी में किसी वजह से ब्लड का फ्लो प्रभावित होता है तो ब्लड क्लॉट बनने की संभावना अधिक हो जाती है। धमनी में आई रूकावट को हटाने के लिए एंजियोप्लास्टी का सहारा लिया जाता है। एंजियोप्लास्टी में एक ट्यूब का यूज किया जाता है। इस ट्यूब में एक बैलून को जोड़ा जाता है और फिर इसे धमनी तक ले जाया जाता है। जिस कारण से धमनी से ब्लॉकेज हुआ है, उसे बैलून की हेल्प से हटाया जाता है। ऐसा करने से ब्लॉकेज हट जाता है लेकिन भविष्य में ब्लॉकेज की संभावना अधिक हो सकती है, इसलिए उस स्थान में स्टेंट को लगाया जाता है। स्टेंट भविष्य में धमनी के ब्लॉकेज होने की संभावना को कम करने का काम करता है।
स्टेंट क्या है (What is stent) और रक्त प्रवाह को कैसे सही करता है?
आपके मन में सवाल होगा कि स्टेंट क्या है? ताे बता दें कि यह धातु की जाली, प्लास्टिक, या कभी-कभी बड़ी धमनियों के लिए एक विशेष कपड़े से बनी हो सकती है। इसका उपयोग संकीर्ण या कमजोर धमनियों के इलाज के लिए किया जाता है। धमनियों को फटने से रोकने के अलावा, स्टेंट भी रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं। कुछ स्टेंट को दवा के साथ भी इंसर्ट किया जाता है, जिसका मकाद धमनी को फिर से ब्लॉक होने से रोकना है। धमनी में ब्लॉकेज होने पर हार्ट डिजीज का खतरा शुरू हो जाता है। इसलिए यह ब्लॉकेज की समस्या से बचने के लिए बेहतर विकल्प के तौर पर डॉक्टर इसका प्रयोग करते हैं। इससे लोगों की परेशानी दूर भी होती है।
स्टेंट क्या है इसकी जानकारी के बाद इसका मुख्य उपयोग क्या है?
- स्टेंट क्या है दरअसल यह संकुचित हुई धमनियों को पहले की तरह फैलाना
- सीने में हो रहे दर्द को कम करना
- हार्ट अटैक के दौरान पेशेंट की सहायता करना आदि शामिल है।
स्टेंट क्या है यह समझने के साथ ही समझने की कोशिश करते हैं इसके फायदे क्या हैं?
स्टेंट क्या है और इसके फायदे निम्नलिखित हैं। जैसे-
- इसका उपयोग तब किया जाता है जब प्लाक द्वारा रक्त वाहिका ब्लॉक होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा और कुछ अन्य पदार्थों का एक मिश्रण है। जो एक वेसल की दीवारों से चिपक जाता है।
- आपातकालीन प्रक्रिया के दौरान इसकी आवश्यकता हो सकती है, खासकर जब कोरोनरी धमनी ब्लॉक हो। ब्लॉक कोरोनरी धमनी में एक कैथेटर डालने से, डॉक्टर रुकावट को साफ करने के लिए एक बलून एंजियोप्लास्टी कर सकते हैं । एक स्टेंट धमनी में डाला जाएगा। स्टेंट की उपस्थिति के साथ, वेसल खुला रह सकते हैं।
- इसके कई फायदें होते हैं। जैसे कि धमनियों को ब्लॉक न होने से बचाना, छाती में दर्द और दिल के दौरे जैसे लक्षणों को कम करना। इन स्थितियों के लिए उपयोग किए जाने वाले स्टेंट को हार्ट स्टेंट कहते हैं। जब आपके मस्तिष्क में एक एन्यूरिज्म होता है, तो स्टेंट का काफी उपयोग होता है। रक्त वाहिकाओं के अलावा, स्टेंट का उपयोग ट्यूबों को खोलने के लिए भी किया जा सकता है जो समान रूप से ब्लॉक हो सकती हैं जैसे: पित्त नलिकाएं, मूत्रवाहिनी आदि।
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स्टेंट क्या है यह जानने के बाद इसके लिए कैसे तैयारी करें?
रक्त वाहिका में स्टेंट की तैयारी के लिए आपको निम्नलिखित बातों या टिप्स को अपनाना जरूरी है। जैसे-
- डॉक्टर के पास जाते समय उन सभी दवाओं को अपने साथ ले जाएं जिसका सेवन आप करते हैं।
- ऐसी दवाइयों का सेवन न करें जो खून में बदलाव लाती है, जैसे, एस्पिरिन, इबुप्रोफेन या क्लोपिडोग्रेल दवाएं।
- डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह और निर्देश का ठीक तरह से पालन करें।
- यदि आप धूम्रपान करते हैं , तो इसे छोड़ दें। स्मोकिंग की वजह से हार्ट डिजीज और कैंसर जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है और अगर आप दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं तो स्मोकिंग न करें और स्मोकिंग कर रहे व्यक्ति के सामने भी न रहें। इससे भी आपको शारीरिक परेशानी हो सकती है।
- आप जिन-जिन बीमारियों से पीड़ित हैं उसकी सही-सही जानकारी अपने डॉक्टर को दें। इससे इलाज करने में सहायता मिलती है और इलाज भी बेहतर तरीके से किया जाता है।
- सर्जरी से एक रात पहले पानी या अन्य कोई तरल पदार्थ के सेवन की मनाही होती है।
- सर्जरी से पहले और बाद में अपने चिकित्सक द्वारा सूचित दवाओं का सेवन करें।
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स्टेंट ट्यूब: ये कैसे काम करता है ?
डॉक्टर न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया करते हैं। और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से विशेष साधनों द्वारा स्टेंट को उसकी आवश्यकता वाले क्षेत्र तक पहुंचाते हैं। चीरा अक्सर कमर या बांह में होता है। किसी एक स्टेंट को छोटा कैमरा लगाया जाता हैं जिससे स्टेंट निर्देशन में मदद हो सके। प्रक्रिया के दौरान, इमेजिंग तकनीक, एंजियोग्राम भी वेसल के माध्यम से स्टेंट को मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर को सहायता आवश्यकता हो सकती है।
टूटे या ब्लॉक वेसल का पता लगाने के बाद, डॉक्टर यह स्थापित करेंगे। फिर सभी उपकरण आपके शरीर से बाहर निकाल कर डॉक्टर चीरा बंद कर देंगे।
कोरोनरी स्टेंट, कैरोटिड स्टेंट, या वायुमार्ग स्टेंट लगाने की प्रक्रिया के बाद, आप कुछ घंटों या रात भर के लिए अस्पताल में ठीक हो जाएंगे। स्टेंट ग्राफ्ट्स के लिए, आप अधिक समय तक अस्पताल में रह सकते हैं। हालांकि यह आम नहीं है, आप स्टेंटिंग प्रक्रिया से जटिलताओं का अनुभव भी कर सकते हैं।
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कभी-कभी धमनी में स्टेंट की प्रक्रिया से जटिलताएं होती हैं। इन परेशानियों में शामिल हो सकते हैं:
- एक्स-रे के दौरान डाई आर्टरी में इंजेक्ट की जाती है, जिससे कुछ पेशेंट को एलर्जी हो सकती है।
- एक अनियमित दिल की धड़कन,
- रक्तस्राव (ब्लीडिंग) या असुविधा जहां कैथेटर डाला गया था,
- कैथेटर से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होना,
- संक्रमण या इंफेक्शन,
- शायद ही कभी, विपरीत डाई से गुर्दे को नुकसान पहुंचना।
स्टेंट क्या है, आपको ये जानकारी तो मिल गई होगी, लेकिन ये भी जान लें कि इससे शरीर को लाभ भी मिलता है लेकिन, एक बार स्टेंट लगने के बाद उसे फिक्स कर दिया जाता है और कुछ समय बाद स्टेंट उसी स्थान पर सही तरह से स्थापित हो जाता है। कई लोग इस बात को लेकर भी चिंतित होते हैं की स्टेंट क्या है और इसे इंसर्ट करने के बाद क्या यह अपने जगह से हिल भी सकता है। वैसे तो हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ऐसी कोई भी परेशानी नहीं होती है लेकिन, अगर पेशेंट को परेशानी महसूस होती है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें। आजकल लगाए जाने वाले स्टेंट लगभग एक ही साल में गल जाते हैं और किसी भी तहर की परेशानी भी नहीं होती है। फिर भी अगर आप आसमंजस में हैं तो आप इस बारे में डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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स्टेंट ट्यूब: कौन-से स्टेंट रहता है बेहतर ?
स्टेंट की सहायता से धमनियों यानी एर्टरी को क्लीन करने में हेल्प मिलती है। स्टेंट की कीमत भारत में और विदेशों में अलग-अलग हो सकती है। अगर ये कहा जाए कि स्टेंट की कीमत हजार रूपय से लाख रुपय तक हो सकती है तो ये गलत नहीं होगा। स्टेंट की कीमत अस्पताल पर भी निर्भर करती है। अगर आप सरकारी अस्पतास में स्टेंट लगवा रहे हैं तो उसकी कीमत कम होगी, वहीं प्राइवेट अस्पताल में इसकी कीमत अधिक हो सकती है। आपको स्टेंट के लिए 60 से 70 हजार रूपया हो सकती है। भारत में लगातार दिल के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए स्टेंट की डिमांड भी बढ़ती जा रही है।
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स्टेंट ट्यूब के लेकर क्या आपके मन में भी शंका है ?
स्टेंट को लगाए जाने के बाद लोगों के मन में ये शंका जरूर आ सकती है कि कहीं स्टेंट लगाने के कुछ समय बाद ही बंद न हो जाए। ये बात सच है कि तकनीकी के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। ठीक यही बात स्टेंट पर भी लागू होती है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि स्टेंट लगावाने के बाद बहुत कम प्रतिशत मरीजों को इस प्रकार की समस्या होती है। यानी ये कहना गलत है कि स्टेंट लगवाने के कुछ ही समय बाद उसके बंद हो जाने का खतरा रहता है। स्टेंट लगवाने के बाद डॉक्टर पेशेंट को बहुत सी सावधानी बरतने के लिए कहते हैं।
लाइफ स्टाइल पर दें विशेष ध्यान
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि खराब लाइफस्टाइल के कारण हार्ट संबंधि समस्या होती है, इसलिए इलाज के बाद आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। डॉक्टर आपको रेगुलर मेडिसिन के साथ ही खाने में कुछ परहेज और एक्सरसाइज की सलाह दे सकते हैं। अगर आप डॉक्टर की बताई गई बातों पर अमल करेंगे तो पाएंगे कि आपकी समस्याएं अब कम होने लगी हैं। ब्लॉकेज कैसा है, इसके अनुसार ही डॉक्टर ट्रीटमेंट देते हैं। जिन पेशेंट की धमनी में कैल्शियम अधिक मात्रा में जम जाता है, उन्हें हटाने के लिए डॉक्टर तकनीकी की सहायता से उसे हटाते हैं।
ध्यान दें
अगर आप स्टेंट क्या है या इसके फायदे से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्टेंट के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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