मुझे हाय ब्लड प्रेशर की समस्या है, इसलिए मैं रेगुलर ही अपने ब्लड प्रेशर की जांच करती हूं। लेकिन हाल ही में, मेरी रीडिंग कुछ ज्यादा ही फ्लक्चुएट कर रही थी। जैसे एक सुबह यह 127/70 थी, फिर दोपहर में 170/100 था। मैं सोच में पड़ गई कि यह क्या हो रहा है? डॉक्टर से कंसल्ट करने पर पता चला कि इस स्थिति को लेबाइल हायपरटेंशन (Labile hypertension) कहा जाता है। जिसमें ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से फ्लक्चुएट होता है। लेबाइल हायपरटेंशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें फिजिकल एक्टिविटी, इमोशन, डायट (विशेष रूप से नमक और एल्कोहॉल का सेवन), और नींद की कमी शामिल है। इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर लेबाइल हायपरटेंशन (Labile hypertension) क्या है, इसके लक्षण और उपचार क्या हैं।
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लेबाइल हायपरटेंशन (Labile hypertension) क्या है?
लेबाइल हायपरटेंशन तब होता है जब किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर (Blood pressure) अक्सर नॉर्मल और हाय के बीच में जल्दी-जल्दी फ्लक्चुएट होता है। हालांकि, किसी व्यक्ति की ब्लड प्रेशर रीडिंग अलग-अलग होना सामान्य है, लेकिन लेबाइल हायपरटेंशन में ब्लड प्रेशर में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। हायपरटेंशन (Hypertension) का अर्थ है 130/80 मिमी एचजी या उससे अधिक ब्लड प्रेशर। लेबाइल हायपरटेंशन वह होता है जहां किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लगातार नॉर्मल रेंज के अंदर नहीं होता है, लेकिन लगातार हाय भी नहीं होता है।
लेबाइल हायपरटेंशन के लक्षण (Symptoms of labile hypertension)
हालांकि, लेबाइल हायपरटेंशन वाले सभी लोगों में लक्षण दिखाई दे ऐसा जरूरी नहीं है, फिर भी एक व्यक्ति निम्न लक्षण महसूस कर सकता है।
- कानों में कुछ बजने की आवाज, जिसे टिनिटस ) भी कहा जाता है
- हार्ट पल्पिटेशन (Heart palpitations)
- सिर दर्द (Headache)
- सिर चकराना (Dizziness)
- फ्लशिंग (Flushing)
- कमजोरी या सुस्ती (weakness )
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कारण (Causes of labile hypertension)
एंग्जायटी और स्ट्रेस के कारण लेबाइल हायपरटेंशन हो सकता है। कई अन्य फैक्टर्स भी प्रेशर को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- उम्र
- ज्यादा नमक खाना
- बहुत अधिक कैफीन का सेवन
- कुछ दवाएं
- एल्कोहॉल का सेवन
- ड्रग्स का इस्तेमाल करना
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कॉम्प्लिकेशन्स (Complications of labile hypertension)
2015 की एक स्टडी में लेबाइल हायपरटेंशन (Hypertension) और बढ़े हुए कार्डियोवस्कुलर (Cardiovascular) रिस्क के बीच संबंध पाया गया। ये हैं:
- कोरोनरी हार्ट डिजीज डेवलप होना (Coronary heart disease)
- स्ट्रोक का अनुभव करना (Stroke)
- हार्ट फेलियर का अनुभव करना (Heart failure)
इसी तरह की कुछ अन्य मेडिकल कंडिशन (Medical conditions)
लेबाइल हायपरटेंशन की तरह ही कुछ अन्य हेल्थ कंडिशंस भी हैं जिनमें ब्लड प्रेशर नॉर्मल पैरामीटर से अधिक फ्लक्चुएट करता है। जैसे-
वाइट कोट हायपरटेंशन (White coat hypertension)
कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर घर पर नॉर्मल रहता है, लेकिन जब वे डॉक्टर के पास विजिट करते हैं तो वह थोड़ा बढ़ जाता है। यह स्थिति वाइट कोट हायपरटेंशन (WCH) है जिसमें किसी व्यक्ति के ब्लड प्रेशर की मेडिकल सेटिंग में उतार-चढ़ाव होता है। यदि किसी व्यक्ति को WCH है, तो हो सकता है कि एक डॉक्टर द्वारा लिए जाने वाले ब्लड प्रेशर की रीडिंग उस व्यक्ति के रियल ब्लड प्रेशर से मैच न करें।
मास्क्ड हायपरटेंशन (Masked hypertension)
WCH के विपरीत मास्क्ड हायपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की ब्लड प्रेशर रीडिंग डॉक्टर के यहां नॉर्मल होती है, लेकिन अन्य समय में अधिक हो सकती है। इसमें व्यक्ति के ब्लड प्रेशर की रीडिंग एक्चुअल एवरेज प्रेशर (Reading Actual Average Pressure)से कम हो सकता है।
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पैरॉक्सिस्मल हायपरटेंशन (Paroxysmal hypertension)
लेबाइल हायपरटेंशन की तरह ही पैरॉक्सिस्मल हायपरटेंशन (Paroxysmal hypertension) है। इसमें किसी व्यक्ति के ब्लड प्रेशर की रीडिंग में नॉर्मल और हाय के बीच बहुत ज्यादा फ्लक्चुएट हो सकती है। पैरॉक्सिस्मल हायपरटेंशन एपिसोडिक और वोलेटाइल हाय ब्लड प्रेशर है, जो किसी भी प्रकार के स्ट्रेस के कारण हो सकता है। पैरॉक्सिस्मल हायपरटेंशन वाले लोगों के लगभग 2% मामलों में, इसका कारण एक ट्यूमर से संबंधित होता है जिसे फियोक्रोमोसाइटोमा कहा जाता है।
लेबाइल हायपरटेंशन का निदान (Diagnosis of labile hypertension)
लेबाइल हायपरटेंशन के निदान के लिए कोई निर्धारित मानदंड नहीं हैं। लोग सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव का अनुभव करते हैं और कोई इसके लिए कोई सेट लिमिट भी नहीं है। यदि कोई व्यक्ति लेबाइल हायपरटेंशन के अलावा वाइटकोट हायपरटेंशन (Whitecoat Hypertension) का भी अनुभव करता है, तब भी डॉक्टर सोच सकता है कि उसे कांस्टेंट हाय हायपरटेंशन है, न कि लेबाइल हायपरटेंशन। यदि डॉक्टर को लगता है कि किसी व्यक्ति को हाय ब्लड प्रेशर हो सकता है, तो वे नियमित रूप से रीडिंग लेने के लिए घर पर ब्लड प्रेशर मॉनिटर का उपयोग करने का सुझाव दे सकते हैं। डॉक्टर व्यक्ति को 24 घंटे ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग की सलाह भी दे सकते हैं ताकि यह जांचा जा सके कि क्या वे लेबाइल ब्लड प्रेशर का अनुभव कर रहे हैं या नहीं। इसमें डॉक्टर एक छोटी डिवाइस व्यक्ति को पहनाते हैं जो शरीर की कई तरह की इन्फॉर्मेशन को रिकॉर्ड करता है। जैसे सोने में कितना समय लगा, खाने का समय, और एक्सरसाइज की अवधि। इससे डॉक्टर को पिक्चर क्लियर होती है कि एक व्यक्ति का ब्लड प्रेशर पूरे दिन में कैसे फ्लक्चुएट करता है।
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लेबाइल हायपरटेंशन का ट्रीटमेंट (Treatment of labile hypertension)
लेबाइल हायपरटेंशन के लिए कोई इलाज नहीं है। इसके बजाय डॉक्टर चिंता और तनाव को कम करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए वे आपको कुछ एंटी-एंजायटी मेडिकेशन पर रख सकते हैं। ये दवाएं केवल एंजायटी के लक्षणों का अनुभव करने पर ही उपयोग करनी होती हैं। ये दवाएं आमतौर पर एक घंटे के भीतर एंंजायटी के लक्षणों को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन ये लॉन्ग-टर्म के लिए प्रिस्क्राइब नहीं की जाती हैं।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति 4 सप्ताह से अधिक समय तक इन दवाओं का उपयोग करता है तो वह एडिक्टिव हो सकता है।
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बचाव
लेबाइल हायपरटेंशन के जोखिम से बचने के लिए ये कुछ उपाय करने चाहिए:
- अपने स्ट्रेस लेवल को नियंत्रित करने की कोशिश करें, तनावपूर्ण स्थितियों से बचें, या उन्हें अधिक प्रभावी ढंग से मैनेज करना सीखें
- मेडिटेशन और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों के बारे में डॉक्टर से बात करें
- स्मोकिंग छोड़ें (Smoking)
- खाने में नमक की मात्रा को सीमित करें
- एल्कोहॉल को अवॉयड करें
- नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह से एक्सरसाइज करें
- कुछ प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन्स (जैसे-नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, ओरल स्टेरॉइड्स, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स) के उपयोग से बचें।
जब किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लेबाइल हायपरटेंशन के कारण बढ़ जाता है, तो उसे आमतौर पर लेबाइल हायपरटेंशन के संभावित लक्षणों के अलावा किसी भी समस्या का अनुभव नहीं होगा। हालांकि, लंबे समय तक लेबाइल हायपरटेंशन का इलाज ना करने से व्यक्ति को कई तरह की हेल्थ रिस्क का खतरा बढ़ सकता है।
ब्लड प्रेशर के स्तर में टेम्पररी वृद्धि भी व्यक्ति के शरीर पर नेगेटिव इम्पैक्ट डाल सकती है। रेगुलर हाय ब्लड प्रेशर हार्ट पर दबाव डाल सकता है और मॉर्टेलिटी का रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि लोग अपने ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करें और नॉर्मल लेवल से ऊपर होने पर ट्रीटमेंट के बारे में डॉक्टर से परामर्श लें। क्योंकि लेबाइल हायपरटेंशन ज्यादतर चिंता के कारण होता है। इसलिए, एंजायटी को बेहतर तरीके से मैनेज करें। होम रेमेडीज के तौर पर मेडिटेशन का सहारा भी लिया जा सकता है।
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