शरीर में डेंगू के लक्षण होना, एक बहुत ही पीड़ादायक स्थिति है। जो कि मच्छर के काटने पर डेंगू वायरस के मानव शरीर के अंदर पहुंचने से होता है। हर साल 400 मिलियन (40 करोड़) लोग विश्व भर में डेंगू वायरस से संक्रमित होते हैं। इनमें से 2.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है। यह मच्छर के काटने से होने वाला विश्व में सबसे तेजी से बढ़ने वाला संक्रमण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या को पर्यावरण की स्थिति और बीमारियों के बोझ के कारण संक्रमित होने का जोखिम है। ऐसे में डेंगू के लक्षण (Symptoms of dengue) जितनी जल्दी पकड़ में आ जाए, इलाज उतना ही प्रभावी होता है। इसलिए हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में जानते हैं डेंगू फीवर के लक्षण और बचाव के क्या उपाय हैं?
डेंगू के लक्षण (Symptoms of dengue)
अधिकांश संक्रमित लोगों में हल्के या न के बराबर लक्षण दिखाई देते हैं। डेंगू के हल्के लक्षणों को अन्य रोग समझ लिया जाता है, जिनमें बुखार या फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। इसके अलावा ये लक्षण होने पाए जाने पर भी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे-
- सिरदर्द : डेंगू बुखार में बॉडी टेम्परेचर बढ़ने के साथ ही तेज सिरदर्द की समस्या भी होती है।
- थकान : डेंगू के लक्षण में व्यक्ति को बहुत थकावट महसूस होती है।
- तेज बुखार: डेंगू का सबसे मुख्य लक्षण तेज बुखार है। डेंगू में 102-103º F तक बुखार आना सामान्य बात है।
- आंखों में दर्द : ज्यादातर डेंगू से पीड़ित व्यक्ति की आंख के पीछे दर्द की शिकायत करते हैं।
- मांसपेशी, जोड़ या हड्डी में दर्द : डेंगू फीवर में रोगी में काफी कमजोरी आ जाती है जिससे शरीर के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है।
- चकत्ते पड़ना : डेंगू में छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन रैशेस में कभी कभी खुजली भी होती है।
- उबकाई और उल्टी : यह भी डेंगू का एक लक्षण है। आपको घबराहट भी महसूस होती है।
- खून का अस्वाभाविक रूप से बहना (नाक या मसूड़ों से खून बहना, त्वचा के नीचे छोटे लाल धब्बे या अस्वाभाविक थकान)
ऊपर बताए गए डेंगू के लक्षण (Symptoms of dengue) के अलावा भी कोई असामान्य बदलाव शरीर में दिखाई दे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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डेंगू बुखार का परीक्षण
तेज बुखार के साथ जब मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द होने लगता है तो ये सब डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। इसके संकेत खसरा और टाइफाइड फीवर आदि कई अन्य रोगों की तरह होते हैं। इसलिए, बीमारी का निदान करने के लिए पहले ब्लड टेस्ट किया जाता है। इससे खून में एंटीबॉडीज और वायरस की उपस्थिति का पता लगता है।
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रिस्क:
डेंगू (dengue) की गंभीर स्थिति के संकेतों और लक्षणों को पहचानें, जो शुरूआती बुखार के जाने के बाद 24-48 घंटे में उभरते हैं। यदि आप या आपके परिवार के सदस्य में इनमें से कोई संकेत दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं-
- पेट में तेज दर्द या उल्टी (24 घंटे में कम से कम 3 उल्टी)
- नाक या मसूड़ों से खून बहना
- उल्टी या दस्त में खून आना
- सुस्ती या चिड़चिड़ाहट
- त्वचा का पीला व ठंडा पड़ना (कभी-कभी चिपचिपी त्वचा के लक्षण भी मिलते हैं)
- सांस लेने में कठिनाई
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डेंगू की रोकथामः
कई सरकारी संगठन डेंगू से लड़ने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में उनके प्रयास रोकथाम पर केन्द्रित हैं, जैसे कीटनाशकों का उपयोग या डेंगू मच्छरों के संभावित आवासों को नष्ट करना। हालांकि, डेंगू बुखार की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं है। इसलिए, मच्छर के काटने से बचना जरूरी है। यदि आप उष्णकटिबन्धीय क्षेत्र (Tropical region) में रहते हैं या वहां की यात्रा करते हैं। निम्नलिखित तरीकों से आप खुद को बचा सकते हैं :
- यदि संभव हो, तो अत्यधिक आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों से दूर रहें।
- घर के अंदर भी मच्छरों को दूर भगाने वाली वस्तुओं का उपयोग करें।
- फुल आस्तीन वाली शर्ट और फुल पैन्ट पहनकर बाहर जाएं।
- मच्छरदानी का उपयोग करें।
- अंधेरे कोनों (बिस्तर, सोफे के नीचे और पर्दों के पीछे) में कीटनाशक स्प्रे का उपयोग करें।
- ध्यान दें गमलों की मिट्टी गीली न रहे।
- अपनी सोसायटी के भीतर और आस-पास जमा पानी को हटाएं।
- पानी के सभी बर्तन खाली होने पर उन्हें उल्टा रखें और उन्हें छाया में रखें।
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डेंगू के घरेलू उपचार
डेंगू के लक्षण के उपचार के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं के साथ ही कुछ होम रेमेडीज भी की जा सकती हैं। डेंगी बुखार के ये घरेलू उपाय काफी प्रभावी हैं। जैसे-
डेंगू के घरेलू उपचार: नीम के पत्ते
आमतौर पर कई तरह की बीमारियों के इलाज में नीम की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। नीम की पत्तियों के रस को पीने से ब्लड प्लेटलेट्स और वाइट ब्लड सेल्स (white blood cells) की संख्या में वृद्धि होती है और डेंगू के लक्षण कम होते हैं। इसके साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) में भी सुधार आता है।
डेंगू के घरेलू उपचार: गिलोय
गिलोय के सात-आठ पत्तों को कुचल लें उसमें चार-पांच तुलसी की पत्तियां एक गिलास पानी में मिलाकर उबालकर काढ़ा बना लें। दिन में तीन चार लेने से रोगी को प्लेटलेट की मात्रा में तेजी से इजाफा होता है।
डेंगू के घरेलू उपचार: बकरी का दूध
डेंगू बुखार आने से वाइट ब्लड सेल्स बहुत तेजी से कम होने लगती हैं। ऐसे में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए बकरी का दूध बहुत ही प्रभावशाली होता है। साथ ही जोड़ों का दर्द भी कम होता है।
डेंगू के घरेलू उपचार: पपीते के पत्ते
डेंगू के लक्षणों में जल्द सजे जल्द सुधार लाने के लिए पपीते के पत्ते सबसे असरदार साबित होते हैं। पपीते की पत्तियों में पाया जाने वाला पपेन नामक एंजाइम बॉडी की पाचन शक्ति को ठीक करता है। साथ ही प्लेटलेट्स की मात्रा में भी वृद्धि होती है। डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का ताजा जूस निकाल कर एक-एक चम्मच करके रोगी को दें।
डेंगू के घरेलू उपचार: हल्दी से इम्यूनिटी होगी स्ट्रॉन्ग
हल्दी के सेवन से इम्यून पवार को स्ट्रॉन्ग करने में मदद मिलती है। हल्दी के सेवन से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। रात को सोने से पहले गर्म दूध में थोड़ी से हल्दी मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
यदि आपको डेंगू के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। मच्छरों की आबादी कम करने के लिए उन स्थानों को नष्ट करें। जहां मच्छर पनप सकते हैं, जैसे पुराने पेड़, डिब्बे, फूलदान, जिनमें बारिश का पानी एकत्र होता है। अपने आस-पास के क्षेत्र को स्वच्छ रखें। इस तरह मच्छरों के प्रजनन को रोककर आप डेंगू बुखार (Dengue fever) से बच सकते हैं। ऊपर बताए गए डेंगू फीवर के घरेलू उपाय आपको कैसे लगे? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय (डेंगू के लक्षण) से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।