इचिनेशिया (Echinacea) दुनिया की सबसे पॉपुलर हर्ब में से एक है। इसे पर्पल कोनफ्लॉवर (purple coneflower) भी कहा जाता है। इसका उपयोग कई तकलीफों के उपचार में होता है। इसे कॉमन कोल्ड और फ्लू की ओवर द काउंटर हर्बल रेमेडी माना जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग माइग्रेन, इंफ्लामेशन, एंग्जायटी के उपचार में भी होता है। इचिनेशिया (Echinacea) की नौ प्रजातियां हैं, लेकिन केवल तीन का उपयोग हर्बल सप्लिमेंट्स के तौर पर किया जाता है। जिनमें इचिनेशिया पपुरिया (Echinacea purpurea), इचिनेशिया एंगास्टिफोलिया (Echinacea angustifolia) और इचिनेशिया पैलिडा (Echinacea pallida) प्रमुख हैं। इसके पौधे के ऊपर के पार्ट और जड़ों दोनों का उपयोग टैबलेट्स, टिंचर, चाय और एक्सट्रेक्ट बनाने में किया जाता है।
और पढ़ें: पथरी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? जानें कौन सी जड़ी-बूटी होगी असरदार
इचिनेशिया (Echinacea) में कौन से तत्व पाए जाते हैं?
इचिनेशिया के प्लांट्स में कई एक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं। जिसमें कैफेइक एसिड (Caffeic acid), अल्कामिडाइस (alkamides), फिनोलिक एसिड (Phenolic acids), रोजमेरिनिक एसिड (rosmarinic acid), पॉलिकेटिलेंस (polycatylenes) शामिल हैं। इचिनेशिया (Echinacea) और इसमें पाए जाने वाले तत्वों के कई फायदे हैं। जिनमें इम्यूनिटी को बूस्ट करने से लेकर ब्लड शुगर लेवल को कम करने तक शामिल हैं।
इचिनेशिया (Echinacea) में पाए जाते हैं एंटीऑक्सीडेंट्स
इचिनेशिया के पौधे में ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट (antioxidants) की तरह काम करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स ऐसे मॉलिक्यूल्स होते हैं जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative stress) से बचाते हैं। यह एक स्थिति होती है00 जो क्रोनिक डिजीज (chronic diseases) जैसे कि डायबिटीज (diabetes) हार्ट डिजीज (Heart disease) आदि का कारण बनती हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स पत्तियों और जड़ की जगह इसके फल के सत्व और पौधे के फूल में ज्यादा पाए जाते हैं। आइए अब जानते हैं इस हर्ब के प्रमुख उपयोग।
इम्यून सिस्टम (immune system) को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करती है इचिनेशिया
इचिनेशिया इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए जानी जाती है। कई स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि इस पौधा इम्यून सिस्टम को वायरस से लड़ने के लिए स्ट्रॉन्ग बनाता है ताकि आप बीमारी से जल्दी रिकवर कर सकें। इसलिए इस हर्ब का उपयोग कॉमन कोल्ड और अपर रेस्पिरेट्री इंफेक्शन (Upper respiratory infection) के इलाज में किया जाता है। यहां तक कि एनसीबाआई (NCBI) में छपी एक स्टडी के मुताबिक इचिनेशिया का उपयोग कोल्ड होने के रिस्क को 50 प्रतिशत से कम कर सकता है। इसके साथ ही ये कोल्ड के ड्यूरेशन को भी कम कर सकता है। हालांकि इस पर अभी और शोध होने की जरूरत है।
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें: सफेद हल्दी के फायदे एवं नुकसान Health Benefits of Zedoary
इचिनेशिया का उपयोग ब्लड शुगल लेवल (blood sugar level) को कर सकता है कम
हाय ब्लड शुगर लेवल (High blood sugar level) कई सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क बढ़ा सकता है। जिसमें टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज और दूसरी कई क्रोनिक कंडिशन शामिल हैं। एक टेस्ट ट्यूब स्टडी में इस बात का पता चला है कि इचिनेशिया का पौधा ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। स्टडी के अनुसार इचिनेशिया परपुरिया का एक्सट्रेक्ट उन एंजाइम्स को सरप्रेस कर देता है जो कार्बोहाइड्रेड को डायजेस्ट करते हैं। इससे अगर आपकी बॉडी शुगर कंज्यूम करती है तो ब्लड में एंटर होने वाली शुगर की मात्रा कम हो जाती है। हालांकि इचिनेशिया के इस उपयोग को लेकर दूसरी हृयूमन बेस्ड स्टडीज की जरूरत है।
चिंता को कम कर सकती है इचिनेशिया हर्ब (echinacea may reduce anxiety)
चिंता एक कॉमन परेशानी है जो आजकल के युवाओं को घेरे रहती है। इचिनेशिया के पौधे में एंग्जायटी को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। एनसीबीआई में छपी स्टडी के अनुसार इस हर्ब में पाए जाने वाले तत्व जैसे कि अल्कामाइड्स (alkamides), रोजमेरिनिक एसिड (rosmarinic acid) और कैफिइक एसिड (caffeic acid) चिंता को दूर करते हैं। चूहों पर की गई स्टडीज में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि इचिनेशिया का उपयोग चिंता को कम करने के साथ चूहों को असक्रिय नहीं बनाता। मनुष्यों पर की गई स्टडीज में भी इसके चिंता को दूर करने के प्रमाण मिले हैं। हालांकि इस दिशा में अभी और स्टडीज की जाने की आवश्यकता है।
इंफ्लामेशन को कम कर सकता है इचिनेशिया का उपयोग
इचिनेशिया में एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो इंफ्लामेशन को कम करती हैं। बता दें कि इंफ्लामेशन आपकी बॉडी को हील करने और सुरक्षा करने का नैचुरल तरीका है, लेकिन कभी-कभी इंफ्लामेशन अधिक समय के लिए रह जाता है जो कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देता है। कई स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि इचिनेशिया का उपयोग इंफ्लामेशन को कम कर देता है। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार ऑस्टियोअर्थराइटिस के व्यस्क मरीजों को इचिनेशिया की मात्रा वाले सप्लिमेंट्स देने पर इंफ्लामेशन, तीव्र दर्द और सूजन में कमी देखी गई।
और पढ़ें: हर्बल्स हैं बड़े काम की चीज, जानना चाहते हैं कैसे, तो पढ़ें ये डिटेल्ड आर्टिकल
स्किन प्रॉब्लम्स में भी उपयोगी
कई शोधों में ऐसा दावा किया गया है कि इचिनेशिया हर्ब कॉमन स्किन प्रॉब्लम्स में उपयोगी है क्योंकि इसमें एंटी बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह रूखी स्किन और झुर्रियों को दूर कर सकती है। इसका एक्सट्रेक्ट स्किन को रिपेयर करने का गुण भी रखता है। हालांकि इसको लंबे समय तक उपयोग नहीं कर सकते इसलिए कॉस्टमेटिक प्रोडक्ट्स में इसका उपयोग नहीं किया जाता।
कैंसर से लड़ने में मददगार
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें कोशिकाओं की अनियंत्रित और असामान्य वृद्धि होती है। एनसीबीआई में छपी स्टडी के अनुसार इचिनेशिया का एक्सट्रेक्ट कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकता है। इसके साथ ही यह कैंसर सेल्स को भी खत्म करता है। एक अन्य स्टडी के अनुसार यह पेंक्रियाज और कोलन में कैंसर सेल्स को मार सकता है। ऐसा इसके इम्यून सिस्टम बूस्टिंग प्रॉपर्टीज के चलते होता है। इसके साथ ही यह कैंसर ट्रीटमेंट के साथ इंटरैक्ट नहीं करता है। इन फायदों के साथ ही इस हर्ब के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
इचिनेशिया के साइड इफेक्ट्स (side effects of Echinacea)
इचिनेशिया के प्रोडक्ट्स सुरक्षित हैं और शॉर्ट टर्म यूज पर इसके साइड इफेक्ट्स सामान्यत: देखे नहीं जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसके निम्न साइड इफेक्ट्स देखे जा सकते हैं।
हालांकि, ये साइड इफेक्ट्स उन लोगों में होना बेहद सामान्य है जिनको दूसरे फूलों से भी एलर्जी होती है। हर्बल प्रोडक्ट्स हमेशा सभी के लिए सुरक्षित नहीं होते इसलिए इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए। इचिनेशिया इम्यून सिस्टम को स्टिम्युलेट करती है इसलिए जो लोग ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (autoimmune disorder) से ग्रसित हैं उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना इस हर्ब का उपयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए।
इचिनेशिया का डोज क्या होना चाहिए?
इचिनेशिया का फिलहाल कोई ऑफिशियल डोज रिकमंड नहीं किया जाता है क्योंकि इस पर अभी रिसर्च जारी है। इसके साथ ही एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार कई बार इसके प्रोडक्ट्स खरीदने पर 10 प्रतिशत सेंपल में इचिनेशिया कंटेंट के तौर पर नहीं था। इसलिए अगर आप इचिनेशिया के प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं तो विश्वसनीय ब्रांड्स से ही खरीदें। ऐसा माना जाता है कि नीचे बताए गए डोज इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए रिकमंड किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
ड्राय पाउडर एक्सट्रेक्ट (Dry powdered extract)- 300-500mg इचिनेशिया पपुरिया दिन में तीन बार
लिक्विड एक्सट्रेक्ट टिंचर (Liquid extract tinctures)- 2.5ml तीन में तीन बार
- आपको बता दें कि स्पेसिफिक सप्लिमेंट्स पर लिखे इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना सबसे बेस्ट प्रेक्टिस होती है।
- ऊपर बताए गए डोज शॉर्ट टर्म यूज के लिए हैं। इसके लंबे समय के लिए उपयोग के प्रभाव पर अभी भी रिसर्च जारी है।
और पढ़ें: हर्बल एंड अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट से हो सकता है कई बीमारियों का इलाज, जानिए
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इचिनेशिया के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]