टेस्टोस्टेरॉन थेरिपी की जरूरत उन पुरुषों को हो सकती है, जिनमें किन्हीं कारणों से टेस्टोस्टेरॉन की कमी हो जाती है। इस कंडीशन को मेल हाइपोगोनाडिज्म (Hypogonadism) के नाम से जाना जाता है। इस कंडीशन के कारणों में टेस्टिकल्स संबंधी समस्या या चोट, हायपोथेलेमस या पीयूष ग्रंथि आदि की समस्या शामिल हो सकता है। कीमोथेरिपी (Chemotherapy) या रेडिएशन थेरिपी के कारण भी टेस्टोस्टेरॉन थेरिपी की जरूरत पड़ सकती है। मेल हाइपोगोनाडिज्म (Hypogonadism) के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इनफर्टिलिटी, बोन मास लॉस आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। थकान और सेक्स ड्राइव में कमी भी अन्य लक्षणों के तौर पर देखने को मिल सकते हैं।
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टेस्टोस्टेरॉन और कोलेस्ट्रॉल (Testosterone and cholesterol)
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को गुड कोलेस्ट्रॉल के नाम से जानते हैं, वहीं एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बैड कोलेस्ट्रॉल के नाम से जानते हैं। एनसीबीआई (NCBI) में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो जो पुरुष टेस्टोस्टोरॉन से संबंधित दवाओं (Testosterone medications) का सेवन करते हैं, उनके एचडीएल लेवल (HDL levels) यानी गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी आ जाती है। शरीर की ग्रोथ के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल (Good cholesterol) का होना बहुत जरूरी होता है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों ने इसे नकारा और कहा कि टेस्टोस्टोरॉन से संबंधित दवाओं (Testosterone medications) का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के लेवल पर कोई भी असर नहीं पड़ता है।
टेस्टोस्टेरॉन और कोलेस्ट्रॉल (Testosterone and cholesterol) को लेकर कुछ रिचर्स की जा चुकी हैं। रिचर्स में ये भी बात सामने आई कि गुड कोलेस्ट्रॉल (Good cholesterol) के लेवल में कमी कुछ फैक्टर्स के कारण प्रभावित हो सकती है। व्यक्ति की उम्र, टेस्टोस्टेरॉन(Testosterone) डोज की मात्रा भी कोलेस्ट्रॉल लेवल को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभा सकती है। अगर ये कहा जाए कि टेस्टोस्टेरॉन और कोलेस्ट्रॉल (Testosterone and cholesterol) पर अधिक रिचर्स की जरूरत है, तो ये बात गलत नहीं होगी। रिचर्स में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करना और लंबे समय तक उन पर निगरानी करना इस संबंध के बारे में बेहतर तरीके से बता सकता है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए। अगर हॉर्मोन थेरिपी लेने के बाद आपको शरीर में कुछ परिवर्तन महसूस हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर को जरूर बताएं। शरीर में जांच के बाद ही कोलेस्ट्रॉल की अधिकता या फिर कमी के बारे में जानकारी मिलती है।
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