इनके अलावा दूसरे कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ ब्लड टेस्ट करने के लिए भी कह सकता है। आयरन लेवल भी सेक्स हॉर्मोन्स को प्रभावित करता है। इस कारण आयरन लेवल को टेस्ट किया जा सकता है। इसके अलावा प्रोलेक्टिन के लेवल की भी जांच की जा सकती है। यह मेल और फीमेल दोनों में प्रेजेंट होता है। थायरॉइड हॉर्मोन के लेवल की भी जांच करवाई जा सकती है। थायरॉइड की बीमारी हायपोगोनाडिज्म के समान लक्षण पैदा कर सकती है।
इमेजिंग टेस्ट्स (imaging tests)
डायग्नोसिस के लिए इमेजिंग टेस्ट भी मददगार हो सकते हैं। अल्ट्रासाउंड के द्वारा ओवरी में होने वाली किसी भी प्रॉब्लम जैसे कि ओवेरियन सिस्ट (ovarian cysts) और पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (polycystic ovary syndrome) का पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर एमआरआई या सीटी स्कैन के लिए भी कह सकते हैं। इससे पिट्यूटरी ग्रंथि में होने वाले ट्यूमर के बारे में पता चल जाएगा।
हायपोगोनाडिज्म का उपचार क्या है? (treatments for hypogonadism?)
महिलाओं में हायपोगोनाडिज्म का उपचार (Treatment for female hypogonadism)
महिलाओं में ट्रीटमेंट सेक्स हॉर्मोन को बढ़ाने के लिए दिया जाता है। यदि आपको हिस्टरेक्टमी (hysterectomy) है तो आपका पहला ट्रीटमेंट एस्ट्रोजन थेरिपी हो सकती है। जिसमें पैचेज या एस्ट्रोजन सप्लिमेंट्स दिए जा सकते हैं। अगर महिला को हिस्टेक्टॉमी नहीं है तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संयोजन दिया जा सकता है।
विशेष लक्षणों के लिए दूसरे ट्रीटमेंट्स दिए जा सकते हैं। अगर आपकी सेक्स ड्राइव कम है तो टेस्टोस्टेरॉन का लो डोज दिया जा सकता है, पीरियड अनियमित होने, कंसीव करने में परेशानी होने पर ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (human choriogonadotropin) के इंजेक्शन या ऑव्युलेशन को ट्रिगर करने के लिए पिल्स दी जा सकती हैं।
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पुरुषों में हायपोगोनाडिज्म का उपचार (Treatment for male hypogonadism)
टेस्टोस्टोरॉन प्रमुख सेक्स हॉर्मोन है।पुरुषों में हायपोगोनाडिज्म के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरिपी को ट्रीटमेंट के तौर पर यूज किया जाता है। टेस्टोस्टेरॉन रिप्लेसमेंट थेरिपी इंजेक्शन, पैच, जेल और चूसने वाली दवाओं (lozenge) के रूप में दी जा सकती है। अगर महिला और पुरुष दोनों में से किसी के भी हायपोगोनाडिज्म का कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर है तो दोनों को निम्न ट्रीटमेंट रिकमंड किए जाते हैं।
हायपोगोनाडिज्म एक ऐसी कंडिशन है जिसका इलाज संभव है, लेकिन इसको लंबे ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। अगर बीच में ट्रीटमेंट बंद कर दिया जाए तो सेक्स हॉर्मोन का लेवल कम हो सकता है।उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और हायपोगोनाडिज्म से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।