परिचय
जुनिपर क्या है?
जुनिपर (Juniper) एक औषधीय गुणों वाला पेड़ है। इसका वानस्पतिक नाम जुनिपेरस कम्युनिस (Juniperus Communis) है। यह औषधि, बेरी और ऑयल के रूप में भी उपलब्ध है। इस औषधि के बेरी का इस्तेमाल मसालों से लेकर जड़ी बूटी के तौर पर किया जाता है। ये एक स्ट्रॉन्ग एरोमेटिक हर्ब है जो पाचन क्रिया दुरुस्त करने के लिए लाभदायक मानी जाती है। इस औषधीय पेड़ की लगभग 50 से 67 प्रजातियां पाई जाती है।
यह पेड़ मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कुछ हिस्सों के जंगलों में पाया जाता है। इस पेड़ की कई किस्में हैं, लेकिन जुनिपरस कम्युनिस उत्तरी अमेरिका में सबसे आम होता है। साथ ही, कैड ऑयल के साथ जुनिपर बेरी तेल को लेकर भ्रमित न हो।
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जुनिपर का उपयोग किस लिए किया जाता है?
कुछ लोग पाचन से जुड़ी समस्याओं, मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई), गुर्दे और मूत्राशय की पथरी के साथ कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए इस औषधि का सेवन करते हैं। इसके साथ ही, कुछ लोग जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द या चोट के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य स्मस्याओं के उपचार में यह किस तरह से काम करता है, इस दिशा में अभी भी उचित अध्ययन करने की आवश्यकता है।
इसका इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के रूप में भी किया जाता है। इस औषधि के बेर का इस्तेमाल अक्सर एक मसाला के रूप में भी किया जाता है। साथ ही इसके अर्क, तेल का उपयोग भी खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।
यहां तक कि इस औषधि का लाभ पाने के लिए इसका इस्तेमाल तेल बनाने, साबुन बानने और सौंदर्य प्रसाधनों में सुगंध के रूप में किया जाता है।
जुनिपर के फल का तात्विक तेल इन चीजों में इस्तेमाल होता है:
- पेट संबंधी परेशानी जैसे गैस, अपच, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम और इरिटेबल कोलन होने पर
- मूत्र संबंधी समस्याएं होने पर
- किडनी और मूत्राशय संबंधित समस्याएं
- सांप के काटने पर
- मधुमेह
- कैंसर
- खरोंच, घाव, छाले और जोड़ों के दर्द में
- ब्रॉनकाइटिस और सुन्न दर्द में
- जुनिपर एक्सट्रैक्ट और जुनिपर ऑयल का प्रयोग कॉस्मेटिक जैसे लिपस्टिक, फाउंडेशन, हेयर कंडिशनर, बाथ ऑयल, बबल बाथ, आई शैडो आदि में किया जाता है।
जुनिपर कैसे काम करता है?
इस औषधि के बेरी में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो पेट में सूजन और गैस को कम करते हैं। इसके अलावा, ये बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने में उपयोगी साबित होते हैं।
कुछ शोध यह बताते हैं कि इसमें मौजूद केमिकल्स शरीर में कुछ प्रतिक्रिया कर सकती है:
- गैस और पेट की परेशानी में
- बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए
- मूत्र संबंधित समस्याओं में
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सावधानियां और चेतावनी
जुनिपर के सेवन से पहले मुझे इसके बारे में क्या-क्या जानकारी होनी चाहिए?
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम अंग्रेजी दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
जुनिपर का सेवन कितना सुरक्षित है?
आमतौर पर भोजन में पाए जाने वाली जुनिपर की मात्रा ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। कुछ ऐसे शोध हैं जिनमें पाया गया है कि जुनिपर को दवाई के रूप में थोड़े समय तक लेना वयस्कों के लिए सुरक्षित माना जाता है। इसके साथ यह भांप के द्वारा सांस में लिया जाए या त्वचा पर लगाया जाए तो भी सुरक्षित है।
यह यदि ज्यादा मात्रा में और लंबे समय तक लिया जाए, तो किडनी की समस्याएं, उद्वेग और अन्य प्रकार की हानि पंहुचा सकता है।
साथ ही प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग करवाती महिलाओं के लिए भी इस औषधि का इस्तेमाल सही नहीं है, क्योंकि इसका गर्भाशय पर असर बच्चे को हानि पंहुचा सकता है और गर्भपात की संभावना बढ़ा सकती है।
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साइड इफेक्ट
जुनिपर के सेवन से मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
इसको त्वचा पर सीधा लगाने से ऐसे कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते है:
- जलन
- दाह
- सूजन
- लालिमा
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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जुनिपर के प्रभाव
जुनिपर के इस्तेमाल से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
इस औषधि के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान समय में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मधुमेह की दवाइयांः मधुमेह की दवाइयां (Anti-diabetic drugs) जैसे की ग्लिमीपिराइड, गलिपिजाइद, ग्लाइब्युराइड, क्लोरप्रोपमाइड, पाइयोग्लिटजोन, इन्सुलिन, रोसीग्लिटजोन, टॉलब्यूटमाइड इन दवाइयों के साथ जुनिपर क्रिया में आ सकता है।
उच्च रक्तचाप की दवाइयांः उच्च रक्तचाप की दवाइयां (Anti-hypertensives/Diuretic drugs) जैसे कि क्लोरथायजाइड, क्लोरथालिडोन, फ्यूरोसमाइड, हाइड्रोक्लोरथायजाइड इन दवाइयों के साथ भी जुनिपर लेना उचित नहीं।
इन बीमारियों में भी जुनिपर लेना टालें:
- मधुमेह
- पेट की समस्याएं
- हाई ब्लड प्रेशर
- लौ ब्लड प्रेशर
- सर्जरी
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डोसेज
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आमतौर पर कितनी मात्रा में जुनिपर खाना चाहिए?
जुनिपर बेरी टिंचर
हर्बल सपेशलिस्ट के अनुसार, इसे दिन में दो से तीन बार 2-3 मि ली लिया जाता है।
जुनिपर बेरी टी
एक चम्मच जुनिपर बेरी की पत्तियों को पानी में ढक कर 20 मिनट तक उबालें।
जुनिपर बेरी एसेंशियल ऑयल
जुनिपर बेरी एसेंशियल ऑयल को ऑयल बर्नर में भांप के रूप में ले सकते हैं। इसे मसाज ऑयल और क्रीम में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। नहाने के पानी में इसकी 6-8 बूंदे मिला सकते हैं।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
जुनिपर किन रूपों में उपलब्ध है?
हर्बल सप्लिमेंट कई खुराक के रूप में उपलब्ध है
- तेल
- जुनिपर बेरी एक्सट्रैक्ट
- जुनिपर टिंचर
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
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