परिचय
अजमोद के पौधे का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सही करने में किया जाता है। इसके फल और बीज को सूखाकर निकाले गए तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका बोटेनिकल नाम पेट्रोसेलिनम क्रिस्पम (Petroselinum crispum) है, जो कि Umbellifers फैमिली से आता है।
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उपयोग
अजमोद का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है?
इन स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए अजमोद (Parsley) का उपयोग किया जाता है:
- मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई)
- फटी हुई त्वचा
- चोटें
- ट्यूमर
- दंश
- कब्ज की शिकायत
- मासिक धर्म की समस्या
- लीवर के रोग
- दमा
- खांसी
- सूजन
अजमोद (Parsley) पर हुए शोध के मुताबिक, इसके अलावा कई और परिस्थियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से पूछें।
अजमोद कैसे काम करता है?
अजमोद (Parsley) भूख को बढ़ाने , पाचन में सुधार, मूत्र उत्पादन बढ़ाने, पेट में ऐंठन को कम करने और मासिक धर्म के प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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सावधानियां और चेतावनी
अजमोद का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
- अगर आप गर्भवती हैं या फिर शिशु को स्तनपान करवा रही हैं तो इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ऐसा इसलिए है कि गर्भावस्था में महिला को खानपान का ध्यान रखना जरूरी है, ऐसे में अगर इसका सेवन किया जाए, तो कई बार यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- अगर आप कोई स्वास्थ्य संबंधी दवाई का सेवन कर रहे हैं तो इसका सेवन करने से बचें।
- अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या दवाई से नुकसान है तो इसका सेवन बिना डॉक्टर के सुझाव के न करें।
- आपका कोई अन्य बीमारी, विकार या कोई चिकित्सीय उपचार चल रहा है तो इसका सेवन न करें।
- यदि आपको किसी तरह के खाने, जानवर या सामान से एलर्जी है तो इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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कितना सुरक्षित है अजमोद का सेवन ?
गर्भावस्था और स्तनपानः
इसपर हुए शोध में इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिरकार गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह सुरक्षित है या नहीं। अगर आप गर्भावस्था और बच्चों को स्तनपान करवा रही हैं तो एक बार इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
सर्जरीः
इसपर हुए शोध के मुताबिक, यह रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए आपने हाल ही में कोई सर्जरी करवाई है तो अजमोद का इस्तेमाल करने से बचिए, क्योंकि सर्जरी के दौरान होने वाली प्रक्रिया में यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले ही इसका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
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अजमोद के साइड इफेक्ट
अजमोद से मुझे किस तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
यहां इसके कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं:
त्वचा पर अजमोद के बीज का तेल लगाने से त्वचा धूप के अतिरिक्त संवेदनशील हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर दाने निकल सकते हैं। इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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अजमोद से जुड़े परस्पर प्रभाव / अजमोद से पड़ने वाले प्रभाव
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
इन दवाओं के साथ अजमोद लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें…
वारफारिन (कैमाडिन):
वारफेरिन दवा का इस्तेमाल रक्त को पतला करने और रक्त के थक्के को धीमा करने के लिए लिया जाता है। वहीं, इसकी पत्ती की मात्रा का अधिक मात्रा में सेवन करना रक्त के थक्के को बढ़ा सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैरफारिन (Warfarin) के साथ अजमोद लेने से रक्त को पतला किया जा सकता है।
एस्पिरिन:
कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है। अजमोद से एलर्जी होने पर एस्पिरिन लेने से यह आपकी संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है अब तक सिर्फ एक व्यक्ति की ही ऐसी रिपोर्ट मिली है। फिर भी सावधानी बरतते हुए आपको इसके साथ एस्पिरिन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने से आपको किसी तरह की परेशानी होती है तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए।
मधुमेह:
यह रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। शरीर में ब्लड शुगर का लेवल ज्यादा कम होने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। इसलिए मधुमेह के दौरान पहले अपने ब्लड शुगर के लेवल की जांच करें, उसके बाद ही इसका इस्तेमाल करिए।
फ्लूइड रिटेंशन (इडेमा):
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका इस्तेमाल करने से यह शरीर से सोडियम को सोख लेता है, जिससे शरीर को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।
हाई ब्लड प्रेशर:
अजमोद का इस्तेमाल करने से आपका ब्लड प्रेशर काफी हाई हो सकता है। इसलिए एक बार इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए।
गुर्दे की बीमारी:
अजमोद पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें कुछ रसायन पाए जाते हैं, जो गुर्दे की बीमारी को और भी ज्यादा गंभीर कर सकते हैं। इसलिए गुर्दे की बीमारी में इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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अजमोद की खुराक
आमतौर पर कितनी मात्रा में अजमोद खाना चाहिए?
अजमोद का उपयोग रोजाना 6 ग्राम किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, टॉक्सिसिटी के कारण आवश्यक तेल का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
अजमोद किस रूप में आता है?
- द्रव अर्क जड़, 1/2 से 1 ड्राम
- द्रव अर्क बीज, 1/2 से 1 ड्राम
- अजमोद कैप्सूल
- अजमोद का तेल
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