के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पेरीकोनड्राइटिस त्वचा का एक इंफेक्शन है, जो कान के बाहरी कार्टिलेज के ऊत्तकों में होता है। पेरीकोनड्राइटिस गंभीर, दोबारा होने वाला और लंबे वक्त तक रह सकता है। इंफेक्शन के अलावा, पेरीकोनड्राइटिस चोट, जलने, कीट के काटने, कान की कार्टिलेज में ईयर पियरसिंग, कान की सर्जरी या कान में फोड़ा होने से हो सकता है। जिन लोगों को इनफ्लेमेटरी डिसऑर्डर्स जैसे पोलयिंगाइटिस (polyangiitis) के साथ ग्रेनुलोमाटोसिस (granulomatosis) होता है, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। डायबिटीज से पीढ़ित लोगों में पेरीकोनड्राइटिस का खतरा रहता है।
पेरीकोनड्राइटिस एक सामान्य समस्या है, जिसके कारणों में विभिन्नता हो सकती है। यदि आप पेरीकोनड्राइटिस को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।
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पेरीकोनड्राइटिस के लक्षण निम्नलिखित हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी पेरिकोनड्राइटिस के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप पेरिकोनड्राइटिस के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।
यदि आपको कान में आघात (स्क्रैच, ब्लो या पियरसिंग) पहुंचता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, इस आघात से कान में दर्द और कान के बाहरी हिस्से में लालिमा पड़ती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें। यदि आपको उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल है तो इसकी विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, पेरीकोनड्राइटिस में हर व्यक्ति की बॉडी अलग प्रकार से प्रक्रिया देती है। आपकी स्थिति के लिए क्या बेहतर रहेगा, इसकी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।
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निम्नलिखित कारणों से आपको पेरीकोनड्राइटिस हो सकता है:
निम्नलिखित कारकों से पेरीकोनड्राइटिस का जोखिम बढ़ता है:
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
निम्नलिखित तरीकों से पेरीकोनड्राइटिस का पता लगाया जाता है:
पेरीकोनड्राइटिस का निदान करना काफी जटिल है। यह कान के ट्रॉमा की हिस्ट्री और संक्रमति हिस्से के आकार पर निर्भर करता है।
शुरुआती चरण में पेरीकोनड्राइटिस सेललुलाइटिस (cellulitis) के समान लगता है। आपका डॉक्टर इस समस्या का पता लगाने के लिए आपके कान की हिस्ट्री के जरिए जोखिमों के कारकों की पहचान कर सकता है। साथ ही वह आपके कान की जांच भी कर सकता है।
संभवतः कान की जांच करते वक्त आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है। डॉक्टर आपके कान को सिकोड़कर पस की जांच कर सकता है। आसपास की त्वचा का फूला हुआ हिस्सा, उसमें जमा हुए पस या कोनड्राइटिस (chondritis) की तरफ इशारा करता है।
यदि आपको कई बार पेरीकोनड्राइटिस हुआ है तो आपका डॉक्टर आपको रयूमेटोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपको ऑटो इम्यून डिजीज तो नहीं है।
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको पेरीकोनड्राइटिस में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
इस प्रकार के संक्रमण को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप कान के कार्टिलेज में पियर्सिंग न कराएं। कार्टिलेज में पियर्सिंग कराने की लोकप्रियता के जोर पकड़ने से पेरीकोनड्राइटिस और कोनड्राइटिस के मामलों में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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