backup og meta

Perichondritis: पेरीकोनड्राइटिस क्या है?

Perichondritis: पेरीकोनड्राइटिस क्या है?

परिचय

पेरीकोनड्राइटिस (Perichondritis) क्या है?

पेरीकोनड्राइटिस त्वचा का एक इंफेक्शन है, जो कान के बाहरी कार्टिलेज के ऊत्तकों में होता है। पेरीकोनड्राइटिस गंभीर, दोबारा होने वाला और लंबे वक्त तक रह सकता है। इंफेक्शन के अलावा, पेरीकोनड्राइटिस चोट, जलने, कीट के काटने, कान की कार्टिलेज में ईयर पियरसिंग, कान की सर्जरी या कान में फोड़ा होने से हो सकता है। जिन लोगों को इनफ्लेमेटरी डिसऑर्डर्स जैसे पोलयिंगाइटिस (polyangiitis) के साथ ग्रेनुलोमाटोसिस (granulomatosis) होता है, उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। डायबिटीज से पीढ़ित लोगों में पेरीकोनड्राइटिस का खतरा रहता है।

पेरीकोनड्राइटिस होना कितना सामान्य है?

पेरीकोनड्राइटिस एक सामान्य समस्या है, जिसके कारणों में विभिन्नता हो सकती है। यदि आप पेरीकोनड्राइटिस को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः Pick’s Disease: पिक्स डिजीज क्या है?

लक्षण

पेरीकोनड्राइटिस के क्या लक्षण हैं?

पेरीकोनड्राइटिस के लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लालिमा, दर्द और ओरिकल (auricle) बुखार की सूजन।
  • कान के कार्टिलेज और संयोजी ऊत्तकों की परत के बीच में पस इक्कट्ठा होना।
  • डिफॉर्म्ड ईयर (कॉलीफ्लावर ईयर), यह स्थिति जब पैदा होती है तब पस कार्टिलेज को होने वाली ब्लड सप्लाई को रोक देता है, उसे खत्म कर देता है। इससे आपको कॉलीफ्लावर ईयर की समस्या होती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जब कान डिफॉर्म्ड हो जाता है।
  • पेरीकोनड्राइटिस में आपको बुखार भी आ सकता है।

उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी पेरिकोनड्राइटिस के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप पेरिकोनड्राइटिस के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको कान में आघात (स्क्रैच, ब्लो या पियरसिंग) पहुंचता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त, इस आघात से कान में दर्द और कान के बाहरी हिस्से में लालिमा पड़ती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें। यदि आपको उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल है तो इसकी विस्तृत जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, पेरीकोनड्राइटिस में हर व्यक्ति की बॉडी अलग प्रकार से प्रक्रिया देती है। आपकी स्थिति के लिए क्या बेहतर रहेगा, इसकी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा।

यह भी पढ़ेंः Bursitis (trochanteric): बर्साइटिस (ट्रोचेनटेरिक) क्या है?

कारण

पेरीकोनड्राइटिस के क्या कारण हैं?

  • कार्टिलेज मोटे ऊत्तक होते हैं, जो नाक और कान की बाहरी परत का निर्माण करते हैं। सभी कार्टिलेज की परत पतले ऊत्तकों से मिलकर बनी होती है। इन्हें पेरीकोनड्राइअम कहा जाता है।

निम्नलिखित कारणों से आपको पेरीकोनड्राइटिस हो सकता है:

जोखिम

किन कारकों से मुझे पेरीकोनड्राइटिस होने का खतर बढ़ता है?

निम्नलिखित कारकों से पेरीकोनड्राइटिस का जोखिम बढ़ता है:

  • चोट
  • कीट का काटना
  • कार्टिलेज में ईयर पियर्सिंग
  • कान की सर्जरी
  • कान पर फोड़ा, जिससे पेरीकोनड्राइटिस होता है।
  • सर्जरी, जलने और एक्युपंक्चर से इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
  • इनफ्लेमेटरी डिसऑर्डर्स जैसे पोलयिंगाइटिस (polyangiitis) के साथ ग्रेनुलोमाटोसिस (granulomatosis) होने से पेरीकोनड्राइटिस का खतरा बढ़ता है। यह समस्याएं हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर देती हैं।
  • डायबिटीज से पीढ़ित लोगों में इस समस्या का खतरा रहता है।

यह भी पढ़ेंः Macular Degeneration : मैक्युलर डीजेनेरेशन क्या है?

उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

पेरीकोनड्राइटिस का निदान कैसे किया जाता है?

निम्नलिखित तरीकों से पेरीकोनड्राइटिस का पता लगाया जाता है:

पेरीकोनड्राइटिस का निदान करना काफी जटिल है। यह कान के ट्रॉमा की हिस्ट्री और संक्रमति हिस्से के आकार पर निर्भर करता है।

शुरुआती चरण में पेरीकोनड्राइटिस सेललुलाइटिस (cellulitis) के समान लगता है। आपका डॉक्टर इस समस्या का पता लगाने के लिए आपके कान की हिस्ट्री के जरिए जोखिमों के कारकों की पहचान कर सकता है। साथ ही वह आपके कान की जांच भी कर सकता है।

संभवतः कान की जांच करते वक्त आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है। डॉक्टर आपके कान को सिकोड़कर पस की जांच कर सकता है। आसपास की त्वचा का फूला हुआ हिस्सा, उसमें जमा हुए पस या कोनड्राइटिस (chondritis) की तरफ इशारा करता है।

यदि आपको कई बार पेरीकोनड्राइटिस हुआ है तो आपका डॉक्टर आपको रयूमेटोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपको ऑटो इम्यून डिजीज तो नहीं है।

यह भी पढ़ें: Abdominal migraine : एब्डॉमिनल माइग्रेन क्या है?

पेरीकोनड्राइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?

  • पेरीकोनड्राइटिस का इलाज आपकी शारीरिक जांच पर निर्भर करेगा। यदि डॉक्टर को एब्सेस का शक होता है, तो वह पस को बाहर निकालने के लिए उस हिस्से में एक छोटा सा चीरा लगा सकता है। चीरा लगाने के बाद आपका डॉक्टर इसमें एंटीबायोटिक दवा लगाने के बाद इसमें टांके लगा देगा। यदि आपको टांके लगाए जाते हैं तो पुनः जांच के लिए डॉक्टर आपको बुला सकता है। इस दौरान घाव को भरने के लिए इलाज के उचित तरीके अपनाए जा सकते हैं। यदि इस पर पैकिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है तो वह पस निकालने के बाद तुरंत इसमें टांका लगा देगा।
  • पस की मौजूदगी के बावजूद डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन की सलाह दे सकता है। लिवाक्विन (लिवोफ्लॉक्सासिन) (Levaquin) (levofloxacin) एक सामान्य फ्लूरोक्विनालोन एंटीबायोटिक दवा है, जो पेरीकोनड्राइटिस में इस्तेमाल की जाती है। हालांकि, यदि आपको जल्दी रिकवरी देने के लिए दूसरी एंटीबायोटिक दवा जैसे टोब्रामायिसन (tobramycin) भी दी जा सकती है। यह दवाइयां आपको दी जाएंगी या नहीं, यह इंफेक्शन की गंभीरता पर निर्भर करता है। यह एंटीबायोटिक दवाइयां आपको मौखिक या इंजेक्शन के जरिए दी जा सकती हैं।
  • ऑटो इम्यून पेरीकोनड्राइटिस में स्टेरॉयड दवाओं जैसे प्रिडनिसोन (prednisone) का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इम्यून सिस्टम पर दबाव डाला जा सके। इससे इम्यून सिस्टम को कार्टिलेज और शरीर के अन्य हिस्सों पर हमला करने से रोक दिया जाता है। इलाज शुरू करने के बाद भी आपका डॉक्टर आपको रयूमेटोलॉजिस्ट के पास ऑटो इम्यून बीमारी के संबंध में अतिरिक्त जांच के लिए भेज सकता है।
यह भी पढ़ें: Abrasion : खरोंच क्या है?

घरेलू उपचार

जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे पेरीकोनड्राइटिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको पेरीकोनड्राइटिस में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:

इस प्रकार के संक्रमण को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप कान के कार्टिलेज में पियर्सिंग न कराएं। कार्टिलेज में पियर्सिंग कराने की लोकप्रियता के जोर पकड़ने से पेरीकोनड्राइटिस और कोनड्राइटिस के मामलों में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है।

इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

[mc4wp_form id=’183492″]

हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

और पढ़ें:-

Achilles Tendon Rupture : अकिलिस टेंडन रप्चर क्या है?

ACL Knee Injury: घुटने की एसीएल चोट क्या है?

Acanthosis nigricans : एकैंथोसिस निगरिकन्स क्या है?

Achalasia : एकैल्शिया क्या है?

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Perichondritis. https://medlineplus.gov/ency/article/001253.htm Accessed 04th Feb, 2020

Perichondritis. https://www.verywellhealth.com/what-is-perichondritis-1191962 Accessed 04th Feb, 2020

Acute atraumatic pinna (auricular) perichondritis. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5847504/. Accessed 04th Feb, 2020

Perichondritis of the Auricle. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/7464403/. Accessed 04th Feb, 2020

Current Version

21/05/2020

Sunil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Ankita mishra


संबंधित पोस्ट

स्मोकिंग है गले की बीमारियों का मुख्य कारण, जानें कैसे बच सकते हैं आप इनसे

Tracheal Deviation: विंडपाइप की ये समस्या कुछ ऐसे होती है शुरू!


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/05/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement