सांस लेने के दौरान जब नथुने (nostrils) फूल जाते हैं या चौड़े हो जाते हैं तो इसे नेजल फ्लेरिंग कहा जाता। यह इस बात का संकेत है कि व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। यह परेशानी शिशुओं और बच्चों में सामान्य है। नेजल फ्लेरिंग के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें ज्यादातर सीरियस नहीं होते, लेकिन कुछ मामलों में यह शिशुओं में रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस (respiratory distress) का कारण बन सकती है। यह फेफड़ों से जुड़ी गभीर स्थिति है जिसमें फेफड़ों और ब्लड तक पर्याप्त ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाती। जिससे शिशु की मौत तक हो सकती है। इसलिए अगर शिशुओं में इस प्रकार का लक्षण दिखे तो तुरंत डाॅक्टरी सलाह लेना चाहिए। इस आर्टिकल में इस नोज कंडिशन के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है। सबसे पहले जान लेते हैं कि यह स्थिति बनती कैसे है?
[mc4wp_form id=’183492″]
नेलज फ्लेरिंग के कारण क्या हो सकते हैं? (causes of nasal flaring)
नेजल फ्लेरिंग कुछ स्थितियों के कारण हो सकती है। जिसमें अस्थाई बीमारियों से लेकर लंबे समय से जारी हेल्थ कंडिशन्स शामिल हैं। किसी एक्सीडेंट के कारण भी यह परेशानी हो सकती है। हाई इंटेंसिटी वर्कआउट के बाद भी ऐसा हो सकता है। आपको बता दें कि जब इंसान आराम से सामान्य तौर पर सांस लेता है तो नेजल फ्लेरिंग नहीं होती है। नेजल फ्लेरिंग के कुछ प्रमुख कारण निम्न हैं।
अस्थमा (Asthma)
नेजल फ्लेरिंग उन लोगों में कॉमन है जो एक्यूट अस्थमा (Acute asthma) के शिकार हैं। उनमे फ्लेरिंग के साथ ही अस्थमा के कुछ कॉमन लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। जो निम्न हैं।
- चेस्ट का टाइट होना
- सांस लेने में परेशानी
- सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आना
और पढ़ें: नाक में पिंपल बन सकता है कई बीमारियों का कारण, कैसे पाएं इससे निजात?
बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन (Bacterial and viral infections) भी हो सकता है नेजल फ्लेरिंग का कारण
सीवियर इंफेक्शन जैसे कि फ्लू (Flu) होने पर आप नेजल फ्लेरिंग का होना नोटिस कर सकते हैं। यह उन लोगों में बेहद आम है जिन्हें सीरियस रेस्पायरेटरी इंफेक्शन जैसे कि निमोनिया (Pneumonia) और ब्रोंकियोलाइटिस (bronchiolitis) होता है। बच्चों में होने वाली नेजल फ्लेरिंग एक और सामान्य कारण है क्रुप (Croup)। जिसमें कंठ नली (larynx) और श्वासनली (trachea) में सूजन आ जाती है।
एयरवे ऑब्स्ट्रक्शन्स (Airway obstructions) से हो सकती है नेजल फ्लेरिंग
अगर आपके नाक, मुंह या गले के आसपास का एयर पैसेज ब्लॉक है तो आपको सांस लेने में परेशानी होगी जो कि नेजल फ्लेरिंग का कारण बन सकता है। यह भी नेजल फ्लेरिंग का एक सामान्य कारण है।
और पढ़ें: Broken Nose : नाक में फ्रैक्चर क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार
एपिग्लोटाइटिस (Epiglottitis) और नेजल फ्लेरिंग
एपिग्लोटाइटिस ट्रेकिया (Trachea) को कवर करने वाले टिशूज पर होने वाला इंफ्लामेशन है। अब यह बहुत रेयर है क्योंकि ज्यादातर लोग एच इंफ्लुएंजा टाइप बी (H. influenzae type B) का टीका लगवा लेते हैं। यह बीमारी ज्यादातर 2-6 साल तक के बच्चों को प्रभावित करती है। वयस्कों को यह बीमारी होना दुलर्भ है, लेकिन नेजल फ्लेरिंग का यह भी एक कारण है।
नेजल फ्लेरिंग (Nasal Flaring) का कारण हो सकता है ये भी
यह थोड़े समय के लिए होने वाली कंडिशन है, जिसमें रनिंग जैसी कोई एक्ससाइज करने पर फेफड़ों को अधिक एयर की जरूरत होती है और वे एयर से भर जाते हैं। इस दौरान होने वाली नेजल फ्लेरिंग कुछ मिनटों में ठीक हो जाना चाहिए और इसको किसी प्रकार के ट्रीटमेंट्स की आवश्यकता नहीं होती।
और पढ़ें: Foreign object in nose : नाक में कुछ फंस जाना क्या है?
नेजल फ्लेरिंग का पता कैसे लगाया जा सकता है? (Diagnosing the cause of nasal flaring)
नेजल फ्लेरिंग (nasal flaring) ज्यादातर किसी बड़ी बीमारी या तकलीफ का संकेत हो सकती है। इस समस्या का इलाज घर पर नहीं किया जा सकता। इसलिए बच्चे को या खुद को किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी प्रकार के इनहेलर या दवा का उपयोग ना करें। जब आप डॉक्टर के पास जाएंगे तो डॉक्टर इस कंडिशन के बारे में पता लगाने के लिए कुछ सवाल करेगा। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- नेजल फ्लेरिंग कबसे शुरू हुई?
- क्या अब तकलीफ कम हुई या बढ़ी है?
- नेजल फ्लेरिंग के साथ क्या आपको दूसरे लक्षण भी महसूस करते हैं जैसे थकान, उनींदापन और पसीना आना
- अगर सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आ रही है तो डॉक्टर इसकी भी जांच करेंगे।
- डॉक्टर नीचे बताए गए किसी एक या इससे ज्यादा टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है:
कंप्लीट ब्लड काउंट (Complete blood count) यह टेस्ट (सीबीसी ) किसी प्रकार के इंफेक्शन को चेक करने के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम electrocardiogram (EKG) ये टेस्ट यह देखने के लिए कि मरीज का हृदय ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
चेस्ट एक्स रे (chest X-rays) यह इंफेक्शन या किसी प्रकार के डैमेज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
आर्टियल ब्लड गैस (arterial blood gas) यह ये पता लगाने के लिए किया जाता है कि मरीज के ब्लड में कितनी ऑक्सिजन और कार्बनडाइऑक्साइड है।
अगर ब्रीदिंग से जुड़ी कोई गंभीर परेशानी है तो डॉक्टर आपको सप्लिमेंटल ऑक्सिजन दे सकते हैं।
और पढ़ें: Allergy Rhinitis: नाक में एलर्जी की समस्या का घरेलू इलाज क्या है?
नेजल फ्लेरिंग का उपचार कैसे किया जाता है? (treatment for nasal flaring)
अगर डॉक्टर के परीक्षण के बाद नेजल फ्लेरिंग का कारण अस्थमा पता चलता है तो मरीज का ट्रीटमेंट अटैक की गंभीरता के आधार पर किया जाता है। मरीज को अस्थमा का इलाज करने वाले किसी स्पेशलिस्ट के पास जाने के लिए भी कहा जा सकता है। आपका आगे चलने वाला ट्रीटमेंट इस पर निर्भर होगा कि मरीज के लक्षण किस प्रकार मैनेज हो रहे हैं। अस्थमा के लक्षणों को एक डायरी में लिखना जो इसे ट्रिगर करते हैं इसको मैनेज करने का आसान तरीका साबित हो सकता है। वायुमार्ग की सूजन से राहत देने के लिए इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Inhaled corticosteroids) सबसे आम अस्थमा उपचार है। डॉक्टर क्विक रिलीफ इनहेलर भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं जो अटैक में तुरंत आराम पहुंचाएगा।
मरीज के उपचार में नेब्युलाइजर (Nebulizers) भी शामिल हो सकता है जिसमें लिक्विड मेडिकेशन को मिस्ट (Mist) में बदल दिया जाता है और उसे बाद में इनहेल किया जाता है। इनहेलर से मेडिकेशन डिलिवर होने में 5 मिनट का समय लगता है।
और पढ़ें: 10 अजीब चीजें जो बच्चे नाक में डालते हैं
नेलज फ्लेरिंग से जुड़े रिस्क क्या हैं?
नेलज फ्लेरिंग सांस लेने में परेशानी होना का संकेत और वायुमार्ग के प्रतिरोध को कम करने के लिए नाक को चौड़ा करने का प्रयास है। ज्यादातर केस में इलाज ना होने पर स्थितियां बिगड़ सकती हैं। नेजल फ्लेरिंग बच्चों में गंभीर हो सकती है और उन्हें इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत भी पड़ सकती है। नेजल फ्लेरिंग के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं या इनहेलर्स से किसी प्रकार के परिणाम दिखाई नहीं देते। इसलिए इसका उपचार जल्द से जल्द कराना बेहतर होगा।
बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के लिए इन बातों का रखें ख्याल
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि नेजल फ्लेरिंग समस्या बच्चों में आम होती है। इसके अलावा भी कुछ इंफेक्शन हैं जो छोटे बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं। बच्चों को उनसे बचाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें।
- अगर कोई बच्चों को छू रहा है या खिला रहा है तो उसे हाथ धोने के लिए जरूर कहें
- हाथ धोने के लिए एल्कोहॉल बेस्ड हेंड सैनिटाइजर का उपयोग करें
- बच्चों की केयर करने वाले सभी केयरगिवर्स को हर जरूरी वैक्सीन लगी हो यह सुनिश्चित करें अन्यथा वे बच्चों को बीमारी दे सकते हैं
- अगर घर में कोई बीमार है तो उससे बच्चों को दूर रखें
- बच्चे को समय-समय पर ब्रेस्टफीड कराएं
- बहुत छोटे बच्चे को जब तक डॉक्टर ना कहे पब्लिक प्लेस में ना लेकर जाएं
- बच्चे को समय-समय पर बच्चों के डॉक्टर के पास ले जाएं।
इस बातों का ध्यान रखकर आप बच्चे को इंफेक्शन से बचा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और नेजल फ्लेरिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।