कंठ चक्र को नीले रंग का माना जाता है। इसलिए यदि आप नीले और बैंगनी रंग के फल व सब्जियों का सेवन करें तो यह आपके गले के चक्र के लिए लाभकारी हो सकते हैं। बैंगन, जामुन, ब्लूबेरी आदि का सेवन कंठ चक्र के उपचार के लिए लाभदायक हो सकता है। ब्राउन राइस, साबुत अनाज भी चक्र के लिए गले के चक्र के लिए अच्छा है। गले के चक्र को ठीक करने के लिए नमक, लेमनग्रास या अदरक आदि को भी डायट में एड किया जा सकता है।
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योगा से करें थ्रोट चक्र को जाग्रत
योगा के आसनों से भी आप गले का चक्र जाग्रत कर सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से योगासन करें और कैसे करें।
सर्वांगासन (Sarvangasana)
यह आसन फेफड़ों में ऑक्सीजन और रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। बेहतर रक्त परिसंचरण के कारण पाचन तंत्र में सुधार होता है।
सर्वांगासन करने की विधि
योगा मेट या दरी में शवासन की पुजिशन में लेट जाएं। अब दोनों पैरों को श्वास छोड़ते हुए ऊपर की ओर 90 डिग्री पर लाएं। दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए हाथों की हथेली से कमर को असमान की तरफ यानी 180 डिग्री पर ले जाना है। इस पुजिशन में शरीर का पूरा भार आपके कंधों पर आना चाहिए। इस पुजिशन से विशुद्धि चक्र जाग्रत होता है। अब अवस्था में 30 सेकेंड से 2 मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे शवासन की पुजिशन पर वापस आएं।
सर्वांगासन करते समय शरीर को बिलकुल सीधा रखें। शरीर का संतुलन न बिगड़ने दें। यदि गर्दन या हाय ब्लड प्रेशर या हार्ट से संबंधित कोई समस्या हो तो न करें। सबसे उत्तम है कि किसी योगा विशेषज्ञ से सलाह लें व उसकी निगरानी में ही करें।
हल की मुद्रा हलासन (Halasana)
यह आसन तंत्रिका तंत्र को शांत करने में प्रभावी है। हलासन का अभ्यास करने से तनाव, थकान, सिर दर्द में कमी देखी जा सकती है। यह आसन थायरॉयड ग्रंथि और पेट के अंगों को उत्तेजित करके गले के चक्र में रुकावट को दूर करता है।
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