एक्सरसाइज करना सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन कभी-कभी सिर्फ आराम करना भी जरूरी होता है। उदाहरण के लिए अगर लगातार छींकें आ रही है, खांसी ने परेशान किया हुआ है और कई दिनों से कोल्ड और फ्लू (Cold and Flu) है या फिर आप ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का सामना कर रहे हैं। इन सभी कंडिशन्स में आपको अपने एक्सरसाइज रूटीन को एडजस्ट करना होगा। अगर एक्यूट ब्रोंकाइटिस है तो यह एक टेम्परेरी कंडिशन है, जिसमें आपको आराम करना होगा और एक्सरसाइज को बंद करना होगा। वहीं क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज (Exercise with Bronchitis) की जा सकती हैं, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर। क्योंकि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस लंबे समय तक चलने वाली कंडिशन है।
ब्रोंकाइटिस क्या है? (Bronchitis)
अगर साधारण भाषा में समझा जाए तो ब्रोंकाइटिस लोअर रेस्पिरेटरी सिस्टम में होने वाली सूजन या इंफ्लामेशन है। ज्यादातर लोगों में इसकी शुरुआत साधारण कोल्ड और बहती नाक और गले में खराश से होती है। कुछ दिनों के बाद इससे चेस्ट प्रभावित होने लगता है और बाद में ये एयरवेज में सूजन का कारण बनती है। ये एयरवेज हवा को लंग्स तक ले जाने का काम करती है। इसलिए इंफेक्शन होने पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। 90 प्रतिशत मामलों में एक्यूट ब्रोंकाइटिक का कारण वायरस इंफेक्शन होता है। इसके अलावा निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
- खांसी के साथ कफ आना
- सीने में दर्द का अनुभव
- थकान का एहसास होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- गले में खराश होना
- सिर में दर्द
- सोने में परेशानी होना
- खांसी की वजह से पसलियों में दर्द होना
ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) दो प्रकार का होता है।
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एक्यूट ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis)
एक्यूट ब्रोंकाइटिस के लक्षण 3 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। इसके लिए एंटीबॉयोटिक्स की जरूरत नहीं होती है। यह ज्यादातर वायरस के कारण होता है, लेकिन कभी-कभी बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण भी हो सकता है। कभी-कभी ड्राय कफ की समस्या होने पर यह तीन हफ्ते तक परेशान कर सकता है।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis)
इसके लक्षण भी एक्यूट ब्रोंकाइटिस की तरह ही होते हैं। यह क्रोनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज का एक प्रकार है। यह तीन महीने तक चल सकता है। कई बार सालों तक लोग इससे परेशान रहते हैं। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस का कारण सिगरेट, एनवॉयमेंटल टॉक्सिन और एयर पॉल्यूशन हो सकता है।
ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज (Exercise with Bronchitis)
अगर आपके लक्षण साधारण है जैसे कि आपको नाक बहने की समस्या, आंखों से पानी आना, नाक बंद होना जैसी समस्याएं हैं तो आप एक्सरसाइज कर सकते हैं, लेकिन रनिंग और डांसिंग को अवॉयड करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि आप पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहे। ऐसे में डिहायड्रेशन की शिकायत आपके लक्षणों को बिगाड़ सकती है। इससे बॉडी की इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रभावित होती है, लेकिन अगर ब्रोंकाइटिस के लक्षण सीने तक पहुंच चुके हैं जैसे कि आपको सांस लेने में तकलीफ, हल्का बुखार और अत्यधिक थकान जैसे परेशानियां हो रही हैं तो आपको जिम जाने या एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है। जैसे ही लक्षण कम होते हैं फिर से एक्सरसाइज करना शुरू किया जा सकता है। पूरी तरह ठीक होने के बाद भी शुरुआत कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट्स से करें। थोड़े दिनों तक स्वीमिंग को अवॉयड करें।
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ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज (Exercise with Bronchitis) कौन सी करनी चाहिए?
ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज कौन सी की जानी चाहिए और कौन सी नहीं हर व्यक्ति पर डिपेंड करता है। जिसमें आप कंफर्टेबल फील करें वह एक्सरसाइज ब्रोंकाइटिस में की जा सकती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि ब्रोंकाइटिस में कसरत करते वक्त आप अपने जर्म्स को दूसरे में ट्रांसफर तो नहीं कर रहे। यहां हम कुछ ऐसी एक्सरसाइज बता रहे हैं जो आपकी चेस्ट मसल्स को स्ट्रेंथ देने के साथ ही कॉर्डियोवैस्कुल एबलिटीज में सुधार करती है। ताकि ब्रीदिंग आसान हो जाए और एयरवेज को ओपन होने में मदद मिल सके। निम्न एक्सरसाइजेस क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में राहत प्रदान कर सकती हैं।
ब्रोंकाइटिस में योगा है बेस्ट (Yoga for Bronchitis)
योगा में की जाने वाली जेंटल स्ट्रेचिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज पूरी बॉडी को स्ट्रेंथ देने के लिए काफी है। यह चेस्ट मसल्स और रेस्पिरेटरी मसल्स के दूसरे हिस्सों को भी मजबूत करने का काम करता है। आप सूर्यनमस्कार और प्राणायाम कर सकते हैं।
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ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो करें स्वीमिंग ( Swimming in Bronchitis)
स्वीमिंग पूल के अंदर मौजूद गर्म और नमी युक्त हवा ब्रीदिंग को आसान बना सकती है। इसके साथ ही यह अच्छा कार्डियोवैस्कुल वर्कआउट है जो लंग कैपेसिटी को बढ़ाने का काम करती है। वैसे तो स्वीमिंग बॉडी की सभी मसल्स को मजबूत बनाने में मददगार है। स्वीमिंग के साथ आप अपने फेस को पानी से टच किए बिना वाटर ऐरोबिक और वाटर बेस्ड एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। स्वीमिंग करने से पहले ये सुनिश्चित करें कि वे क्लीन और हवादार हों। पूल बंद होने पर वहां पर एयरफ्लो नहीं होता जिसकी वजह से उस एरिया में क्लोरोमाइंस chloramines का लेवल अधिक होता है। जो कई लोगों के लिए ब्रीदिंग प्रॉब्लम का कारण बन सकता है।
ब्रोंकाइटिस में कसरत (Exercise in Bronchitis) करना चाहते हैं तो करें वॉक
वॉकिंग के जरिए आपको ना केवल फ्रेश एयर मिलती है ब्लकि यह एयरवेज को ओपन करने में भी मदद करती है। वॉक करने से सांस लेने की क्षमता में भी सुधार होता है। सुबह या शाम किसी भी समय आप वॉक कर सकते हैं। हालांकि मॉर्निंग वॉक के फायदे अधिक है, लेकिन अगर सुबह उठना मुश्किल लगता है तो शाम को वॉक कर सकते हैं।
साइकलिंग भी है बेहद लाभदायक (Cycling in Bronchitis)
स्विमिंग और वॉकिंग की तरह ही साइकलिंग के भी कई कार्डियोवैस्कुलर फायदे हैं। यह जॉइंट के लिए बेहद फायदेमंद है। लोअर बॉडी एंड्यूरेंस का निमार्ण फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए फिजिकल थेरपी प्रोग्राम का जरूरी हिस्सा है और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस का सामना करने वाले लोगों को बड़ा लाभ दे सकता है।
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ब्रोंकाइटिस में कसरत के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज करते वक्त अगर सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, सीने में दर्द या छींक आना जैसी परेशानियां महसूस हो तो एक्सरसाइज बंद कर देना चाहिए।
- अगर आपके लक्षण लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें कि ऐसे में आपकी कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए और कौन सी नहीं।
- ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज करते वक्त अपनी बॉडी के संकेतों को समझें, अगर असजता का एहसास होता है तो एक्सरसाइज बंद कर दें।
- एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्म कर लें ताकि आपकी ब्रीदिंग रेगुलेट हो सके। साथ ही टाइट मसल्स को स्ट्रेच जरूर करें।
उम्मीद करते हैं कि ब्रोंकाइटिस में एक्सरसाइज करना चाहिए या नहीं और अगर करनी चाहिए तो कौन सी इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।