परिचय
केमिकल निमोनिया क्या है?
केमिकल निमोनिया को एस्पिरशन (aspiration) निमोनिया के नाम से भी जाना जाता है। यह फेफड़ों की बीमारी है जो सामान्यतया बैक्टीरिया और वायरस के कारण होती है। केमिकल निमोनिया में किसी जहरीली और अन्य केमिकल को सांस के माध्यम से शरीर के अंदर लेने से फेफड़ों में सूजन या सांस लेने में परेशानी होती है। बहुत ही कम प्रतिशत निमोनिया केमिकल के कारण होता है। यह बीमारी गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है।
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परिचय
केमिकल निमोनिया के कारण हैं?
कुछ केमिकल फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन, कुछ जहरीले तत्व अन्य अंगों पर भी अपना प्रभाव डाल सकते हैं। इसके साथ ही यह अंगों के खराब करने से यह केमिकल सेहत ही मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं। घर या बाहर में प्रयोग होने वाले कई केमिकल निमोनिया का कारण हो सकते हैं। कुछ हानिकारक पदार्थ जिन्हें अंदर लेना हानिकारक हो सकता है वो इस प्रकार हैं:
- क्लोरीन गैस
- अनाज और उर्वरक की धूल
- कीटनाशकों से निकला हानिकारक धुआं
- धुआँ (घर की आग और जंगल की आग से)
- पेट और मुंह के बैक्टीरिया भी केमिकल निमोनिया का कारण बन सकते हैं।
एस्पिरशनकेमिकल निमोनिया का कारण बन सकता है। एस्पिरशन का मतलब है कि आप अपने फेफड़ों में ओरल स्राव या पेट की सामग्री को सांस के माध्यम से अंदर लेते हैं।
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लक्षण
केमिकल निमोनिया के लक्षण क्या है?
केमिकल निमोनिया के लक्षण बहुत भिन्न होते हैं और कई कारक इसकी गंभीरता को निर्धारित कर सकते हैं। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं।
- सांस लेने में समस्या,
- सांस लेते हुए सांस की अधिक आवाज आना,
- खांसी आना,
- सीने में असामान्य सनसनी (संभवतः जलन)
- आंखों, गले, नाक में जलन
- साफ, पीला या हरा कफ
- पेट में दर्द,
- चक्कर आना,
- सीने में जलन,
- सिरदर्द,
- फ्लू जैसे लक्षण,
- कमजोरी।
इसके गंभीर लक्षण इस प्रकार हैं-
- तेजी से साँस लेना (tachypnea)
- थोड़ी सी एक्सरसाइज करने के बाद सांस की कमी होना या सांस न आना।
डॉक्टर आप में इन लक्षणों को नोटिस कर सकते हैं
- तीव्र सांस
- तेज पल्स
- ओरल, नेसल या त्वचा बर्न
- पीली त्वचा और होंठ
- पसीना आना
- सोचने की क्षमता में परिवर्तन
- बेहोशी
- आंखों और जीभ पर सूजन
- कर्कश या फफकती हुई आवाज
- शरीर के अन्य अंगों से आने वाली कैमिकल गंध
लक्षणों की गंभीरता को निर्धारित करने वाले कारक इस प्रकार हैं:
- केमिकल का प्रकार और स्ट्रेंथ
- बाहरी वातावरण- घर के बाहर, अंदर, गर्म, ठंडा
- एक्सपोजर का समय – सेकंड, मिनट, घंटे
- केमिकल का रूप-गैस, वाष्प, कण, तरल
- सुरक्षात्मक उपायों का इस्तेमाल किया
- पहले की मेडिकल कंडीशन
- आपकी उम्र
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निदान
- सबसे पहले डॉक्टर केमिकल निमोनिया के लक्षणों को समझकर ही बीमारी का पता लगाते हैं। कई बार गंभीर लक्षणों को लाइफ-सेविंग- प्रक्रिया की आवश्यकता पड़ सकती है जैसे कृत्रिम वेंटिलेशन, एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट, या जटिल चिकित्सा थेरेपी।
- डॉक्टर इस बात का भी पूरा ध्यान रखें कि उनका स्टाफ रोगी से केमिकल निमोनिया से ग्रस्त न हो।
- उसके बाद वो केमिकल का पता लगाएंगे और इस रसायन के फेफड़ों और शरीर के बाकी हिस्सों पर प्रभाव पर विचार करेंगे।
इस रोग का निदान और उपचार इसके लक्षणों आदि पर निर्भर करता है। निम्नलिखित टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि फेफड़े कितने गंभीर रूप से प्रभावित हैं:
- ब्लड गैसेस (आपके रक्त में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कितनी है)
- छाती का CT स्कैन
- लंग फंक्शन टेस्ट
- छाती का एक्स-रे (X-ray)
कभी गंभीर संकेतों और लक्षणों जीवन-रक्षक प्रक्रियाओं की आवश्यकता होती है, जैसे कि कृत्रिम वेंटिलेशन जैसे आर्टिफीसियल कार्डियक लाइफ सपोर्ट, या काम्प्लेक्स मेडिकल थेरेपी।
उपचार
अगर आपको केमिकल न्यूमोनाइटिस है, तो आपके डॉक्टर आपको फेफड़ों के लिए हानिकारक एलर्जेन या केमिकल से दूर रहने की सलाह देंगे। इस कदम से आपके लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी। केमिकल निमोनिया का उपचार सूजन के कारण को उलटने और लक्षणों को कम करने पर केंद्रित है। इसमें आपको निम्नलिखित उपचार की सलाह दी जा सकती है:
न्यूमोनाइटिस के गंभीर मामले, उपचार में ये भी शामिल हो सकते हैं:
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स : ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधरती है और फेफड़ों में सूजन को कम करती हैं। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स को आमतौर पर एक गोली के रूप में लिया जाता है।
ऑक्सीजन थेरेपी: यदि आपको सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही है, तो आपको मास्क के साथ ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। कुछ लोगों को लगातार ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता होती है, जबकि कई लोगों को केवल व्यायाम या नींद के दौरान इसकी आवश्यकता हो सकती है।
एंटीबायोटिक्स: आमतौर पर एंटीबायोटिक्स इस रोग में सहायक या आवश्यक नहीं होते हैं, जब तक कि संक्रमण सेकेंडरी न हो। ऑक्सीजन थेरेपी मददगार हो सकती है। गंभीर मामलों में, पेट में एक फीडिंग ट्यूब की जरूरत होती है।
बचाव
- घरेलू केमिकलों (chemical) का उपयोग निर्देशित और हमेशा अच्छी तरह हवादार क्षेत्रों में करें। इनमे अमोनिया और ब्लीच को कभी न मिलाएं।
- सांस लेने के मास्क के लिए कार्यस्थल के नियमों का पालन करें और सही मास्क पहनें। जो लोग आग के पास काम करते हैं, उन्हें धुएं या गैस (Gas) के संपर्क में काम करते हुए सभी सेफ्टी प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें ताकि आपको कोई हानि न हो।
- किसी को भी खनिज तेल का प्रयोग करते हुए सावधान रहें जो (बच्चों या बूढ़े लोगों) को चोक कर सकता है।
- भोजन करते समय बैठें और खाने के तुरंत बाद लेट न जाएँ।
- गैस, केरोसीन या अन्य जहरीले तरल रसायनों को सावधानी से प्रयोग में लाएं।
- किसी भी केमिकल या केमिकल वाली जगह से दूर रहे या अगर आपको पता चले कि किसी जगह पर केमिकल है तो वहां से तुरंत बाहर चले जाएं। दूसरे लोगों को भी वहां जाने से रोकें। उस जगह से दूर जाने के बाद आप अपने कपडे उतार दें और नहाएं ताकि आपके शरीर को इससे कोई नुकसान न हो।
- भविष्य में किसी भी समस्या से बचने के लिए उचित अधिकारियों को केमिकल को लेकर सतर्क कर दें।
- चिकित्सा मूल्यांकन में स्थानीय पुलिस, अग्निशमन विभाग, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं (ईएमएस) और खतरनाक सामग्री कर्मी शामिल हो सकते हैं।
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