जानिए जरूरी बातें:
सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) क्या है?
सिजोफ्रेनिया एक पुरानी मानसिक बीमारी है और हम उसे एक प्रकार का पागलपन भी कह सकते हैं जो मरीज की सोचने की गति तेज या धीमी कर सकती है। इसके कारण उनका बातों पर ध्यान नहीं रहता और मरीज सोचने की क्षमता भी खो देते हैं। सिजोफ्रेनिया के मरीजों में सुनने और देखने के प्रति अजीब बिहेवियर की संभावना ज्यादा हो जाती है। ऐसे लोग जो सच नही है उसे सच मानने लगते हैं। इसके मरीजों को आजीवन ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।
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सिजोफ्रेनिया कितना कॉमन है?
सिजोफ्रेनिया वाले मरीजों की आबादी लगभग 1% है, यानी हर 100 लोगों में से एक को सिजोफ्रेनिया होता है। यह पुरुष और महिला किसी को भी हो सकती है। हालांकि, पुरुष मरीजों को कम उम्र में ही इस बीमारी के होने का डर हो सकता है। पुरुषों में युवावस्था से लेकर लगभग 25 वर्ष की उम्र तक इसका जोखिम देखा जा सकता है। जबकि महिलाओं में इसकी समस्या 25 साल के बाद से शुरू हो सकती है।
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लक्षणों को समझे
सिजोफ्रेनिया के लक्षण क्या हैं?
सिजोफ्रेनिया के मरीजों के मुख्य लक्षणों हम नीचे बता रहे हैं:
- सोच में उलझ ना जैसे मुश्किल से डिसीजन लेना
- इमोशन दिखा कर फिलिंग को बताने में प्रॉब्लम
- पब्लिक प्लेस से डर जहा ज्यादा लोग होते हैं
- मुश्किल सोच
- हल्लुसिनेशन,खास तौर पर क्लिर आवाज
- पुरुष या महिला, समय, उम्र, जानी या अजनबी आवाज सुनकर आपको ऐसी आवाज़ सुनाई देती है जिसे आप सहज महसूस नहीं करते हैं, जैसे कि आत्महत्या या दूसरों को मारना।
- पागलपन, इक्सपेसिव विजिलेंस,अपने आप को स्पेशल अबिलिटी पर विश्वास करना या कुछ मेडिकल कंडीशन से पीड़ित होना जो नही है।
ऊपर दिए गई कुछ लक्षण हो सकते हैं अगर आप किसी लक्षण से परेशान हैं तो अपने डॉक्टर का संपर्क करे।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब मिलना चाहिए?
सिजोफ्रेनिया वाले मरीजों को नहीं पता होता कि उन्हें एक मानसिक बीमारी है और उन्हें इलाज की जरूरत है। इसलिए अगर आपके करीबी को कोई मानसिक लक्षण या अजीब बिहेवियर है, तो आपको उन्हें हॉस्पिटल ले जाने की जरूरत हो सकती है। इसके लिए आप उन्हें न्यूरोलॉजिस्ट हॉस्पिटल लिए जा सकते हैं।
कई बार ऐसे व्यक्ति सामने वाले के लिए आक्रमक व्यवहार भी रख सकते हैं। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। साथ ही, आपने साथ कुछ और लोगों को भी रखना चाहिए।
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कारणों को जाने
क्या सिजोफ्रेनिया का कारण बनता है?
सिजोफ्रेनिया का खास कारण पता नही चला है। लेकिन हाल ही में, साइंटिस्ट का मानना है कि नीचे दिये गए कुछ कारण हो सकते हैं:
- जनरल: बीमारी फैमिली की विरासत से हो सकती है।
- इन्वाइरन्मिन्टल फेक्टर: जैसे कि वायरस और जन्म के बाद कुछ न्युट्रीयल समस्याएं।
- दिमाग के कुछ स्ट्रक्चर में फर्क
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जानिए सिजोफ्रेनिया के जोखिम फेक्टर
सिजोफ्रेनिया का मेरे लिए जोखिम क्या हो सकता है?
- अगर आपके रिश्तेदार हैं खास तौर पर माता-पिता या भाई-बहन सिजोफ्रेनिया के मरीज हैं, तो आपका जोखिम दूसरों की तुलना में 10 गुना ज्यादा है।
- वायरल इन्फेक्शन, पॉइजनिंग और कुपोषण जबकि गर्भ में स्पेशियली पहले 6 महीनों में।
- जन्म के समय बूढ़े पिता।
- युवा होने पर इनहिबिटर यास्टिम्यलेशन नर्व का उपयोग।
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है
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सिजोफ्रेनिया का निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
सिजोफ्रेनिया का निदान कैसे किया जाता है?
जब डॉक्टरों को संदेह होता है की सिजोफ्रेनिया है, तो वो अक्सर मेडिकल हिस्ट्री, क्लिनिकल एक्जामिनेशन और किए गए टेस्ट की जांच करते हैं:
ब्लड काउंट (CBC) और ब्लड टेस्ट से कंडीशन को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है जो समान लक्षण पैदा करते हैं, साथ ही साथ शराब और ड्रग्स की एकाग्रता को मापते हैं। डॉक्टर टेस्ट इमेज भी कर सकते हैं, जैसे एमआरआई या सीटी स्कैन।
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साइकॉलजी असेसमेंट: सकाइअट्रस्ट मरीज की मानसिक कंडीशन की जांच कर सकते हैं, हाल ही के बिहेवियर, विचारों, मुड़ में होने वाले बदलाव, पागलपन, हल्लुसिनेशन, किसी चीज का गलत उपयोग या सुसाइड के लिए कैपेबल।
सिजोफ्रेनिया का इलाज कैसे किया जाता है?
सिजोफ्रेनिया को ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन कई लक्षणों का इलाज दवा और बिहेवियर थेरेपी से किया जा सकता है।
मानसिक बीमारी अक्सर मरीजो द्वारा होती है जिनमे गलत और नेगेटिव सोच है यह बीमारी मरीजों का कारण बनती है और डॉक्टर इस बीमारी का कारण बनने वाले अन्कॉन्शस आदत का पता लगाने के लिए बिहेवियर थेरिपी लागू करेंगे। बाद में उस सोच से बचने के लिए बिहेवियर थेरिपी और ट्रेनिंग गाइड होगी। जब आप पहली की तरह नहीं सोचते हैं, तो इसका मतलब है कि आपके लक्षण ठीक हो गए हैं।
आपका डॉक्टर भ्रम और पैरानोइया के लक्षणों को रोकने के लिए डैली एंटीनेओर्टिक लिख सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर स्पाइको-सोश्यल ट्रीटमेंट भी कर सकते हैं। स्पाइकोसोश्यल ट्रीटमेंट काउंसलिंग थेरिपी जो आपकी डेली एक्टिविटी को सपोर्ट करता है। डॉक्टर के गाइडलाइन आपको या आपके करीबी को काफी कुछ सिखाती हैं।
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लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपचार
लाइफस्टाइल में बदलाव या घरेलू उपचार क्या हैं जो मुझे सिजोफ्रेनिया से निपटने में मदद कर सकते हैं?
नीचे दिए गए लाइफस्टाइल और घरेलू उपचार आपको इस बीमारी से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- हर रोज मेडिसिंस प्रेस्क्रिप्शन के तौर पर लें।
- किसी कार्यक्रम मे पार्टिसिपेट करना,वालंटियर ग्रुप से जुड़ना।
- एल्कोहॉल जैसी चीजों को छोड़ दे,क्योंकि की दवा के असर को कम कर सकता है।
- बीमार परिवार के व्यक्ति को तनाव में न छोड़े। तनाव, नींद की कमी, कम खाना, कैफीन जैसे चीज भी मानसिक काम करता।
- अगर आपको या आपके रिश्तेदारों को आवाजें सुनाई देती हैं, तो डॉक्टर को बुलाएं।
- अगर आपको सुसाइड जैसे गलत विचार आते तो अपने डॉक्टर को बुलाएं।
- कभी भी किसी इलीगल दवाओं का उपयोग न करें।
- अपने डॉक्टर की जांच पहले दवाओं का उपयोग न करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको सिजोफ्रेनिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।