निराशा कई बार बच्चों को इतना ज्यादा हताश कर देती है कि उनके मन में सुसाइड जैसे थॉट उत्पन होने लगते हैं। बच्चों के सुसाइड थॉट के ख्याल आने के कई कारण हो सकते हैं। जिसे वक्त रहते समझना बहुत जरूरी है। इस बारे में मोटिवेशनल काउंसलर अरुण श्रीवास्तव बताते हैं कि परीक्षा में फेल हो जाने, प्रतियोगिता का दबाव और पारिवारिक संबंध अच्छे न रहने पर बच्चे तनाव के शिकार हाे जाते हैं और उसके बाद उनमें इस तरह के ख्याल आने लगते हैं। यह किसी भी माता-पिता के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इस बारे में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (Center for Disease and Prevention) के अनुसार दुर्घटनाओं और हत्या के बाद आत्महत्या 15 से 24 साल के किशोरों में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है।