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सोशल मीडिया का असर : लाइमलाइट में रहने का प्रेशर

सोशल मीडिया में रोजाना कई नई अपडेट्स आते हैं जिसमें सक्सेस, न्यू जॉब, पार्टी, ट्रैवलिंग या फिर रिलेशनशिप से जुड़ी स्टोरीज नजर आती है। ऐसे में जिस भी व्यक्ति के पास सेलिब्रेशन के लिए कोई मौका नहीं होता है, उसे मेंटल प्रेशर फील होने लगता है। व्यक्ति कुछ नया अचीव करने के लिए प्रेशर में भी आसानी से आ सकता है। कई बार तो लड़कियों को अच्छे लुक के लिए ढेरों उपाय करने पड़ते हैं। महंगी ड्रेस, मेकअप से लेकर और बहुत कुछ, जो उन्हें सोशल मीडिया में अच्छा दिखा सके। यानी वर्चुअल लाइफ में कुछ अचीव करने के लिए बहुत से जतन करने पड़ते हैं जो मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है।
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सोशल मीडिया का असर : बढ़ जाती है दूसरों पर डिपेंडेंसी

अगर हम परेशान होते हैं तो अक्सर अपने किसी करीबी से उस बारे में बात करते हैं। यानी मूड अच्छा है तो अपनों से शेयर करेंगे। मूड खराब भी हुआ तो, माता-पिता या भाई-बहन से बात कर मामला सुलझा लेंगे। लेकिन सोशल मीडिया में अपने सुख- दुख शेयर करने से अंजान व्यक्ति पर डिपेंडेंसी बढ़ सकती है। ऐसे में अगर अंजान व्यक्ति सही नहीं है तो धोखा खाने की वजह से भी मेंटल हेल्थ बुरी तरह से प्रभावित होती है। ऐसे लोग समाज से भी दूरी बनाने लगते हैं और उनका किसी भी काम में मन नहीं लगता है। यानी सोशल मीडिया से अधिक लगाव आपको बहुत अकेला कर सकती है। बेहतर होगा कि सोशल मीडिया का अधिक उपयोग न किया जाए।
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सोशल मीडिया का असर : डिप्रेशन और चिंता का कारण
शोधकर्ताओं की मानें तो सोशल मीडिया के कारण आ लोगों के बीच फेस टू फेस इंटरेक्शन कम हो गया है। यह लोगों को व्यवहारिक रप से तो प्रभावित कर ही रहा है साथ ही मानसिक रूप से बीमार भी कर रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि, डिप्रेशन और कई शारीरिक परेशानियां होने का कारण सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल है।
मानसिक रूप से हेल्दी रहने के लिए अपनों की जरूरत पड़ती है। यानी किसी भी प्रकार का तनाव होने पर अगर घरवालों के साथ आमने-सामने बैठ कर बात की जाए तो समस्या का समाधान किया जा सकता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और किसी भी बात की टेंशन को घरवालों से शेयर न करके सोशल मीडिया में शेयर करते हैं तो ये डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है। इस तरह से आपको मूड डिसऑर्डर का सामना भी करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पहले घर में ही डिस्कस करें। सोशल मीडिया में निजी जीवन की बातों को शेयर करने से पूरी तरह से बचें। सोशल मीडिया का असर नकारात्मक अधिक होता है क्योंकि लोग अपना ज्यादातर समय इन्हीं में गुजारना चाहते हैं।