शिशु को इंफेक्शन से बचाने के लिए पेरेंट्स डॉक्टर से कंसल्टेशन करते हैं। डॉक्टर्स के एडवाइस के साथ-साथ पेरेंट्स बच्चों क्लीन रखने के लिए बेबी सोप का भी इस्तेमाल करते हैं। बेबी सोप की खुशबु भले ही आपको कितनी भी अच्छी क्यों ना लगे, लेकिन मायो फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Mayo Foundation for Medical Education and Research) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु के लिए हमेशा केमिकल फ्री सोप ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर केमिकल युक्त सोप का इस्तेमाल किया जाए, तो बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) भी हो सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल में बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करेंगे।
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बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) क्या हो सकते हैं?
बेबी सोप के इस्तेमाल से शिशु को निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स: हो सकती है ड्राय स्किन या एग्जिमा की समस्या!
यू.एस नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (U.S. National Library of Medicine) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु की त्वचा अत्यधिक सेंसेटिव होने के कारण सोप के इस्तेमाल से त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। सोप की वजह से शिशु की त्वचा ड्राय पड़ सकती है और धीरे-धीरे एक्जिमा (Eczema) का रूप भी ले सकती है। इसलिए बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) को समझना बेहद जरूरी होता है। कई बार अनजाने में ही रूखी त्वचा पर बेबी सोप इस्तेमाल करते-करते बेबी की स्किन पर नेगेटिव प्रभाव पड़ने लगता है।
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बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स: हो सकती है एलर्जी की समस्या!
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु की त्वचा अत्यधिक सेंसेटिव होती है। ऐसे में कोई भी सोप या साबुन का इस्तेमाल शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए बच्चों के लिए केमिकल फ्री सोप (Chemical free soap) का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा करने से शिशु को एलर्जी की समस्या (Allergy problem) से बचाने में मदद मिल सकती है।
बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स: बढ़ सकता है कैंसर का खतरा!
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सोप में मौजूद कंपाउंड्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करती है। बाजार में उपलब्ध बेबी सोप को आकर्षक एवं खुशबुदार बनाने के लिए कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। हानिकारक केमिकल्स शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि अभी इस विषय पर रिसर्च की जा रही है।
एनसीबीआई (NCBI) एवं अन्य रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार शिशुओं में एक्जिमा की समस्या प्रायः बेबी सोप की वजह से देखी जा सकती। इसलिए बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए बेबी की स्किन टाइप को डॉक्टर से समझें और डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड बेबी सोप (Baby soap) का इस्तेमाल करना बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं हो सकता है।
नोट: किसी भी बेबी सोप के इस्तेमाल से अगर शिशु की त्वचा पर एलर्जी या कोई अन्य समस्या नजर आती है, तो इसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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शिशु पर बेबी सोप अप्लाई करने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखें? (Tips to apply baby soap on baby)
शिशु पर बेबी सोप अप्लाई करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें। जैसे:
- शिशु को बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स से बचाव के लिए सबसे पहले सोप या साबुन ना खरीदे जिसमें अत्यधिक सुगंध हो। सुगंध वाले बेबी सोप में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- ध्यान रखें बेबी सोप में पैराबेन, एसएलएस (SLS), एसएलइएस (SLES), एल्कोहॉल (Alcohol) या आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल ना किया गया हो।
- बेबी सोप के पैकेट पर लिखे इंग्रीडिएंट्स को अच्छी तरह से पढ़ें।
- हाइपोएलर्जेनिक (Hypoallergenic) बेबी सोप के विकल्प बेहतर माना जाता है, क्योंकि इससे एलर्जी (Allergy) की संभावना कम हो सकती है।
- शिशु के लिए टियर फ्री सोप ही लें। टियर फ्री सोप के इस्तेमाल से बच्चों के आंख से आंसू नहीं आएंगे।
- शिशु की त्वचा (Babies skin) को ध्यान में रखकर ही सोप लें।
- बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) से बचने के लिए प्रिस्क्राइब्ड बेबी सोप का इस्तेमाल करना बेहतर होगा।
इन बातों को ध्यान में रखकर बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स से शिशु को बचाया जा सकता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (American Academy of Pediatrics) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार न्यूली बॉर्न बेबी को रोजाना स्नान करवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर नवजात शिशुओं को रोजाना स्नान करवाया जाए, तो इससे शिशु की त्वचा ड्राय हो सकती है। इसलिए एक सप्ताह में 3 दिन शिशु को स्नान करवाया जा सकता है।
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शिशु का सोप (Babies soap) कैसा होना चाहिए?
शिशु के लिए सोप में मौजूद हर्बल इंग्रीडिएंट्स जैसे आलमंड ऑयल (Almond Oil), एलोवेरा (Aloe Vera), अम्बा हल्दी (Amba Haldi ) एवं अन्य औषधीय गुणों से भरपूर होना चाहिए। इसलिए नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु के सोप में नैचुरल मॉश्चराइजिंग फेक्टर (Natural moisturizing factor) मौजूद होना चाहिए। वैसे बेबी सोप के इस्तेमाल से बचें, जिसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जाता हो।
नोट: बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) से बचने के लिए बेबी सोप के पैकेट पर दी गई जानकारी को अच्छी तरह से पढ़ें।
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बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स होने पर क्या करें?
अगर शिशु को बेबी सोप की वजह से परेशानी शुरू हुई है, तो निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से कंसल्ट करें। जैसे:
- बेबी की स्किन अत्यधिक ड्राय (Dry skin) होना।
- शिशु की त्वचा पर एक्जिमा (Eczema) होना।
- त्वचा पर सूजन (Swelling) आना।
- स्किन इंफेक्शन ((Skin infection) की समस्या होना।
ऊपर बताये स्थितियों के अलावा कोई और भी तकलीफ होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें।
शिशु के लिए बाजार में अलग-अलग तरह के एक नहीं, बल्कि कई तरह के बेबी सोप उपलब्ध हैं। इसलिए आपके शिशु के लिए बेबी सोप का चुनाव करना थोड़ा कठिन हो सकता है। इसलिए बेबी सोप के साइड इफेक्ट्स (Baby soap side effects) से बचने के लिए सबसे पहले डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट बच्चे की पूरी हेल्थ कंडिशन (Babies health condition) को ध्यान में रखकर ही शिशु के लिए बेबी सोप प्रिस्क्राइब करेंगे।
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