विकास और व्यवहार
मेरे 16 हफ्ते के बच्चे या 16 हफ्ते के बच्चे की देखभाल का विकास कैसा होना चाहिए?
आपका शिशु 16 सप्ताह का हो चुका है और अब वो पेट के बल लेटकर अपना कंधा और सिर ऊपर उठा सकता है। शिशु की ऐसी छोटी—बड़ी हरकतों से उनकी मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इस सप्ताह में शायद आपके शिशु ने पेट से पीठ के बल पलटना भी शुरू कर दिया होगा। शिशु की इन हरकतों को प्रोत्साहित करें। उन्हें यह अच्छा लगता है और वे फिर उसे दोहराते हैं।
इसके अलावा, आप अपने शिशु में कुछ अन्य बदलाव भी नोटिस कर सकती हैं, जैसे कि;
- वह पैरों पर वजन डालकर खड़े होने की कोशिश कर सकता है।
- वस्तु को छू सकता है और उसे समझ सकता है।
- दूर से आने वाली आवाज की दिशा पहचान सकता है।
- कुछ नए शब्द को कहने की कोशिश कर सकता है ।
मुझे 16 हफ्ते के बच्चे के विकास के लिए क्या करना चाहिए?
जब आपका शिशु एक तरफ से दूसरी तरफ पलटे, तो उसे प्रोत्साहन दें। आप हंसकर या उसे प्यार से अपनी तरफ बुलाकर उसे प्रोत्साहित कर सकती हैं। आपका शिशु नई-नई चीजें सीखते हुए कई बार डरता है, शर्माता है, तो इससे घबराएं नहीं।
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स्वास्थ्य और सुरक्षा
मुझे डॉक्टर से अपने 16 हफ्ते के बच्चे को लेकर क्या बात करनी चाहिए?
हर डॉक्टर का परिस्थितिनुसार शिशु का इलाज करने का अपना एक तरीका होता है। शिशु के टेस्ट और उसका इलाज यह शिशु की जरूरत के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। आपका डॉक्टर इनमें से कुछ चीजे कर सकते हैं।
- शिशु की लंबाई, वजन और विकास का परिक्षण कर सकते हैं।
- कुछ फिजिकल टेस्ट कर सकते हैं ।
- आपको शिशु के सोने, खाने और विकास संबंधित कुछ सलाह दे सकते हैं।।
- आप के सवालो का जवाब दे सकते हैं।
- यदि पिछले कुछ सप्ताह में शिशु को किसी भी तरह की कोई समस्या रही हो तो उसका जिक्र अपने डॉक्टर से जरूर करें।
मुझे 16 हफ्ते के बच्चे या 16 हफ्ते के बच्चे की देखभाल को लेकर किन बातों की जानकारी होनी चाहिए?
यहां कुछ चीजें हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए, जैसे कि-
16 हफ्ते के बच्चे का अत्यधिक वजन
मोटापा अपने आप में एक बीमारी की तरह है। वैसे बच्चों में इसे इतनी बड़ी समस्या की तरह नहीं लिया जाता है। कई शिशुओं का वजन उम्र के साथ बढ़ता जाता है। इसका मुख्य कारण अस्वस्थ आहार या शिशु का ज्यादा एक्टिव न होना भी हो सकता है। इसका मुख्य कारण शरीर में मांसपेशियों का विकास न होना होता है।
अगर आपको लगता है कि आपका शिशु मोटा है तो उसे अपने डॉक्टर के पास ले जाएं। आपका डॉक्टर शिशु की आयु अनुसार उसके वजन और लंबाई का मापन करेगा और अगर उसका वजन ज्यादा है तो वह शिशु के विकास का मूल्यमापन करेंगे।
कई बार जन्म के पश्चात् शिशुओं का वजन ज्यादा होता है, लेकिन जैसे ही वह चलना सीखते हैं, उनका वजन धीरे-धीरे घटने लगता है। आप अपने शिशु को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें और जब उसे भूख हो, तभी उसे स्तनपान कराएं। इससे आपके 16 हफ्ते के बच्चे के वजन बढ़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।
16 हफ्ते के बच्चों के साथ खेलना
बच्चों को खेलना काफी पसंद होता है। कई बार हम जब शिशु को ऊपर की ओर उछालते हुए खेलते हैं, तो यह शिशुओं को बहुत भाता है। लेकिन, यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर कि दो साल से छोटे शिशुओं में यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। क्योंकि शिशु के सिर का वजन पूरे शरीर के वजन के बराबर होता है और वह पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है। तो इस बात की संभावना को टाला नहीं जा सकता है कि शिशु को उछालते समय उसकी गर्दन में मोच आ सकती है। इसके अलावा, जब आप शिशु को उछालते हैं तो मस्तिष्क में सूजन या रक्तस्राव होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए करना से बचें।
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महत्वपूर्ण बातें
मुझे अपने 16 हफ्ते के बच्चे की किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
क्या 16 हफ्ते के बच्चे अभी भी पेसिफायर का इस्तेमाल करते हैं? कुछ चीजें हैं जिनके साथ शिशुओं को खेलना बहुत भाता है। यह चीजें शिशुओं के बचपन की साथी होती हैं। जैसे कि, दूध की बोतल, पेसिफायर इत्यादि। लेकिन अगर उन्हें इस चीज की आदत लग जाए, तो इसे छुड़ाना बेहद कठिन होता है। तो यही वह समय है जब आप शिशु की इस आदत को छुड़ा सकते हैं। क्योंकि इस समय शिशुओं की याद्दाश्त कमजोर होती है और अगर उन्हें कुछ समय पेसिफायर से दूर रखा जाए तो वह आसानी से इसे भुला सकते हैं। इसके अलावा एक कारण यह भी है कि इस आयु में शिशु किसी भी बदलाव को आसानी से अपना सकते हैं। अपने शिशु का ध्यान पेसिफायर से हटाने के लिए आप शिशु को झूले में डाल सकती हैं। या कुछ अन्य खिलौनों की सहायता ले सकती हैं। लेकिन अगर फिर भी आपका शिशु न माने तो पेसिफायर का इस्तेमाल आप धीरे धीरे घटा सकती हैं।
16 हफ्ते के बच्चे का आहार
16 हफ्ते के बच्चे का आहार चुनना यानि कि उन्हें क्या खिलाना है यह भी पेरेंट्स की चिंता का विषय हो सकता है। ऐसा इसलिए भी है कि अगर आप 16 हफ्ते के बच्चे को को स्तनपान के अलावा सॉलिड फूड खाने की आदत डालना चाहते हैं, तो यही सही समय है। वैसे तो आपके शिशु को स्तनपान करना बेहद पसंद होता है। लेकिन इस समय वह किसी भी बदलाव को आसानी से अपना सकता है। यही 6 महीने के शिशु के साथ थोड़ा कठिन हो सकता है। आप अपने शिशु को फॉर्मूला या ब्रैस्ट मिल्क बोतल के द्वारा आपके शिशु को पिला सकती हैं। वैसे अगर जानकारों की मानें तो इस समय फॉर्मूला ब्रैस्ट मिल्क का सबसे बढ़िया विकल्प होता है।
इसकी शुरुआत करने के लिए पहले शिशु को बोतल द्वारा ब्रेस्ट मिल्क पिलाने की कोशिश करें। शुरुवात में शिशु शायद इतनी आसानी से न मानें, लेकिन आप उसके पीछे लगी रही जब तक वह इस दूध को पी न ले। जैसे ही शिशु यह दूध पीना शुरू कर दे इस दूध को फॉर्मूला के साथ बदल दें। कुछ दिनों के बाद आप फॉर्मूला के साथ ब्रैस्ट मिल्क का कोई अन्य विकल्प भी आजमा सकती हैं। ध्यान रखें कि कुछ शिशु स्तनपान की आदत छोड़ने में कुछ समय लेते हैं, अगर आप चाहें तो बीच में कभी कभार शिशु को स्तनपान करा सकती हैं।
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