इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts)… जिसे सामान्य शब्दों में समझें, तो नवजात शिशु का ग्रोथ चार्ट। शिशु के जन्म के बाद उसके शारीरिक विकास एवं मानसिक विकास दोनों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts) से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे।
और पढ़ें : बच्चों के लिए मिनिरल सप्लिमेंट्स हो सकते हैं लाभकारी, लेकिन डॉक्टर से कंसल्टेशन के बाद
- इन्फेंट ग्रोथ चार्ट क्या है?
- बेबी की पर्सेंटाइल का क्या अर्थ है?
- नॉर्मल पर्सेंटाइल रेंज क्या होता है?
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इन्फेंट ग्रोथ चार्ट कैसा होना चाहिए?
- नवजात शिशु का ग्रोथ चार्ट डब्लूएचओ के अनुसार ना होने पर क्या करें?
- शिशु के विकास में देरी होने के कारण क्या हो सकते हैं?
शिशु के विकास का चार्ट (Infant Growth Charts) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts) क्या है?
शिशु का ग्रोथ चार्ट में बच्चे की कद यानी लंबाई, वजन एवं सिर का आकार चेक किया जाता है। ये तीन चीजें शिशु के ग्रोथ चार्ट के लिए आवश्यक होता है और इसी के आधार पर बच्चे के विकास को मॉनिटर किया जाता है। अगर इस दौरान इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts) सटीक आता है, तो इसका मतलब है कि बेबी अच्छी तरह से फीडिंग कर रहा है और उसे आसानी से डायजेस्ट भी कर रहा है। इन्फेंट ग्रोथ चार्ट में बेबी के पर्सेंटाइल को भी समझने में मदद मिलती है।
और पढ़ें : 5-Month-Old & Sleep Schedule: 5 महीने के शिशु का स्लीप शेड्यूल कैसा होना चाहिए?
बेबी की पर्सेंटाइल (Baby’s Percentile) का क्या अर्थ है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इन्फेंट ग्रोथ चार्ट ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) करने वाले बच्चों पर किये गए रिसर्च पर आधारित है। वहीं सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control Prevention) एवं अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन (American Academy of Pediatrics) के अनुसार भी डब्ल्यूएचओ द्वारा 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए शेयर की गई ग्रोथ चार्ट को फॉलो करना चाहिए।
और पढ़ें : Babies Sleep: शिशु की रात की नींद टूटने के कारण और रात भर शिशु सोना कब कर सकता है शुरू?
नॉर्मल पर्सेंटाइल रेंज (Normal Percentile Range) क्या होता है?
नवजात शिशु के नॉर्मल पर्सेंटाइल रेंज पर डॉक्टर की नजर होती है। डॉक्टर शिशु के ग्रोथ चार्ट को बारीकी से मॉनिटर करते हैं और अलग-अलग तरहों से शिशु के ग्रोथ को पॉजिटिव मानते हैं। जैसे:
- समय के साथ आपके बच्चे का विकास।
- शिशु का फिजिकल एग्जाम।
- बेबी की ईटिंग हैबिट (Eating habit) कैसी है।
- बेबी ठीक से सो (Sleep) रहा है या नहीं।
- बेबी हमेशा रोता (Cry) तो नहीं है।
- बच्चे का पेरेंट्स के साथ इंटरैक्शन कैसा है।
इन छे महत्वपूर्ण बातों की इन्फेंट ग्रोथ चार्ट में अहम भूमिका होती है।
और पढ़ें: स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य कैसा होना चाहिए, जानिए उनके लिए सही आहार और देखभाल के तरीके के बारे में
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organization) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार इन्फेंट ग्रोथ चार्ट कैसा होना चाहिए?
इन्फेंट ग्रोथ चार्ट: 0 से 12 महीने के लकड़ों का ग्रोथ चार्ट (0 to 12 month baby boy growth chart)।
शिशु की उम्र | शिशु की लंबाई cm में | शिशु का वजन kg में | शिशु के सिर का आकार cm में |
---|---|---|---|
0 माह | 46.3 – 53.4 | 2.5 – 4.3 | 32.1 – 36.9 |
1 माह | 51.1 – 58.4 | 3.4 – 5.7 | 35.1 – 39.5 |
2 माह | 54.7 – 62.2 | 4.4 – 7.0 | 36.9 – 41.3 |
3 माह | 57.6 – 65.3 | 5.1 – 7.9 | 38.3 – 42.7 |
4 माह | 60.0 – 67.8 | 5.6 – 8.6 | 39.4 – 43.9 |
5 माह | 61.9 – 69.9 | 6.1 – 9.2 | 40.3 – 44.8 |
6 माह | 63.6 – 71.6 | 6.4 – 9.7 | 41.0 – 45.6 |
7 माह | 65.1 – 73.2 | 6.7 – 10.2 | 41.7 – 46.3 |
8 माह | 66.5 – 74.7 | 7.0 – 10.5 | 42.2 – 46.9 |
9 माह | 67.7 – 76.2 | 7.2 – 10.9 | 42.6 – 47.4 |
10 माह | 69.0 – 77.6 | 7.5 – 11.2 | 43.0 – 47.8 |
11 माह | 70.2 – 78.9 | 7.4 – 11.5 | 43.4 – 48.2 |
12 माह | 71.3 – 80.2 | 7.8 – 11.8 | 43.6 – 48.5 |
इन्फेंट ग्रोथ चार्ट: 0 से 12 महीने के लड़की का ग्रोथ चार्ट (0 to 12 month baby girl growth chart)।
शिशु की उम्र | शिशु की लंबाई cm में | शिशु का वजन kg में | शिशु के सिर का आकार cm में |
---|---|---|---|
0 माह | 45.6 – 52.7 | 2.4 – 4.2 | 31.7 – 36.1 |
1 माह | 50.0 – 57.4 | 3.2 – 5.4 | 34.3 – 38.8 |
2 माह | 53.2 – 60.9 | 4.0 – 6.5 | 36.0 – 40.5 |
3 माह | 55.8 – 63.8 | 4.6 – 7.4 | 37.2 – 41.9 |
4 माह | 58.0 – 66.2 | 5.1 – 8.1 | 38.2 – 43.0 |
5 माह | 59.9 – 68.2 | 5.5 – 8.7 | 39.0 – 43.9 |
6 माह | 61.5 – 70.0 | 5.8 – 9.2 | 39.7 – 44.6 |
7 माह | 62.9 – 71.6 | 6.1 – 9.6 | 40.4 – 45.3 |
8 माह | 64.3 – 73.2 | 6.3 – 10.0 | 40.9 – 45.9 |
9 माह | 65.6 – 74.7 | 6.6 – 10.4 | 41.3 – 46.3 |
10 माह | 66.8 – 76.1 | 6.8 – 10.7 | 41.7 – 46.8 |
11 माह | 68.0 – 77.5 | 7.0 – 11.0 | 42.0 – 47.1 |
12 माह | 69.2 – 78.9 | 7.1 – 11.3 | 42.3 – 47.5 |
ये है इन्फेंट बेबी गर्ल एवं बेबी बॉय की ग्रोथ चार्ट, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा रिसर्च के बाद पब्लिश किया गया है।
नोट: डब्लूएचओ (WHO) के इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts) को तकरीबन सभी देश के डॉक्टर्स फॉलो करते हैं। इसलिए इस इन्फेंट ग्रोथ चार्ट को इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (Indian Academy of Pediatrics) द्वारा भी फोली किया जाता है। 5 साल तक के बच्चे के ग्रोथ के लिए डब्लूएचओ द्वारा जारी किये गए ग्रोथ चार्ट को ही फॉलो करते हैं।
और पढ़ें : कमजोर इम्यूनिटी से हैं परेशान, तो बच्चों के लिए अपना सकते हैं ये इम्यूनिटी बूस्टर सप्लिमेंट
नवजात शिशु का ग्रोथ चार्ट डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार ना होने पर क्या करें?
अगर बच्चे का ग्रोथ चार्ट डब्लूएचओ (World Health Organisation) के अनुसार ना हो, तो बच्चे की डायट एवं न्यूट्रिशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ शिशु की जीवनशैली को भी ठीक करना चाहिए। बच्चे का ग्रोथ चार्ट ठीक ना होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें, क्योंकि डॉक्टर बच्चे के हेल्थ को मॉनिटर कर मेडिकेशन एवं आवश्यक जानकारी शेयर कर सकते हैं। डॉक्टर से कंसल्टेशन इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वह शुरू से ही बच्चे के स्वास्थ्य से परिचित होते हैं और आवश्यक न्यूट्रिशन के बारे में पेरेंट्स को समझाते हैं।
और पढ़ें : Baby Sleep Apnea: जानिए बच्चों में स्लीप एप्निया के कारण और इलाज!
शिशु के विकास में देरी होने के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of late growth in baby’s)
शिशु के विकास में देरी होने के कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- डाउन सिंड्रोम, यह एक ऐसी आनुवंशिक कंडिशन है जिसमें व्यक्ति में 46 की जगह 47 क्रोमोसोम पाए जाते हैं।
- स्केलेटल डिसप्लेसिया (Skeletal dysplasia) कई परिस्थितयों का समूह जो हड्डियों के विकास में रुकावट का कारण बन सकती है।
- कुछ विशेष प्रकार के एनीमिया जैसे कि सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anemia) की समस्या होना।
- किडनी (Kidney), हार्ट (Heart), डायजेस्टिव (Digestive) और लंग (Lungs) से जुड़ी बीमारियां होना।
- प्रेग्नेंसी के दौरान मां का कुछ विशेष प्रकार की दवाओं (Medicines) का सेवन करना।
- कुपोषण (Malnutrition) की समस्या का शिकार होना।
- सीवियर स्ट्रेस (Severe stress) होना।
ये हैं शिशु के विकास में देरी के कुछ कारण। पेरेंट्स को इन कारणों पर भी ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
नोट: एक साल तक का शिशु बहुत छोटा होता है और वो इस दौरान क्या महसूस कर रहा, यह शेयर नहीं बता पाता है। ऐसी स्थिति में उसके संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। आपका शिशु कुछ अन्य लक्षणों का अनुभव कर सकता है और जितनी ग्रोथ बेबी (Baby growth) की होनी चाहिए वह नहीं हो पाती है। अगर आपके शिशु में किसी बीमारी के लक्षण नजर आएं जैसे फीवर (Fever), रैशेज (Rashesh), डिहायड्रेशन (Dehydration) आदि, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
अगर आप इन्फेंट ग्रोथ चार्ट (Infant Growth Charts) से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकती हैं। अगर शिशु को कोई भी परेशानी है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। डॉक्टर शिशु के हेल्थ कंडिशन (Heath condition) को मॉनिटर कर दवा या अन्य सलाह दे सकते हैं।
बच्चों के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें और हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए ब्रेस्टमिल्क एवं फॉर्मूला मिल्क (Breast milk and formula milk) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
[embed-health-tool-vaccination-tool]