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पर्टुसिस (Pertussis)
पर्टुसिस (Pertussis) को काली खांसी के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो कि सांस संबंधी बीमारी का कारण बनती है। यह बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है,जो बच्चों के लिए भयानक मानी जाती है। इंफेक्शन के कारण बच्चों को बहुत ज्यादा खांसी आती है और साथ ही नाक बहना, छींक आना, आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। बच्चों को एंटीबायोटिक सेवन करने की सलाह देते हैं। समय पर इस बीमारी के खिलाफ टीकाकरण बीमारी के खतरे को कम करता है।
टेटनस (Tetanus)
टेटनस क्लोस्ट्रीडियम टेटानी (Clostridium tetani) नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण है। जब बैक्टीरिया शरीर पर अटैक करता हैं, तो वे एक जहर या टॉक्सिन पैदा करता हैं, जो दर्दनाक मांसपेशियों के संकुचन का कारण बनता है।ये बैक्टीरिया गले और जबड़े की मांसपेशियों को भी जकड़ देता है। व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और ये इंफेक्शन मौत का कारण भी बन सकता है। समय पर इस बीमारी के खिलाफ वैक्सिनेशन बीमारी के खतरे को कम करता है। ईजी फाइव वैक्सीन (Easy five vaccine) इस बीमारी से सुरक्षा दिलाती है।
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ईजी फाइव वैक्सीन (Easy five vaccine) का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
ईजी फाइव वैक्सीन (Easy five vaccine) डॉक्टर की मदद से लगाई जाने वाली वैक्सीन है। इसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लगाया जा सकता है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल थाय मसल्स यानी नवजात बच्चों की जांघ में इंजेक्शन को लगाया जाता है। जबकि अधिक उम्र के बच्चों में यह वैक्सीन आर्म मसल्स में लगाई जाती है। बच्चों को छह माह के पहले डोज लगवाने की सलाह दी जाती है। ईजी फाइव वैक्सीन (Easy five vaccine) की पहली डोज 6 सप्ताह में, दूसरी डोज 10 सप्ताह में और 14 सप्ताह में तीसरी डोज लेने की सलाह दी जाती है। अगर बच्चे को पहले डोज नहीं लगी है, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से जानकारी लें कि जो डोज छूट गई है, उसे अब कब लगवाना चाहिए।
ईजी फाइव वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Easy five vaccine side effects)
अगर बच्चों को वैक्सीन लगवा चुके हैं और उसके बाद बच्चे को बुखार या किसी अन्य प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद फीवर, इंजेक्शन जिस स्थान पर लगाया गया है उस स्थान पर सूजन, भूख में कमी होना, स्किन में रैशेज (Skin rashes) आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह समस्या लंबे समय तक नहीं रहती हैं बल्कि कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है। अगर बच्चे को फीवर या अन्य प्रकार के साइड इफेक्ट्स लंबे समय तक रहते हैं, तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए ताकि डॉक्टर समस्या का समाधान कर सके।