जिस बच्चे का वैक्सीनेशन शेड्यूल डीपीटी/हेपेटाइटिस बी के टीके के साथ शुरू किया गया है, उसे बाद में डीपीटी/हेपेटाइटिस बी की डोज मिलती रहेगी न कि पेंटावैलेंट वैक्सीन की।
बीमारी (Disease)
मॉडरेट या सीवियर एक्यूट इलनेस वाले बच्चों को उनकी स्थिति में सुधार होने तक पेंटावैलेंट वैक्सीन नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, छोटी बीमारियां, जैसे कि अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन्स (यूआरआई) में वैक्सीनेशन एक कॉंट्राइंडिकेशन नहीं हैं।
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भारत में इस वैक्सीन की कीमत क्या है? (Pentavalent Vaccine Cost in India)
भारत में पेंटावैलेंट वैक्सीन की कीमत लगभग 1,000 रुपए से लेकर 1,200 रुपए तक हो सकती है। हालांकि, भारत में कई ऐसे हॉस्पिटल्स हैं जहां पेंटावैलेंट वैक्सीन की कीमत थोड़ी कम या ज्यादा हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह टीका बच्चों को पांच बीमारियों से बचाने में मदद करता है। हालांकि, सरकारी अस्पतालों में बच्चों को पेंटावैलेंट वैक्सीन फ्री में दी जाती है।
क्या ऐसे राज्य से आने वाले बच्चे को पेंटावैलेंट वैक्सीन दी जानी चाहिए, जिसने अभी तक अपने यूआईपी (UIP) शेड्यूल में पेंटावैलेंट वैक्सीन को शामिल नहीं किया है?
हां, पेंटावैलेंट वैक्सीन किसी भी बच्चे को दिया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी राज्य का हो, बशर्ते कि बच्चा 1 वर्ष से कम उम्र का हो और उसे अभी तक डीपीटी वैक्सीन की कोई डोज नहीं मिली हो।
क्या यूआईपी के तहत बूस्टर डोज रिकमंड की जाती है?
वर्तमान में यूआईपी के तहत पेंटावैलेंट वैक्सीन के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश नहीं की जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिब टीका कम से कम 15 वर्षों तक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, डीपीटी (DPT ) के लिए बूस्टर की सिफारिश 16-24 महीने और 5-6 साल की उम्र में की जाती है।
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