पांचवा नियम- संभावित माता-पिता और एडॉप्ट किए जा रहे बच्चे की उम्र का अंतर 25 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए।
छठा नियम- भारत में एडॉप्शन करने के लिए शादीशुदा कपल्स का कम से कम दो साल का स्थिर वैवाहिक समय होना जरूरी है।
सातवां नियम- भारत में एडॉप्शन करने जा रहे संभावित माता-पिता की उम्र संबंधित शर्ते उस समय लागू नहीं होती हैं, जब संभावित माता-पिता बच्चे के रिश्तेदार या सौतेले हों।
आठवां नियम- भारत में एडॉप्शन करने जा रहे संभावित माता-पिता, जिनके तीन या उससे ज्यादा जैविक बच्चे हैं, केवल जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) एक्ट, 2015 के रेगुलेशन 2 के सब-रेगुलेशन 21 में परिभाषित कुछ विशेष स्थितियों में ही बच्चा एडॉप्ट कर सकते हैं, वरना नहीं।
भारत में एडॉप्शन के लिए यह सामान्य नियम हैं। लेकिन, दूसरे राज्य व देश से भी बच्चे एडॉप्ट किए जाते हैं, तो इन स्थितियों में नियमों में बदलाव हो सकता है।
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भारत में एडॉप्शन के लिए जरूरी कागजात
भारत में एडॉप्शन के लिए संभावित माता-पिता या सिंगल फीमेल या मेल को निम्नलिखित कागजात दिखाने व इनकी प्रति देनी होती हैः
- भारत में एडॉप्शन के लिए खुद की या परिवार की फोटो देना जरूरी है।
- पैन कार्ड
- जन्म प्रमाण-पत्र
- निवास प्रमाण-पत्र
- भारत में एडॉप्शन की प्रक्रिया में उस साल की इनकम टैक्स की प्रामाणिक प्रति दिखानी जरूरी है।
- भारत में एडॉप्शन करने से पहले सरकारी मेडिकल ऑफिसर का आधिकारिक मेडिकल कंडीशन का प्रमाण-पत्र, जिससे यह साबित हो कि संभावित माता-पिता को किसी तरह की कोई जानलेवा बीमारी नहीं है और वे शारीरिक, मानसिक और भावनात्क रूप से स्वस्थ हैं।
- शादीशुदा होने की स्थिति में मैरिज सर्टिफिकेट
- भारत में एडॉप्शन करने जा रहे पुरुष या महिला के तलाकशुदा होने की स्थिति में डायवोर्स सर्टिफिकेट देना जरूरी है।
- भारत में एडॉप्शन के लिए संभावित माता-पिता से जुड़े दो लोगों का लिखित बयान देना जरूरी है।
- संभावित माता-पिता का अगर कोई बच्चा पांच वर्ष से बड़ा है, तो उसकी लिखित सहमति जरूरी है।