शैतान बच्चा ऐसे करें हैंडल, बच्चे को इमोशन कंट्रोल करना सिखाएं (Teach the child to control emotion)
बच्चा डिमांड करें और फिर उसे मना कर दिया जाए तो उसे खूब गुस्सा आ सकता है। कुछ बच्चे रिजेक्शन बर्दाशत नहीं कर पाते हैं। उनकी आदत होती है कि जो भी वो कहें, उसे पूरा किया जाए। ऐसे में माता-पिता भी परेशान हो सकते हैं। आपको परेशान होकर या बच्चे के गुस्से को देखकर गुस्सा आ सकता है, लेकिन ये समस्या का हल नहीं है। बच्चों को सिखाएं कि जब रिजेक्शन हो, तो गुस्सा कंट्रोल करना सीखें। गुस्सा करना किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। बच्चे को उसकी हॉबी में बिजी रहना सिखाएं। जैसे कि उसे गाना, डांस, पेंटिंग या बुक रीडिंग। उसे जो भी पसंद हो, आप भी उसका उन हॉबीज में साथ दीजिए। ऐसा करने से आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग बढ़ जाएगी और आपका शैतान बच्चा अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहेगा।
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शैतान बच्चे को संभालने के लिए अपनी आदतों पर भी दें ध्यान
अगर आप किसी से अपने बच्चे की शिकायत कर रही हैं कि अरे! मेरा बच्चा बहुत शैतान है, तो इस बारे में एक बार गौर जरूर करके देखिए। कहीं आप भी तो बच्चे के सामने गलत व्यवहार तो नहीं करती हैं। अक्सर बच्चे मां-पिता से ही सीखतें हैं। हो सकता है कि आप बच्चे से अक्सर एग्रेसिव होकर बात करती हों। या फिर जरा सी बात पर उसे मारने लगती हो। अक्सर पेरेंट्स का एग्रेसिव नेचर भी बच्चे को शैतान बच्चा बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आपको इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
शैतान बच्चा है तो आशावादी सोच अपनाएं (Adopt optimistic thinking)
किसी भी बात को लेकर आशावादी सोच अपनाने से काम आसान महसूस होने लगते हैं। हो सकता है कि आपने पहले कभी इस तरह का एक्सपीरियंस न किया हो, लेकिन ऐसा करके देखें। एक बात और भी ध्यान रखें कि अगर आपसे कोई गलती हो जाए तो उसे बच्चे के सामने एक्सेप्ट जरूर करें। ऐसा करने से बच्चों को भी इस बात का एहसास होगा कि अगर गलती की है तो उसे एक्सेप्ट जरूर करना चाहिए।
शैतान बच्चा है तो रूल्स कर सकती हैं चेंज
शैतान बच्चा जिद्दी भी हो सकता है। जिद्दी बच्चों को अक्सर एक जैसे नियम पसंद नहीं आते हैं। जैसे कि उन्हें रोजाना ब्रेकफास्ट में दूध और बिस्किट नहीं पसंद आएगा। ऐसे में बच्चे के लिए कुछ दिनों में अपने आप ही चेंज करें, ताकि उसे एक ही चीज से बोर फील न होने लगे। ऐसा खेल और रोजाना के बनाए गए नियमों के साथ भी किया जा सकता है। आप महसूस करेंगे कि अब बच्चा चीजों को अधिक एंजॉय कर रहा है और उसका दिमाग अन्य जगह शैतानी करने में नहीं लगा हुआ है।